हर एक अंक का अपना एक वाइब्रेशन और अपनी एक ऊर्जा होती है। शायद यही कारण है कि सिर्फ व्यक्ति के जन्म का अंक ही नहीं, बल्कि उसके जीवन से संबंधित अन्य अंकों का भी प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है। मसलन, मकान का नंबर बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। मकान एक ऐसा स्थान होता है, जो व्यक्ति के जीवन का आश्रय स्थान होता है। ऐसे में व्यक्ति अपना अधिकतर समय यहीं पर बिताता है।
यह देखने में आता है कि लोग अपने घर के भीतर तो वास्तु के नियमों पर ध्यान देते हैं, लेकिन मकान के नंबर पर उनका ध्यान ही नहीं जाता। कभी-कभी मकान का नंबर भी घर की सकारात्मकता और नकारात्मकता का कारण बन सकता है। आपके मकान का नंबर कोई भी हो सकता है।
लेकिन अगर उसे घर की दिशा व नंबर को ध्यान में रखकर लिखा जाए या घर के बाहर सही दिशा में नंबर प्लेट लगाई जाए तो इससे व्यक्ति को अतिरिक्त लाभ मिलता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि आपको अपने मकान के नंबर से जुड़े किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए-
अगर उत्तरमुखी हो मकान
अगर आपका घर उत्तरमुखी है, तो आप अपने मकान के नंबर को कभी भी काले रंग से ना लिखें। ज्यादा अच्छा होगा कि आप इसके लिए पीले रंग का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, आप ब्लू या ग्रीन कलर से भी घर के नंबर को लिखा जा सकता है।(उत्तर मुखी घर में न रखें ये चीजें)
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अगर पूर्वमुखी हो मकान
अगर आपका भवन पूर्वमुखी है तो आप वहां पर मकान के नंबर को लिखते समय गहरे पीले रंग या फिर गहरे हरे रंग के अल्फाबेट्स को इस्तेमाल कर सकती हैं।
अगर दक्षिणमुखी हो मकान
वहीं, अगर आपका घर दक्षिणमुखी है, तो ऐसे में आप मकान के नंबर को लिखते समय रेड या मैरून कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑरेंज कलर का इस्तेमाल भी इस दिशा में स्थित मकान के नंबर को लिखने के लिए किया जा सकता है।(दक्षिण मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स)
अगर पश्चिममुखी हो मकान
जिन लोगों का घर पश्चिममुखी होता है, उनके लिए घर के नंबर को लिखने के लिए मेटॉलिक कलर का इस्तेमाल करना काफी अच्छा माना जाता है। कुछ जगहों पर लोग अपने मकान का नंबर लिखने के लिए पीतल, ब्रास या फिर स्टील की धातु का इस्तेमाल करते हैं। पश्चिममुखी मकान के लिए इस तरह की धातु का इस्तेमाल करने पर जोर दें। इससे घर में मान-सम्मान बढ़ता है। बिजनेस में बढ़ोतरी होती है और घर में धन का आगमन होता है।(वास्तु के अनुसार बालकनी की दिशा)
अन्य जरूरी टिप्स
- जब भी घर का नंबर लिखें तो ध्यान रखें कि आप घर की दाई तरफ ही इसे लिखा जाए।
- अगर आपके घर में किसी व्यक्ति का जन्म चार या आठ तारीख में नहीं हुआ है तो आप मकान का नंबर चार या आठ लेने से बचें। चार और आठ को राहु, केतु और शनि का नंबर माना जाता है।
- यूं तो अधिकतर नंबरों को भवन के लिए ठीक माना जाता है, लेकिन एक, सात और छह नंबर को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
- इसके अलावा, आप पांच, दो या तीन नंबर के विकल्प को भी चुन सकती है।
- नौ नंबर को मंगल का नंबर माना जाता है। जो लोग शासन-प्रशासन या फिर पॉलिटिक्स में हैं तो ऐसे में उनके लिए नौ नंबर सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे लोग अपने घर के लिए नौ नंबर चुन सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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