तमिलनाडु भारत का सबसे दक्षिणतम राज्य है, इस राज्य के एक तरफ समुद्री तट है और हिल स्टेशन है, जो राज्य की खूबसूरती को बढ़ाती है। वहीं दूसरी ओर यहां की हजारों भव्य पुरातन मंदिर, जो भारत के वास्तुकला और नक्काशियों का बेहतरीन उदाहरण है। हर साल तमिल नाडु में लाखों की भीड़ यहां के इन पुरातन मंदिरों को देखने आती है। एक ही राज्य में हिल स्टेशन, समुद्री तट और प्राचीन मंदिरों का संगम इस राज्य को सबसे अलग और खास बनाती है। भारत का यह राज्य मंदिर टूरिज्म और श्रद्धालुओं के आस्था का प्रतीक है। बता दें कि तमिलनाडु में चालीस हजार से भी ज्यादा मंदिर है, जो इसे राज्यों के मंदिरों का राज्य के नाम से लोकप्रिय बनाता है।
तमिलनाडु में है भारत की सबसे ज्यादा मंदिर
दक्षिण भारत के लोग बहुत धार्मिक और अपने संस्कृति से जुड़े हुए हैं, जो हर एक त्यौहार और पर्व को बहुत नियम और विधि से मनाते हैं। तमिलनाडु में स्थित ऐसे कई मंदिर हैं, जिनका निर्माण यहां राज करने वाले वंशो ने करवाया था। मंदिरों में बहुत अनोखी वास्तुकला और नक्काशियों का उपयोग किया गया है, जो उन्हें सबसे अलग और खास बनाती है।
ये है तमिलनाडु की प्रमुख मंदिरें
मीनाक्षी मंदिर
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर माता पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर में कई सारी प्राचीन मूर्तियां हैं। मीनाक्षी मंदिर का तिरु कल्याणम महोत्सव दुनियाभर में प्रसिद्ध है, जिसमें शामिल होने दुनियाभर के लोग आते हैं।
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श्री रंगनाथस्वामी मंदिर
तिरुचिरापल्ली में स्थिति श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर भगवान विष्णुको समर्पित है। इस मंदिर में बहुत खूबसूरत 21 मीनारें हैं। तिरुचिरापल्ली में एशिया का सबसे ऊंचा गोपुरम भी है। यह रंगनाथ स्वामी मंदिर दिव्य देशम के 108 मंदिरों में से सबसे पहला और प्रमुख मंदिर में से एक है। इस मंदिर को धरती के ‘बैकुंठ’ के नाम से भी जाना जाता है।
रामेश्वरम
रामेश्वरम भगवान राम के द्वारा निर्माण किया हुआ शिवलिंग के नाम से प्रसिद्ध है। यह रामेश्वरम मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है, जिसके दर्शन के लिए हर साल लाखों की भीड़ आती है।
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कुमारी अम्मन मंदिर
यह मंदिर कन्या कुमारीमें है और यह देवी कन्या को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार यहां माता पार्वती शिव जी को प्राप्त करने के लिए कन्या रूप में यहां तपस्या की थी। बाद में परशुराम जी यहां के मंदिर में देवी कन्या की नीले पत्थरों की मूर्ति को स्थापित किए थे।
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