Inverter की बैटरी में कब डालना चाहिए पानी? लापरवाही भारी पड़ने से पहले जान लीजिए नियम

How To Maintain Inverter Battery: इन्वर्टर बैटरी की सही देखभाल करने से उसकी लाइफ बढ़ती है। साथ ही, वह लंबे समय तक बेहतर प्रदर्शन भी करती है। इसके लिए बैटरी में पानी डालने के तरीके भी अहम माने जाते हैं, क्योंकि इसमें जरा सी भी लापरवाही आपके इन्वर्टर की बैटरी को खराब बना सकती है। आइए इसी के साथ जान लेते हैं कि बैटरी में पानी कब और कैसे डालना चाहिए।
How To Maintain Inverter Battery

Inverter Battery Maintenance Tips: इन्वर्टर घरों और ऑफिस में बिजली बैकअप के लिए जरूरी होते हैं और इसके लिए बैटरी को सही तरीके से मेंटेन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है, ताकि यह लंबे समय तक बेहतर परफॉर्म कर सके।

बैटरी में पानी का सही स्तर बनाए रखना आवश्यक होता है, क्योंकि लगातार उपयोग के कारण इसमें भरा हुआ पानी धीरे-धीरे कम होने लगता है। हालांकि, कई लोगों को यह पता नहीं होता कि बैटरी में पानी कब और कैसे डालना चाहिए।

इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालने को लेकर कई लोगों को सही जानकारी नहीं होने की वजह से बैटरी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इस लेख में हम आपको बैटरी में पानी डालने का सही समय, उचित तरीका और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं कि इन्वर्टर बैटरी में पानी कब और कैसे डालना चाहिए। इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, यह भी जानेंगे।

बैटरी में पानी कब डालना चाहिए?

Inverter battery water refill

  • बैटरी में पानी डालने की जरूरत बैटरी के प्रकार, उसके उपयोग और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
  • अगर इन्वर्टर का उपयोग अधिक होता है तो हर 3 महीने में बैटरी के पानी के स्तर की जांच करनी चाहिए।
  • कम उपयोग होने पर हर 6 महीने में बैटरी को चेक करें और जरूरत पड़ने पर पानी भरें।
  • गर्मियों में बैटरी जल्दी गर्म होती है, जिससे पानी जल्दी वाष्पित हो सकता है। इस दौरान बैटरी की अधिक बार जांच करने की जरूरत पड़ सकती है।
  • बैटरी निर्माता द्वारा दी गई गाइडलाइन्स को हमेशा ध्यान में रखें।

बैटरी में पानी डालने का सही तरीका

  • सबसे पहले इन्वर्टर को बंद करें और प्लग निकाल दें।
  • बैटरी के ऊपरी हिस्से में मौजूद कैप (ढक्कन) को सावधानीपूर्वक खोलें।
  • बैटरी के अंदर पानी के स्तर को चेक करें। यदि यह न्यूनतम स्तर से नीचे चला गया है, तभी डिस्टिल्ड वॉटर डालें।
  • पानी धीरे-धीरे डालें और इसे अधिक भरने से बचें, क्योंकि बहुत ज्यादा पानी बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • बैटरी का ढक्कन ठीक से बंद करें और बाहरी हिस्से को साफ कपड़े से पोंछ लें।
  • इन्वर्टर को दोबारा चालू करें और सुनिश्चित करें कि वह सही तरीके से काम कर रहा है।

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समय पर पानी न डालने से होने वाले नुकसान

Distilled water for inverter battery

अगर बैटरी में समय पर पानी नहीं भरा गया तो इसके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं-

  • बैटरी अधिक गर्म हो सकती है, जिससे इसकी कार्यक्षमता कम हो सकती है।
  • बैटरी प्लेट्स सूख सकती हैं, जिससे बैटरी की लाइफ कम हो जाती है और आपको जल्दी नई बैटरी खरीदनी पड़ सकती है।
  • बिजली कटने की स्थिति में इन्वर्टर कम बैकअप देगा, जिससे जरूरत के समय समस्या हो सकती है।
  • बैटरी की दक्षता घटने से बिजली की खपत बढ़ सकती है, जिससे बिजली बिल भी बढ़ सकता है।

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बैटरी में कौन सा पानी डालना चाहिए?

इन्वर्टर बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled Water) डालना चाहिए। यह बैटरी के अंदर किसी भी प्रकार के रासायनिक प्रतिक्रिया को रोकता है और उसकी कार्यक्षमता को बनाए रखता है। नल का पानी या सामान्य फिल्टर किया हुआ पानी इस्तेमाल करने से बैटरी की परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है, क्योंकि इनमें मौजूद खनिज पदार्थ बैटरी प्लेट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। डिस्टिल्ड वॉटर आपको लगभग ₹150 से ₹200 प्रति लीटर के हिसाब से मार्केट में मिल जाएंगे।

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Image credit- Freepik

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