मान्यतानुसार धनतेरस के आगमन के साथ ही दिवाली के त्योहार का शुभारम्भ हो जाता है। इस बार दिवाली का पर्व 14 नवम्बर को है, वहीं धनतेरस 13 नवम्बर को मनाया जाएगा। धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है और आमतौर पर ये दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। दिवाली के इस पांच दिवसीय उत्सव के दौरान, लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने घर को रोशनी और फूलों से सजाते हैं। धनतेरस के दिन को विशेष रूप से शुभ खरीदारी द्वारा चिह्नित किया जाता है और इस दिन लोग सोने, चांदी और बर्तनों की खरीदारी करते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन बर्तनों की खरीदारी करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। आइए आपको बताते हैं धनतेरस के दिन बर्तनों को खरीदारी क्यों की जाती है।
क्या है धनतेरस का त्योहार
दिवाली का त्योहार पांच दिनों की अवधि का होता है। जिसमें सबसे पहले धनतेरस होता है ,उसके बाद नरक चतुर्दशी, फिर दिवाली और गोवर्धन पूजा तथा सबसे बाद में भाई दूज के साथ दिवाली के त्योहार का समापन हो जाता है। दीपोत्सव यानी दिवाली के उत्सव के पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है, जहां लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी दिवाली के पहले दिन लोगों को स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के साथ आशीर्वाद देने के लिए घरों में विचरण करने के लिए आती हैं और उनका स्वागत करने के लिए, लोग पूजा करते हैं और दीप प्रज्ज्वलित करते हैं। पूजा के अलावा, धनतेरस का एक आकर्षण सोने, चांदी, पीतल से बने आभूषण और बर्तनों की खरीदारी करना होता है।
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क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन
धनतेरस वाले दिन बर्तन खरीदने के पीछे एक पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार राजा हिम के पुत्र को मृत्यु का भय था क्योंकि ये भविष्वाणी हुई थी कि विवाह के चौथे दिन राजा के पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। विवाह के चौथे दिन जब यमराज सर्प का रूप धारण कर राजा के पुत्र को लेने आए, तो उनकी नवविवाहिता पत्नी ने साहस दिखाते हुए कमरे के चारों तरफ दीप प्रज्ज्वलित कर दिए और अपने सारे आभूषण और बर्तन कमरे के मुख्य प्रवेश द्वार पर रख दिए। सोने चांदी के आभूषणों की चकाचौंध से सर्प की आंखे भ्रमित हो गईं और वह बिना राजा के पुत्र की आत्मा को लिए चला गया । उसी समय से धनतेरस में बर्तन और गहने खरीदना शुभ माना जाने लगा। यह भी मान्यता है कि इस दिन बर्तनों की खरीदारी करने से धन की वर्षा होती है और घर में सुख शांति आती है।
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इस कथा के प्रचलन की वजह से ही धनतेरस के दिन बर्तनों की खरीदारी (धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना होता है शुभ) को सर्वप्रमुख माना गया है। इस दिन बर्तन खरीदने के कई लाभों को ध्यान में रखकर ही लोग बर्तनों की खरीदारी जरूर करते हैं।
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Image Credit: free pik
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