शहरों में 20-30 फ्लोर की बिल्डिंग्स होना बहुत आम हो गया है। इन बिल्डिंग की ऊंचाई पर पहुंचकर शहर की अन्य इमारतें खूब छोटी दिखाई देती हैं। रात के समय ऊंची बिल्डिंग को देखना और भी खूबसूरत लगता है, क्योंकि इनमें तरह-तरह की लाइट्स टिमटिमाती नजर आती हैं। लेकिन, क्या आपने कभी ऊंची बिल्डिंग पर लगी लाल लाइट को नोटिस किया है। यह लाल लाइट पहली नजर में तो खूब अट्रैक्टिव लगती है, पर इनका असली काम केवल अच्छा दिखना नहीं होता है। जी हां, ऊंची बिल्डिंग्स पर टिमटिमाने वाली लाल लाइट के पीछे सेफ्टी और साइंटफिक वजह होती है।
ऊंची बिल्डिंग्स पर लाल लाइट लगाने की पीछे की वजह एयरक्राफ्ट सेफ्टी होती है। यह रेड लाइट्स डेकोरेशन या अट्रैक्टिव नहीं, बल्कि एयर प्लेन सेफ फ्लाई कर सकें, इसलिए लगाई जाती है। ऊंची बिल्डिंग्स पर लगने वाली लाल लाइट को एयरक्रॉफ्ट वॉर्निंग लाइट और एविएशन ऑब्स्टेकल लाइट भी कहा जाता है।
क्यों ऊंची बिल्डिंग पर लाल लाइट लगी होती है?
ऊंची बिल्डिंग्स, कम्यूनिकेशन टॉवर और पावर टरबाइन्स पर यह लाल लाइट लगाए जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर विमान नीचे उड़ रहा है, तो हाई राइज बिल्डिंग या टॉवर से टकरा न जाए। यह लाल लाइट तब ज्यादा जरूरी हो जाती है, जब खराब मौसम और फॉग की समस्या होती है। ऊंची बिल्डिंग्स पर यह लाल लाइट हमेशा जलती रहती है, जिससे विमान उड़ाने वालों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े और दुर्घटना को भी रोकने में मदद मिल सके। यह लाल लाइट एयरप्लेन उड़ाने वाले पायलट को संकेत देती है जिससे वह अपना दिशा या ऊंचाई बदल ले और बिल्डिंग या टॉवर से टकराने से बच जाए।
ऊंची बिल्डिंग्स या कम्यूनिकेशन टॉवर पर लगी रेड लाइट एयरप्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए नेविगेशन का भी काम करती है। कई बार एयरप्लेन या हेलीकॉप्टर खराब मौसम या रात के अंधेरे में रास्ता भटक जाते हैं, तो ऐसे में यह लाल लाइट उन्हें सही डायरेक्शन दिखाने में भी मदद कर सकती है।
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ऊंची बिल्डिंग पर लाल लाइट लगाने के नियम
ऊंची बिल्डिंग्स पर लाल लाइट लगाने को लेकर कई देशों में बहुत सख्त नियम हैं। भारत में भी ऊंची बिल्डिंग पर लाल लाइट लगाने को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। अगर बिल्डिंग की ऊंचाई 45 मीटर या उससे ज्यादा है, तो लाल लाइट लगाना अनिवार्य होता है। इससे छोटी ऊंचाई पर भी लाल लाइट सेफ्टी के हिसाब से लगाई जा सकती है।
ऊंची बिल्डिंग्स पर लाल लाइट के अलावा दूसरी लाइट क्यों नहीं लगाई जाती?
लाल लाइट को डेंजर यानी खतरे का निशान भी माना जाता है। यही वजह है कि लाल लाइट का ऊंची बिल्डिंग्स और टॉवर पर किया जाता है। अब यह सवाल उठता है कि केवल लाल लाइट को ही डेंजर की वॉर्निंग क्यों समझा जाता है। दरअसल, इसके पीछे एक साइंटफिक वजह है। माना जाता है कि लाल रंग की लाइट फॉग यानी धुंध और बारिश में दूर तक चमकती है, क्योंकि यह एयर मॉलिक्यूल्स यानी वायु के अणुओं में सबसे कम फैलती है। एयर मॉलिक्यूल्स में कम फैलने की वजह से ही लाल लाइट का इस्तेमाल हाई राइज यानी ऊंची बिल्डिंग और टॉवर की चोटी पर किया जाता है। इतना ही नहीं, लाल लाइट दूर से ही नजर आ जाती है और डेंजर का साइन देती है।
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लाल रंग की लाइट को केवल ऊंची बिल्डिंग्स ही नहीं, ट्रैफिक सिग्नल्स और फायर ईंजन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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