Mahabharat Katha: महाभारत में कई ऐसे किरदार हैं जो न सिर्फ रहस्यमयी हैं बल्कि बेहद रोचक भी हैं। इन्हीं में से एक है जयद्रथ। जयद्रथ महाभारत का वो पात्र जिसके वध के लिए जहां एक ओर अर्जुन बेहद आतुर थे तो वहीं श्री कृष्ण ने भी अर्जुन का साथ देते हुए छल से उसके वध की योजना बनाई थी।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें महाभारत में जयद्रथ की भूमिका, अर्जुन की प्रतिज्ञा और क्यों अर्जुन जयद्रथ को मारना चाहते थे, इन सभी किस्सों के बारे में विस्तार से बताया जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
कौन था जयद्रथ?
जयद्रथ सिंधु देश का राजा और दुर्योधन का जीजा था। जयद्रथ का विवाह दुर्योधन (कौन थी दुर्योधन की पत्नी) की बहन दुशाला से हुआ था।
कैसे हुई जयद्रथ की पांडवों से दुश्मनी?
- कथा के अनुसार, जब पांडव चौसर के खेल में दुर्योधन से हार गए थे तब उन्होंने 12 वर्ष का वनवास स्वीकार किया था। इस अवधि में पांडव द्रौपदी और माता कुंती के साथ वन-वन भटक रहे थे।
- एक दिन जयद्रथ की नजर द्रौपदी पर पड़ी और उसने द्रौपदी का हरण कर लिया। जिसके बाद पांडवों ने उसे रोक कर उसे युद्ध में पराजित किया और उसके वध करने को सज्ज हो गए।

- तब अर्जुन ने भीम को याद दिलाया कि जयद्रथ दुशाला का पति है और बहन के पति का वध नहीं किया जा सकता है। तब भीम ने गुस्से में जयद्रथ का मुंडन कर उसके सिर पर 5 चोटी छोड़ दीं।
- बस इस घटना के बाद से जयद्रथ पांडवों का दुश्मन हो गया और क्रोध की अग्नि में बार-बार उनसे प्रतिशोध लेने की योजना बनाने लगा जिसका मौका उसे महाभारत युद्ध के दौरान मिला।
क्या थी अर्जुन की प्रतिज्ञा?
- जब महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने आचार्य द्रोण के बनाए हुए चक्रव्यूह में प्रवेश किया तब पांडव भी उसके पीछे-पीछे प्रवेश करने के लिए दौड़े।
- ऐसा इसलिए क्योंकि अभिमन्यु को चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो आता था लेकिन उसे भेदना नहीं। ऐसे में जब अर्जुन (क्यों अपने बेटे के हाथों मारे गए अर्जुन) ने अपने पुत्र के साथ चक्रव्यूह में प्रवेश करने का प्रयास किया तब जयद्रथ ने अर्जुन का रास्ता रोक दिया।

- अर्जुन को युद्ध के बहाने से जयद्रथ किसी अलग स्थान पर ले गया और जब तक अर्जुन जयद्रथ को परास्त कर युद्ध भूमि में पुनः लौटते तब तक अभिमन्यु का कौरवों के हाथों वध हो चुका था।
- इसी कारण से अर्जुन ने जयद्रथ को अभिमन्यु के वध का मुख्य कारण मानते हुए उसके वध की प्रतिज्ञा ली। प्रतिज्ञा के अनुसार या तो सूर्य ढलने से पहले अर्जुन उसका वध कर देंगे या फिर वो अग्नि में प्रवेश कर आत्मदाह करेंगे।
कौन सा वरदान था जयद्रथ के पास?
- जयद्रथ को यह वरदान प्राप्त था कि जो भी कोई उसको मारेगा और उसका शीश धढ़ से अलग करेगा उसकी भी मृत्यु हो जाएगी। जैसे ही जयद्रथ का शीश जमीन पर गिरेगा उसका सिर काटने वाले के सिर में भी विस्फोट हो जाएगा।

- इस वरदान को ध्यान में रखते हुए श्री कृष्ण ने अर्जुन को जयद्रथ का शीश काटकर उसके पिता की गोद में फेंकने को कहा। अर्जुन ने भी ऐसा ही किया। इस तरह जयद्रथ का वध भी हो गया और अर्जुन की प्रतिज्ञा भी पूर्ण हुई।
तो ये इस कारण से अर्जुन जयद्रथ को मारना चाहते थे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Pinterest, Twitter
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