सूप्रीम कोर्ट की ओर से राम मंदिर निर्माण का आदेश देने के बाद रामलला के जन्म भूमि अयोध्या धाम में मंदिर निर्माण की पूरी जिम्मेदारी चंपत राय जी संभाल रहे थे। 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर भूमि पूजन के बाद से लेकर अब तक, चंपत राय जी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव के रूप में मंदिर निर्माण की छोटी से लेकर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
राम मंदिर आंदोलन शुरु होने के बाद से चंपत राय 1980 के दशक से ही इसमें शामिल रहे हैं। रामलला के मंदिर से लेकर अयोध्या की गलियों के इतिहास के बारे में चंपत राय जी के ज्ञान को देखते हुए लोग उन्हें अयोध्या के इंसाक्लोपीडिया कहा जाता है। बता दें कि जब कोर्ट में रामजन्म भूमि का मामला चल रहा था, तब राय भगवान राम के निवास के बारे में दस्तावेजी साक्ष्य के साथ हिंदू पक्ष के वकीलो की मदद किया करते थे। इनके दस्तावेज भगवान राम के मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। भगवान राम के इस रिकॉर्ड-कीपर ने 6 दिसंबर, 1992 की कारसेवा में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उसी दिन ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराया गया था।
रामलला मंदिर के रिकॉर्ड कीपर चंपत राय के बारे में
चंपत राय का जन्म साल 1946 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला में हुआ था। इनका पूरा नाम चंपत राय बंसल है और शुरुआत से ही आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित थे। राम मंदिर आंदोलनमें शामिल होने से पहले चंपत राय बिजनौर के आरएसएस डिग्री कॉलेज में रसायन विज्ञान के लेक्चरार थे। चंपत राय के करीबी रिश्तेदार बताते हैं कि उन्हें 1975 में आपातकाल के दौरान आरएसएस से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एमंर्जेंसी के दौरान राय 18 महीने तक जेल में रहे थे और उन्हें एक से दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा रहा था।
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जेल से रिहा होने के बाद राय ने लेक्चरर की नौकरी छोड़ वीएचपी में शामिल हो गए थे। वीएचपी राम मंदिर आंदोलन का संचालन कर रही था। वीएचपी में शामिल होने के बाद चंपत राय ने अवध क्षेत्र के युवाओं को मंदिर आंदोलन में शामिल होने के लिए संगठित करने का काम किया। बता दें कि उनके काम और लग्न को देखते हुए उन्हें वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी दी गई थी।
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Image Credit: ANI
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