Cheque Signature Rule: चेक के पीछे साइन करने की खास वजह यह है कि बैंकों का खुद को सुरक्षित करना है। इससे यह तय हो जाता है कि इस चेक के जरिए किया जाने वाला ट्रांजैक्शन आपकी सहमति से हुआ है और इसमें किसी तरह की गलती होने पर बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। अगर बियरर चेक खो जाता है, तो बैंक भुगतान कर देता है, तो दावे के वक्त बैंक अपनी स्थिति साफ कर सकता है। साथ ही, अगर कोई गलत व्यक्ति को ट्रांसफर हो जाता है, तो उसमें बैंक की कोई गलती नहीं है।
चेक के पीछे साइन करने को सबूत कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति साइन करने से मना करता है, तो उसे कैश निकालने के लिए बैंक में फ़ॉर्म भरकर आवेदन देना होता है। बैंक उस व्यक्ति की पूरी जानकारी एक पेपर पर लिखने के बाद ही उसे पैसे निकालने की अनुमति देता है। ऑर्डर चेक के मामले में चेक के पीछे साइन की जरूरत नहीं होती।
चेक भेजने वाला व्यक्ति चेक के सामने सिग्नेचर करता है, ताकि बताई गई रकम उसके बैंक खाते से निकलकर चेक रिसीवर को दी जा सके। वहीं, चेक पाने वाले व्यक्ति को चेक लेन-देन को अंतिम रूप देने और पैसा पाने के लिए चेक के पीछे सिग्नेचर या समर्थन करना होता है।
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हालांकि, हर चेक के पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता। सिर्फ बियरर चेक के पीछे साइन किया जाता है। बियरर चेक, वह चेक होता है, जिसे बैंक में जमा कराया जाता है और उसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता। इस चेक की मदद से कोई भी कैश बैंक से निकाल सकता है। अगर इस तरह के चेक से कोई फ़्रॉड होता है, तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं होती। इसलिए, बैंक बियरर्स चेक के पीछे साइन करवाता है। पीछे साइन किए बिना बैंक बियरर्स चेक को स्वीकार नहीं करता।
अगर कोई चेक एक से ज़्यादा लोगों या कंपनियों के लिए है, तो चेक के पीछे दूसरे पक्ष के सिग्नेचर जरूरी होते हैं। या, अगर कोई आपको अपना बना हुआ चेक दे रहा है, तो उसके पीछे भी उसके सिग्नेचर होने चाहिए।
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अगर चेक पर सही सिग्नेचर नहीं है, तो चेक से पेमेंट प्रोसेस में देरी हो सकती है। अगर रिसीवर चेक जमा करने की कोशिश करता है, तो बैंक संभवतः समस्या का पता लगा लेगा और अकाउंट होल्डर से संपर्क करेगा। इस देरी की वजह से किसी भी डिलेड ट्रांजैक्शन या पेमेंट को प्रभावित हो सकती है। अगर चेक काटने वाले का सिग्नेचर यानी साइन बैंक में मौजूद सिग्नेचर से मेल नहीं खाता, तो भी चेक बाउंस हो जाएगा। बैंक ऐसे चेक का भुगतान नहीं करते हैं, जिसमें जारीकर्ता के सिग्नेचर मेल नहीं खाते। इसलिए बेहतर होगा कि चेक जारी करने से पहले यह तय कर लें कि आपका सिग्नेचर बैंक के सिग्नेचर से मेल खाता हो।
अगर आपने चेक लिखते समय कोई गलती की है, तो आमतौर पर चेक रद्द करना और नया चेक शुरू करना सबसे सुरक्षित होता है। अगर यह कोई विकल्प नहीं है या आपकी गलती ठीक करने योग्य है, तो अपनी गलती पर एक साफ रेखा खींचें और उसके ठीक ऊपर सुधार लिखें।
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