ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिपब्लिक डे की सेल शुरू हो गई है। ऐसे में एक बार फिर ग्राहकों के पास डिस्काउंट पर कपड़े से लेकर गैजेट्स लेने का मौका है। सेल के दिनों में ऑनलाइन महंगे-महंगे स्मार्टफोन और लैपटॉप खूब सस्ते में मिलते हैं। सेल के अलावा भी ऑनलाइन ऐसे कई प्रोडक्ट्स मिलते हैं, जो प्रीमियम से काफी कम रेट में होते हैं। यह और कोई नहीं बल्कि रिफर्बिश्ड होते हैं। आजकल, रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन और लैपटॉप लेने का ट्रेंड खूब बढ़ गया है। यह नए के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं।
रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस को लेकर ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि यह डिफेक्टेड होते हैं, इसी वजह से कंपनी उन्हें सस्ते रेट पर देती है। लेकिन, ऐसा नहीं है। रिफर्बिश्ड डिवाइस के सस्ते होने के पीछे एक अलग ही वजह होती है।
क्यों सस्ते में मिलते हैं रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन और लैपटॉप?
रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन और लैपटॉप के सस्ता होने की वजह समझने से पहले यह जान लेते हैं कि आखिर रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन-लैपटॉप कौन-से होते हैं। रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स वह होते हैं, जिनमें छोटे-छोटे डिफेक्ट होते हैं, जिन्हें वेंडर या आउटलेट की तरफ से वापिस कर दिया जाता है। ऐसे में कंपनियां इन प्रोडक्ट्स को फिर से सेटअप करती हैं और फिर मार्केट में बेचने के लिए भेजती हैं।
रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स को सेकेंड हैंड प्रोडक्ट नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि इन्हें कुछ समय इस्तेमाल के बाद रिसेल नहीं किया जा रहा है।
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रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स के लिए क्या होता है प्रोसेस?
- टेस्टिंग: रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स के लिए कंपनी एक प्रोसेस फॉलो करती है, जिसमें सबसे पहले टेस्टिंग आता है। वेंडर या आउटलेट की तरफ से वापिस आने वाले प्रोडक्ट्स को टेक्नीशियन और एक्सपर्ट सावधानी के साथ टेस्ट करते हैं और देखते हैं कि प्रोडक्ट में क्या-क्या कमी है और उसकी कितनी मरम्मत की जा सकती है।
- मरम्मत: टेस्टिंग के बाद मरम्मत की जाती है। कई बार मरम्मत में नया सॉफ्टवेयर, बैटरी, स्क्रीन आदि भी अपडेट की जाती है और फिर से प्रोडक्ट को नए जैसा बनाया जाता है।
- क्लिनिंग एंड टेस्टिंग: मरम्मत के बाद प्रोडक्ट्स की क्लीनिंग की जाती है और फिर से टेस्ट किया जाता है कि वह कितना सही चल रहा है और कितना नहीं। अगर टेस्टिंग में प्रोडक्ट क्लियर हो जाता है, तो उसकी ग्रेडिंग की जाती है।
- पैकेजिंग: ग्रेडिंग के बाद प्रोडक्ट की फिर से पैकिंग होती है और उसे मार्केट में री-सेल के लिए भेजा जाता है। रिफर्बिश्ड के बाद कंपनियां प्रोडक्ट्स को ओरिजिनल प्राइस से कम कीमत पर री-सेल के लिए लाती है।
क्या रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट में खराबी होती है?
रिफर्बिश्ड होने के बाद भी कई बार प्रोडक्ट में खराबी रह जाती है, जिसकी वजह से ग्राहक को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।
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- वारंटी: अगर आप रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट लेने जा रही हैं, तो सबसे पहले यह जरूर चेक करें कि कंपनी की तरफ से वारंटी दी जा रही है या नहीं। वहीं कंपनी की तरफ से वारंटी मिल रही है, तो वह कितने महीनों के लिए है यह भी जरूर देखें। (वारंटी और गारंटी में अंतर?)
- एक्ससरीज: रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट लेते समय उसके साथ जरूरी एक्ससरीज मिल रही हैं या नहीं, यह भी जरूर देख लेना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई बार पैकेजिंग के दौरान जरूरी एक्ससरीज मिस हो जाती हैं, जिसका नुकसान ग्राहक को हो सकता है।
- रिटर्न पॉलिसी: रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन या लैपटॉप लेते समय रिटर्न पॉलिसी पर भी जरूर ध्यान दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई बार प्रोडक्ट रिफर्बिश्ड होने के बाद भी खराब निकलता है, ऐसे में ग्राहक उसे आसानी से रिटर्न कर सके और अपने पैसे वापस पा सके इसके लिए कंपनी की पॉलिसी जरूर देखें।
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