Vastu Tips: कौन सी धातु के बर्तन में करें भोजन, पंडित जी से जानें लाभ और हानि

पंडित कैलाश नारायण शर्मा से जानें कि वास्‍तु के अनुसार किस धातु से बने बर्तनों में भोजन करने से आपको हो सकता है लाभ। 

silver utensils benefits

वास्‍तु शास्‍त्र में मानव जीवन को सुखमय और शांतिपूर्ण बनाने के कई उपाय बताए गए हैं। रहन-सहन के तरीकों से लेकर खान-पान के नियमों तक का वास्‍तु शास्‍त्र में उल्‍लेख मिलता है। घर में कौन सी वस्‍तु सकारात्मक ऊर्जा लाती है और कौन सी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, वास्‍तु में इन सभी बातों का जिक्र किया गया है। वास्‍तु शास्‍त्र में घर की रसोई और उससे जुड़े कई विषयों पर बात की गई है, जिसका असर घर के वातावरण के साथ ही सेहत पर भी पड़ता है। रसोई घर के रख-रखाव से लेकर खाना पकाने और परोसने की सही विधि भी वास्‍तु शास्‍त्र में बताई गई है। आज इसी कड़ी में हम बात करेंगे कि किस धातु के बर्तन में भोजन करना वास्‍तु के हिसाब से अच्‍छा माना गया है और सेहत पर इसका क्‍या असर पड़ता है।

उज्‍जैन के पंडित कैलाश नारायण शर्मा बाताते हैं, 'बाजार में कई तरह के फैंसी बर्तन आने लगे हैं। यह दिखावट में आकर्षक लगते हैं मगर, इनमें भोजन करना सेहत के लिए उचित नहीं है। अगर आपको अपनी सेहत सही रखनी है तो आपको केवल स्‍टील, सोना, चांदी, पीतल, तांबा आदि धातुओं से बने बर्तनों में ही भोजन करना चाहिए।'

पंडित जी ने हर धातु के बर्तन में भोजन करने से सेहत को मिलने वाले लाभ भी बताए हैं। जो इस प्रकार हैं:

स्टील

आमतौर पर सभी घरों में स्टील के बर्तनों में ही भोजन परोसा जाता है। पंडित जी कहते हैं, 'स्‍टील के बर्तन में खाना खाने से न तो शरीर को कोई फायदा पहुंचता है और न ही कोई नुकसान।' स्‍टील के बर्तनों को रसोई में हमेशा पश्चिम दिशा में रखना ही अच्‍छा माना गया है, इससे अच्‍छी सेहत के साथ-साथ घर वालों के बीच आपसी प्‍यार भी बना रहता है।

healthiest metal to eat

सोना

पुराणों में सोने के बर्तन में भोजन करने की बात कही गई है। मगर, महंगाई के ज़माने में सोने के बर्तन में भोजन करना धनवान व्‍यक्ति के लिए संभव हो सकता है मगर, मिडिल क्‍लास और गरीब तबके के परिवारों में यह असंभव है। मगर, सोने के बर्तन में भोजन करना और पकाना दोनों ही सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। पंडित जी बताते हैं, 'सोना एक गर्म धातु है और यदि इस धातु के बर्तन में भोजन किया जाए तो शरीर मजबूत होता है और आंखों की रौशनी तेज होती है। भोजन के वक्‍त सोने का केवल चम्‍मच भी इस्‍तेमाल करेंगे तो उससे सेहत को बहुत फायदा होगा।' वास्‍तु के अनुसार यदि आप सोने के पात्र में भोजन करते हैं तो इससे देवी लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होती हैं।

चाँदी

मानसिक शांति के लिए आपको चांदी के बर्तनों में भोजन करना चाहिए। चांदी एक ठंडी धातु होती है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाती है। रसोई घर में चांदी के बर्तन को हमेशा उत्‍तर-पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए। चांदी के बर्तन में भोजन करने से पित्तदोष, कफ और वायुदोष नियंत्रित रहता है।

इसे जरूर पढ़ें:खाना पकाने वाले बर्तनों को करेंगी नजरअंदाज तो हो जाएंगी बीमार

Important Vastu Tips for Kitchen

तांबा

शास्‍त्रों में तांबे को भी पवित्र धातु माना गया है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के लाभ भी कई सारे माने गए हैं।पंडित जी कहते हैं, 'तांबा एक ऐसी धातु है, जो सूर्य दोष दूर करती है। यह मन को शांत करती है और तनाव को दूर करती है। जिस घर में तांबे के बर्तन में भोजन किया जाता है, वहां आपसी मतभेद कभी नहीं होते हैं। '

पीतल

पीतल धातु मां लक्ष्‍मी को अति प्रिय है। यदि आप चाहते हैं कि घर में देवी लक्ष्‍मी का वास हो और समृद्धि आए तो रसोई में पीतल के बर्तनों को जरूर रखें। हो सके तो पीतल के बर्तन में ही भोजन पकाएं और ग्रहण करें। यदि यह संभव नहीं है तो रोज पीतल के ग्‍लास में पानी पीएं। पीतल से कफ और वायुदोष दूर होता है। पंडित जी कहते हैं, 'पीतल के बर्तन में यदि आप खाना पकाएंगे तो केवल 7% पोषक तत्व ही नष्ट होंगे।'

वास्‍तु शास्‍त्र में बताई गईं इन 5 धातुओं से बने बर्तन में आप भी एक बार भोजन करके देखें, लाभ जरूर मिलेगा। वास्‍तु और धर्म से जुड़ी जानकारी के लिए पढ़ती रहें HerZindagi।

Recommended Video

Image Credit:freepik
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP