सेना के जवान पुल पर कभी मार्च क्यों नहीं करते? वजह जानकर भौचक्का रह जाएगा दिमाग

Why Do Army Soldiers Never March on Bridge: सेना के जवानों को कई तरह के नियमों में रहकर काम करना होता है। इसी तरह से आपने सुना होगा कि सेना के जवान कभी भी पुल पर मार्च नहीं करते। क्या आप जानते हैं कि सेना के जवान पुल पर कभी मार्च क्यों नहीं करते? 
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-02-04, 17:30 IST
Why Do Army Soldiers Never March on Bridge

Why Is It Not Advisable For Soldiers To March: 26 जनवरी की परेड को लेकर पूरे भारत में बहुत ही क्रेज रहता है। हर कोई इस वक्त केवल सेना के जवानों की मार्च देखने के लिए टीवी स्क्रीन से चिपका नजर आता है। इस बार भी आपने कर्तव्य पथ पर हुई परेड तो जरूर ही देखी होगी। परेड देखकर हर भारतवासी गर्व महसूस करता है। इस दौरान हर जवान कदमताल करता हुई जोश से लबरेज नजर आता है। जमीन पर पड़ता जवानों का हर कदम परेड देख रहे लोगों को जोश से भर देता है।

अब ये परेड फिर से अगले 26 जनवरी के मौके पर देखने को मिलेगी, लेकिन इससे जुड़े फैक्ट्स जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। क्या आप ये जानते हैं कि सेना के जवानों को ब्रिज पर मार्च करने की इजाजत नहीं होती। जब कोई दस्ता किसी पुल से गुजर रहा होता है, उस दौरान वे अपना सिंक तोड़ देते हैं और सामान्य चाल चलते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों? आइए जानें, आखिर क्यों सेना के जवान पुल पर कभी मार्च क्यों नहीं करते?

फिजिक्स करती है काम

Physics works

ब्रिज पर सैनिकों के मार्च का करने के पीछे एक साइंस काम करता है। असल में इसके पीछे फिजिक्स काम करती है, जिसे ऑसीलेशन यानी कि दोलन कहा जाता है। जब सैनिक किसी ब्रिज पर मार्च करते हैं, तो यह ऑसीलेशन काम करती है। दरअसल, जब बहुत सारे सैनिक किसी पुल पर एक साथ मार्च करते हैं, तो उनकी कदमताल से फ्रीक्वेंसी पैदा होती है। यही फ्रीक्वेंसी पुल की नेचुरल फ्रीक्वेंसी से मेल नहीं कर पाती। जब एक पुल पर लग रही फोर्स की फ्रीक्वेंसी उसके बराबर होती है, तो रेजोनेंस होता है। इससे बड़ा हासदा होने का खतरा रहता है। रेजोनेंस के कारण पुल में तनाव की स्थिति बनेगी और उसके ढहने की खतरा बढ़ सकता है।

खतरे से बचने के लिए बनाया गया नियम

rule made to avoid danger

एक साथ सैनिकों के मार्च करने से पुल में रेजोनेंस आ सकता है। इससे पुल गिरने का खतरा बना रहता है। इसी कारण पुल पर कभी भी सैनिक एक साथ मार्च नहीं करते। इसी कारण जब सभी जवान पुल को सामान्य तरीके से पार करते हैं, तो ऑसीलेशन पैदा होता है। इससे रेजोनेंस फोर्स कैंसिल हो जाता है।

इतिहास में हो चुके है कई हादसे

Many accidents have happened in history

इतिहास में कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं, जब सैनिकों ने एक साथ पुल पर मार्च किया और इससे बड़े हादसे हुए हों। इंग्लैंड में साल 1831 में इरवेल नदी पर बने ब्रॉटन सस्पेंशन ब्रिज पर ब्रिटिश आर्मी के जवानों ने मार्च किया था। एक साथ कई सैनिकों ने इस ब्रिज पर मार्च किया, जिससे पुल ही ढह गया और 20 जवान जख्मी हो गए थे। 1850 में फ्रांस के एंगर्स सस्पेंशन ब्रिज पर भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था। इस हादसे में 200 से ज्यादा जवानों ने अपनी जान गवां दी थी।

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Image Credit:Freepik/Her Zindagi/Meta AI

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