क्यों बैंक करते हैं क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार फोन, क्या इससे होता है कोई फायदा या छिपा होता है जाल? यहां आसान भाषा में समझें

क्या आपके पास क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक बार-बार फोन करता है? क्या आप जानते हैं इससे बैंक का कोई फायदा होता है या इसके पीछे कोई जाल होता है? अगर नहीं, तो आइए इस बारे में यहां डिटेल से जानते हैं। 
Why Banks Offer Credit Cards

बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार फोन करती हैं। एक बार मना करने के बाद भी हर दूसरे दिन क्रेडिट कार्ड के लिए फोन आ जाता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों ये कॉल्स बार-बार आते हैं? अक्सर लोग इन कॉल्स से परेशान हो जाते हैं लेकिन, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बिना सोचे-समझे ऐसे ऑफर्स का फायदा उठा लेते हैं और बाद में पछताते हैं।

क्रेडिट कार्ड एक ऐसा टूल है जो अगर समझदारी से इस्तेमाल किया जाए तो बहुत फायदेमंद हो सकता है। शॉपिंग से लेकर इमरजेंसी खर्चों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है और रिवॉर्ड्स-कैशबैक का फायदा उठाया जा सकता है। वहीं, अगर लापरवाही की जाए तो यह कर्ज के दलदल में धकेल सकता है। ऐसे में अगर आपके पास भी बार-बार क्रेडिट कार्ड के लिए फोन आता है, तो किसी भी ऑफर के लालच में फंसने से पहले यहां जान लें कि बैंक या फाइनेंशियल कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं।

क्यों क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार फोन करते हैं बैंक?

how banks earn from credit cards

RBI के डेटा के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत में ही देश में 11 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड इश्यू हो चुके हैं। यह ग्रोथ बैंकों के प्रॉफिटेबेल बिजनेस मॉडल पर बेस्ड है, जिसमें इंटरेस्ट रेट और बिजनेस से मिलने वाले चार्ज से प्रॉफिट होता है। दरअसल, क्रेडिट कार्ड न सिर्फ बैंकों की इनकम का एक स्टेबल सोर्स है, बल्कि यह ग्राहकों की संख्या बढ़ाने और कंज्यूमर स्पेंडिंग को भी बढ़ाने का तरीका है।

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बैंक क्रेडिट कार्ड से कई तरह से कमाई करते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न जमा करें, तो बैंक आपसे हाई इंटरेस्ट रेट चार्ज करता है। एनुअल फीस के अलावा, कार्ड री-इश्यू फीस और इंटरचेंज फीस भी चार्ज की जाती है, जो बैंक की कमाई का मेन सोर्स है। इंटरचेंज फीस वो चार्ज होता है जो मर्चेंट हर ट्रांजेक्शन पर बैंक को देता है। यही वजह है कि भारत में बैंक क्रेडिट कार्ड बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।

ग्राहकों को कैसे लुभाता है क्रेडिट कार्ड?

how bank earns profits from credit cards

बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर रिवार्ड स्कीम्स, कैशबैक, ट्रैवल पर डिस्काउंट और क्रेडिट स्कोर बनाने का मौका देते हैं। आजकल भारत में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर क्रेडिट हिस्ट्री बनाने का ट्रेंड चल रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि इससे भविष्य में लोन लेने में आसानी होती है। अगर आप रेगुलर बिल देते हैं तो यह आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ाता है।

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अगर आपके पास बार-बार बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों के फोन आते हैं तो किसी भी लालच या स्कीम के जाल में फंसने से पहले यह जान लें कि ऐसा बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों का सिर्फ और सिर्फ प्रॉफिट बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

क्रेडिट कार्ड के लिए फोन आता है और रिवॉर्ड्स या स्कीम्स आपको लुभा रहे हैं तो पहले बैंकों का बिजनेस मॉडल समझ लें फिर फैसला लें। बड़े बैंकों के क्रेडिट कार्ड के पोर्टफोलियो तेजी से बढ़ रहे हैं, जो उनका मुनाफा भी बढ़ा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बैंक सिर्फ अपना मुनाफा बढ़ा रहे हैं, वह कस्टमर की सिक्योरिटी और सर्विस में भी इनवेस्ट कर रहे हैं। हालांकि, कोई भी क्रेडिट कार्ड लेने से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें और अपने गोल्स को समझें। यह आपको क्रेडिट कार्ड लेना है या नहीं और कौन-सा लेना है यह फैसला करने में मदद कर सकता है।

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Image Credit: Freepik

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FAQ

  • क्रेडिट कार्ड से बैंक कैसे कमाई करते हैं?

    बैंक क्रेडिट कार्ड की एनुअल फीस, चार्ज और मर्चेंट से ट्रांजेक्शन फीस आदि से कमाई करते हैं।