अक्सर हम देखते हैं कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही लोग बच्चे के लिए कई तरह के गहने लाते हैं और उन्हें हाथों और पैरों में पहनाते हैं। हमारे देश में बच्चों के लिए धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से जुड़े गहने पहनना काफी आम है और इसका महत्व भी बहुत ज्यादा बताया जाता है।
भारत में, शिशुओं को हाथ में पहने जाने वाले कंगन, पैरों में पहनने वाली पायल, गले की चेन जैसे कई गहने पहनने की प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। मुख्य रूप से बच्चों को हाथों में चांदी के कड़े और पैरों में पायल पहनाने की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है।
ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बच्चों के लिए चांदी पहनना कई तरह से फायदेमंद होता है। आइए नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से जानें कि बच्चों को चांदी के कड़े और पैरों में पायल पहनाने के पीछे क्या कारण हैं और इसके फायदे क्या हैं।
ज्योतिष की मानें तो चांदी एक चंद्रमा की धातु है और चंद्रमा को समृद्धि और मन का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चांदी पहनने (पैरों में सोना क्यों नहीं पहना जाता है) से सेहत पर भी अच्छा प्रभाव होता है। चांदी एक प्रतिक्रियाशील धातु है और किसी के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को वापस शरीर में लौट आती है।
यह भी कहा जा सकता है कि हमारे शरीर से जो ऊर्जा निकलती है उसे बाहर जाने से रोकती है। ज्यादातर ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर में सबसे ज्यादा ऊर्जा हाथों और पैरों से ही बाहर निकलती है। इसलिए यदि बच्चे को हाथ -पैर में चांदी पहनाई जाती है तो उसके शरीर से ऊर्जा बाहर नहीं निकल पाती है और बच्चे खुद को ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं।
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विज्ञान की मानें तो चांदी एक कीटाणुनाशक धातु है इसलिए यदि हम सेहत को ध्यान में रखते हुए बात करें तो चांदी बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास करती है और बच्चे ज्यादा सेहतमंद बने रहते हैं। चांदी बच्चों के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है और बच्चों को कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है।
चांदी के कड़े और पायल पहनने की वजह से जब बच्चों के शरीर से ज्यादा ऊर्जा का ह्रास नहीं होता है तो उनके हाथ और पैर ज्यादा मजबूत हो जाते हैं और बच्चे ज्यादा एक्टिव रहते हैं।
चांदी को मन का कारक भी माना जाता है इसलिए यदि छोटे बच्चे चांदी के पायल और कड़े पहनते हैं तो उनके मन में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं और उनका दिमाग तेज होने में मदद मिलती है। इससे बच्चा मानसिक रूप से बहुत अलर्ट रहता है। चांदी शरीर की पॉजिटिव एनर्जी में भी सहायक होती है और बच्चे ऊर्जावान महसूस करते हैं। ये बच्चों के मानसिक विकास में सहायता करती है।
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चांदी को चन्द्रमा की धातु माना जाता है इसलिए छोटे बच्चों को इसके कड़े और पायल पहनने की सलाह दी जाती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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