जहां तक कपड़ों का सवाल है तो उनका इतिहास बहुत ही ज्यादा रोचक रहा है और हमने ये देखा है कि पिछले कई दशकों में किस तरह से पहनावे में बदलाव आया है। हर 10 सालों में फैशन बहुत बदल जाता है। 2010 में जिस तरह के कपड़े पहने जाते थे वो 2012 में नहीं पहने जाते हैं। जहां तक कपड़ों का सवाल है तो इसमें कई चीज़ें ऐसी भी होती हैं जिनका उपयोग क्या है वो समझ ही नहीं आता है। उदाहरण के तौर पर ब्रा के सामने Bow क्यों लगा होता है इसके बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं होती है और इसका अब इस्तेमाल नहीं होता है।
ऐसे ही क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है कि कोट की स्लीव्स में 3 बटन क्यों दिए गए होते हैं? ये बटन कोट के बटन्स से भी अलग होते हैं तो फिर क्यों इन्हें स्लीव्स पर ऐसे लगवाया जाता है? इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण था और शुरुआती दौर में इनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता था। तो चलिए आज आपको इनके बारे में ही बताते हैं कि आखिर क्यों कोट की स्लीव्स में तीन बटन रखे गए हैं।
इनका इतिहास बताने से पहले मैं आपको इनके नाम के बारे में बता दूं। इन बटन्स को दुनिया भर में किसिंग बटन्स के नाम से ज्यादा जाता है। जी हां, आप गूगल पर kissing buttons सर्च करेंगे तो आपके सामने यही बटन्स आएंगे। ये तीन होते हैं और आजकल ट्रेंड ये है कि कोट के बटन्स से मैच करते हुए ये बटन्स बनाए जाते हैं। पर फिर भी इन्हें कोट के वेस्ट बटन्स से रिप्लेस नहीं किया जा सकता है क्योंकि इनकी अलग जगह होती है।
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अब बात करते हैं सूट की स्लीव्स पर बटन्स की हिस्ट्री के बारे में। चर्चित कहानी मानती है कि ये मिलिट्री से ही शुरू हुए थे। इसकी शुरुआत सटीक तौर पर कब हुई ये तो नहीं बताया जा सकता है, लेकिन अगर हम बात करें प्रचलित कहानी की तो उसके अनुसार ये शुरुआती दौर में बहुत ही कारगर साबित होते थे। इसकी शुरुआत यूरोपीय देशों से हुई थी जहां पर सिपाहियों को कोट पहनने होते थे। इसके लिए कई ऐतिहासिक लोगों का नाम लिया जाता है जैसे क्वीन एलिजाबेथ I, फ्रेड्रिक 2 ऑफ पर्शिया, नेपोलियन एडमिरल नेल्सन आदि।
माना जाता है कि इन्हीं में से एक ने इसकी शुरुआत की थी। कहानी के अनुसार, जब सेना प्रमुख सेना का मुआयना कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि कई सिपाहियों के कोट की स्लीव्स गंदी थी। जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पता चला कि कई सिपाही अपनी नाक, मुंह या आंसू पोंछने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।(महिलाओं की जीन्स में जिपर क्यों होता है)
इस आदत के कारण सिपाहियों का लुक बहुत खराब होता था। अपने कोट की स्लीव्स को वो रुमाल की तरह ना इस्तेमाल करें इसलिए सिपाहियों की स्लीव्स में बटन लगाने की सलाह दी गई। ये तरीका सिर्फ सिपाहियों की आदत बदलने के लिए अपनाया गया था।
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एक और चर्चित स्टोरी जो इसे लेकर बताई जाती है वो ये कि विक्टोरियन जमाने में अधिकतर लोगों के कपड़ों की स्लीव्स खुली हुई रहती थीं। ऐसे में बटन और बटन होल रखना जरूरी था ताकि स्लीव्स खोलने की जरूरत महसूस हो तो फिर उन्हें खोला जा सके। इसके लिए, उस समय के टेलरों ने जैकेट में बटन लगाना शुरू किया।
तो इस तरह हुई जैकेट में बटन लगने की शुरुआत। क्या आपको इस जानकारी के बारे में पता था? अगर नहीं तो इस जानकारी को दूसरों के साथ शेयर भी करें और इस स्टोरी को शेयर जरूर करें। ऐसी ही अनोखी जानकारी और फैक्ट्स हम आपके पास तक लाते रहेंगे। तो अपना जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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