चुनाव नतीजों के बाद और शपथ ग्रहण से पहले किसी राज्य को कौन चलाता है? नहीं जानते होंगे आप

Government Rules: अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद और शपथ ग्रहण से पहले के बीच के समय में राज्य को कौन चलाता है। चलिए आज हम आपको इस बारे में बताते हैं।
who governs the state before oath ceremony

भारत के किसी न किसी राज्य में कई स्तरों पर चुनाव होते रहते हैं। हर राज्य में एक मुख्यमंत्री होता है, जो वहां का कर्ता धरता होता है। इसका मतलब है कि राज्य की बागडोर उनके हाथों में होती है। भारत में चुनाव के परिणाम बहुमत से घोषित होते हैं। इसके बाद, शपथ ग्रहण समारोह के लिए एक दिन तय किया जाता है। जिनकी जीत होती है, वे अन्य सदस्यों के सामने शपथ ग्रहण करते हैं। फिर जाकर राज्य की सत्ता नई सरकार को सौंप दी जाती है। ऐसे में, अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि चुनाव नतीजों के बाद और शपथ ग्रहण से पहले तक राज्य की सत्ता किसके हथों में होती है। चलिए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

शपथ ग्रहण से पहले किसके हाथो में होती है राज्य की सत्ता?

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चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने और किसी एक पार्टी या गठबंधन को पूर्णतः बहुमत मिलने के बाद राज्य के राज्यपाल द्वारा नई सरकार की गठन के लिए एक दिन तय किया है। इस खास दिन पर नई सरकार के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होता है। इसमें मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी शपथ लेते हैं।

चुनाव के बाद कई बार किसी नई पार्टी को बहुमत मिल जाता है। ऐसे में, पहले से सरकार चला रही पार्टी सत्ता से बाहर कर दी जाती है। इस अवधि के दौरान परिणाम चाहें जो भी हों पहले से सरकार चला रही गवर्नमेंट ही राज्य तो संभालने का काम करती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस अवधि को कार्यवाहक सरकार का कार्यकाल भी कहा जाता है।

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कार्यवाहक सरकार का क्या होता सही मतलब?

caretaker government rule in hindi

कार्यवाहक सरकार को अन्य शब्दों में केयरटेकर गवर्नमेंट भी कहा जाता है। यह चुनाव के बाद नई सरकार बनने से पहले राज्य में शासन की जिम्मेदारी संभालती हैं। स्पष्ट शब्दों में कहें तो इसका गठन तब किया जाता है, जब मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा हो चुका होता है और नई सरकार का गठन नहीं हुआ होता है। बात इसकी जिम्मेदारी की करें तो कार्यवाहक सरकार के पास प्रशासनिक और जरूरी कामों को ही लेकर फैसले लेने का अधिकार होता है। यह सरकार के बड़े और नीतिगत फैसले में शामिल नहीं हो सकती है। इस सरकार की अवधि सिर्फ तभी तक रहती है जब तक नई विधानसभा में कोई नई सरकार नहीं बन जाती है।

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Image credit- Meta AI


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