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Akshaya Tritiya 2023: जानें क्या है अक्षय तृतीया मनाने के पीछे 4 मुख्य कारण

अक्षय तृतीया पर विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन आभूषण खरीदना भी बहुत अच्छा माना जाता है लेकिन यह पर्व क्यों मनाते हैं आइए जानते हैं।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-04-22, 12:17 IST

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। संस्कृत में अक्षय का अर्थ है 'शाश्वत, खुशी, सफलता और आनंद की कभी न खत्म होने वाली भावना' और तृतीया का अर्थ है 'तीसरा'। इस दिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुआ था। अक्षय तृतीया का पर्व तीन मुख्य कारणों से मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि वह तीन मुख्य कारण कौन-कौन से हैं।

मां गंगा से जुड़ा हुआ कारण

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही स्वर्ग से पृथ्वी पर माता गंगा अवतरित हुई थी और माता गंगा को पृथ्वी पर अवतरित कराने के लिए राजा भगीरथ में हजारों वर्ष तक तपस्या की थी। मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया पर गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

माता अन्नपूर्णा का जन्म

आपको बता दें कि माता अन्नपूर्णा की उत्पत्ति अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है और अक्षय तृतीया के दिन भी माता अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से भोजन का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन गरीबों को भोजन कराने का विधान होता है और माना जाता है कि अगर इस दिन लोगों को भोजन कराया जाए तो घर में भोजन की कमी नहीं होती है।

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महाभारत लिखना शुरू किया

सनातन धर्म में महाभारत को पांचवे वेद के रूप में माना जाता है और महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत में ही श्रीमद्भागवत गीता समाहित है और अक्षय तृतीया के दिन गीता के 18वें अध्याय का पाठ करना शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन महाभारत का पाठ पढ़ना भी शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा

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आपको बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका देवी के घर जन्म लिया था(अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और विवाह करने का महत्व) और भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा करने का भी विधान होता है।

तो यह थी अक्षय तृतीया से जुड़ी जानकारी। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। साथ ही, आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें कमेंट कर जरूर बताएं और इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।

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