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कौन हैं शुभ-लाभ? जानें क्यों इनके चिह्नों को लगाने का है अत्यंत महत्व

आज हम आपको शुभ और लाभ कौन हैं और क्यों इनके चिह्नों को लगाने का अत्यंत महत्व है, इस बारे में बताने जा रहे हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-01-04, 17:37 IST

Who Are Shubh Labh: हिन्दू धर्म में शुभ-लाभ को धन, सुख-समृद्धि और वैभवता का प्रतीक माना गया है। घर में शुभ-लाभ का चिह्न लगाना बेहद शुभ माना जाता है। दिवाली के दिन खास तौर से घरों के बाहर मुख्य द्वार पर शुभ-लाभ लगाए जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुभ-लाभ कौन हैं और इनका इतना महत्व क्यों है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको शुभ-लाभ की सम्पूर्ण कथा और इनसे जुड़ी दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं। हमारे एक्सपर्ट ने हमें बताया कि शुभ-लाभ प्रथम पूज्य श्री गणेश और रिद्धि एवं सिद्धि के पुत्र हैं। साथ ही, श्री गणेश के पिता यानी कि भगवान शिव के पौत्र भी हैं।

  • शास्त्रों के अनुसार, शिव पुत्र श्री गणेश (श्री गणेश की आरती के लाभ)का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री ऋद्धि और सिद्धि नामक दो विदुषी कन्याओं से हुआ था जिसके बाद श्री गणेश को देवी रिद्धि से क्षेम और देवी सिद्धि से लाभ नामक दो पुत्रों की प्राप्ति हुई।

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  • क्षेम को जनलोक भाषा में शुभ कहा जाता है और लाभ का अर्थ तो सभी जानते हैं। इन्हीं शुभ-लाभ के चिह्नों को लोग घर में लगाते हैं जिससे सुख-समृद्धि और धन का वास बना रहे। साथ ही, श्री गणेश की कृपा भी बरसती रहे।

shubh labh

  • गणेश पुराण के अनुसार, शुभ और लाभ को केशं और लाभ नाम से भी जाना जाता है लेकिन इस नाम से इनकी पहचान केवल मंदिरों तक ही सीमित है। विशेष बात यह है की शुभ-लाभ का हिन्दू पंचांग में भी स्थान है।

ganesh putra shubh labh

  • चौघड़िया या मुहूर्त देखते समय अमृत काल के अलावा, शुभ और लाभ का मुहूर्त भी देखा जाता है। इतना ही नहीं, स्वास्तिक (इन जगहों पर नहीं बनाना चाहिए स्वास्तिक) श्री गणेश का ही स्वरूप है इसी कारण से शुभ-लाभ के चिह्न स्वास्तिक के साथ आते हैं।

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  • इस तरह से श्री गणेश अपने दोनों पुत्रों शुभ और लाभ के साथ घर में विराजते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। स्वास्तिक चिह्न हमेशा मध्य यानी की बीच में होता है। तो वहीं शुभ-लाभ बाईं और दाईं तरफ होने चाहिए।
  • इसके अलावा, शुभ-लाभ अंकित करने से रिद्धि एवं सिद्धि की भी प्राप्ति होती है। यहां तक कि घर की उन्नति होती है, धन लाभ होता है और आय में भी अपार वृद्धि के योग बनते हैं।

तो ये थी शुभ-लाभ की कथा और इनका महत्व। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock

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