Chess Olympiad 2024: शतरंज ओलंपियाड 2024 के पांचवें दौर में टीम इंडिया की लगातार पांचवीं मैच जीत। टीम इंडिया विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर्स डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी जैसे दो बेहतरीन फॉर्म में चल रहे सितारों की मदद से भारतीय पुरुष टीम ने रविवार को यहां 45वें शतरंज ओलंपियाड के पांचवें दौर में अजरबैजान के खिलाफ संभावित तीन में से आवश्यक 2.5 अंक हासिल किये। साथ ही महिला टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया था। इस लेख में आज हम आपको शतरंज ओलंपियाड में शामिल होने वाली भारतीय महिला सदस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी कि भारत को पहली बार चेस में मेडल कब मिला था।
भारतीय महिला टीम ने ओलंपियाड-2024 शतरंज में शानदार प्रदर्शन किया। महिला टीम की हरिका द्रोणावली, वैशाली रमेश बाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और कप्तान अभिजीत कुंटे की टीम ने 11वें राउंड में अजरबैजान को हराकर स्वर्ण पदक जीता।
🇮🇳India wins the 45th FIDE Women's #ChessOlympiad! 🏆 ♟
— International Chess Federation (@FIDE_chess) September 22, 2024
Congratulations to Harika Dronavalli, Vaishali Rameshbabu, Divya Deshmukh, Vantika Agrawal, Tania Sachdev and Abhijit Kunte (Captain)! 👏 👏 pic.twitter.com/zsNde0tspo
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साल 2001 में रमेश बाबू वैशाली का जन्म चेन्नई में हुआ था। उनके पिता रमेश बाबू तमिलनाडु स्टेट के कॉर्पोरेशन बैंक में ब्रांच मैनेजर के तौर पर काम करते हैं। बता दें वैशाली के छोटे भाई आर प्रागनानंदा शतरंज में मास्टर है और वह ओलंपियाड 2024 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
साल 2022 में हुए ओलंपियाड में महिला टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं। इस साल उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
साल 1991 में हरिका द्रोणावल्ली का आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्म हुआ था। हरिका कोनेरू हम्पी के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाली दूसरी भारतीय महिला बनी थी। उन्होंने 2012, 2015 और 2017 में महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में 3 कांस्य पदक अपने नाम किए थे।
वंतिका अग्रवाल ने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-14 कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद साल 2020 में उन्होंने FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड का जीता था। साल 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब प्राप्त किया था।
दिल्ली में जन्मीं तानिया साल 2005 में महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाली भारत की आठवीं खिलाड़ी बनी थी। साल 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीत हासिल की।
नागपुर की रहने वाली दिव्या साल 2021 में भारत की 21वीं महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर बनीं थी। उन्होंने साल 2022 में महिला भारतीय शतरंज चैंपियनशिप जीती और इसी साल शतरंज ओलंपियाड में व्यक्तिगत कांस्य पदक भी अपने नाम किया था।
साल 1980 में मोहम्मद रफीक खान ने शतरंज ओलंपियाड में सिल्वर मेडल जीतकर पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया था। बता दें, रफीक ने 13 में से कुल 9 मुकाबले अपने नाम किए थे।
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