वास्तु शास्त्र वास्तुकला का एक प्राचीन विज्ञान है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह ज्योतिष, विज्ञान, कला और खगोल विज्ञान को एकीकृत करता है। वास्तु शास्त्र के प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ्य और वास्तु या दिशाएं आपस में जुड़ी हुई हैं।
घर के लिए वास्तु की सही दिशाएं बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक घर की सभी दिशाएं प्रकृति के पांच तत्वों यानी वायु और अंतरिक्ष द्वारा शासित होती हैं और प्रत्येक कोने या दिशा उनके द्वारा नियंत्रित होती हैं।
खासतौर पर जब बात भोजन की आती है तब सही दिशा में बैठकर भोजन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि यदि व्यक्ति सही दिशा में बैठकर भोजन करता है तो कई तरह के लाभ मिलते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें कि किस दिशा में बैठकर भोजन करना आपके लिए अच्छा माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय हम जिस दिशा में बैठते हैं, उसका स्वास्थ्य और शरीर पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अनुसार हर एक दिशा का अलग महत्व होता है और भोजन करने के लिए भी सभी दिशाओं में बैठने के अलग फल मिलते हैं।
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व होता है। हमें दिशाएं ही बताती हैं कि किस काम को करने की सही जगह क्या होती है या कौन सी वस्तु किस स्थान पर रखनी चाहिए। घर का वास्तु अगर अच्छा हो तो व्यक्ति को शुभ फल मिलता है और व्यक्ति अपने जीवन में धन धान्य से परिपूर्ण रहता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार जब आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करते हैं तो आपका मस्तिष्क ऊर्जावान होता है और पाचन बेहतर होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पाचन सभी समस्याओं का मूल कारण है और इस प्रकार हमेशा इस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए।
जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है इसके लिए पूर्व दिशा सबसे उपयुक्त होती है। वहीं यदि हम ज्योतिष की मानें तो पूर्व को देवताओ की दिशा माना जाता है। इस दिशा में मुंह करके खाने से देवताओ का आशीर्वाद और आरोग्य की प्राप्ति होती है और आयु में भी वृद्धि होती है।
भोजन के लिए पश्चिम दिशा (पश्चिम दिशा के उपाय)को भी शुभ माना जाता है और यदि आप इस दिशा में मुख करके भोजन करते हैं तो आपको व्यावसायिक लाभ के साथ करियर में भी लाभ मिल सकता है। इस दिशा को वास्तु में बुद्धि की दिशा माना जाता है, इसलिए इस दिशा में बैठकर भोजन करने से बुद्धि तेज होने के योग बनते हैं।
वास्तु शास्त्र कहता है कि जब आप पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करते हैं तो इससे आपके जीवन में लाभ की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
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उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। यदि आप इस दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो आपको जीवन में उन्नति मिलती है और आपके जीवन में धन का योग बना रहता है। उत्तर दिशा में मुंह करके खाना खाने से कभी भी धन का अभाव नहीं होता है। मुख्य रूप से विद्यार्थियों को इस दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए।
यदि वास्तु और ज्योतिष की मानें तो भोजन के लिए दक्षिण दिशा (दक्षिण दिशा में न रखें ये चीजें)ठीक नहीं मानी जाती है। इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है क्योंकि यह मृत लोगों की दिशा मानी जाती है, इसलिए आपको इस दिशा में बैठकर भोजन न करने की सलाह दी जाती है।
वहीं ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी बताती हैं कि यदि आपके घर में कोई मेहमान आए तो उसे आप दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठाकर खाना खिलाएं और खुद पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके भोजन करें। अगर डाइनिंग टेबल पर बैठ कर भी खाना खाएं तब भी आप दिशाओं का ध्यान जरूर रखें। कभी भी टूटे या गंदे बर्तनों में भोजन न करें।
इस प्रकार यदि आप वास्तु की सही दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो ये आपके लिए कई तरह से लाभदायक हो सकता है।
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