भारत रत्न देश का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है। इसे भारत सरकार द्वारा उन महान व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने देश में अपने योगदान देकर दूसरों को प्रेरणा दी हो। यह सम्मान खास तौर पर कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा, और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
भारत रत्न केवल एक महत्वपूर्ण सम्मान नहीं है, बल्कि यह देश की ओर से उन व्यक्तियों के प्रति आभार प्रकट करने का एक माध्यम भी है, जिन्होंने भारत के गौरव और विकास में अद्वितीय योगदान दिया है। यह सम्मान आमतौर पर गणतंत्र दिवस के दिन प्रदान किया जाता है। सम्मानित व्यक्ति को सरकार की ओर से एक विशेष मेडल और प्रमाणपत्र के साथ उन्हें कई सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। तो चलिए आगे भारत रत्न पुरस्कार के बारे में जानते हैं कि आखिर इसकी शुरुआत कब हुई और यह क्यों दिया जाता है।
भारत रत्न की शुरुआत कब हुई थी?
भारत रत्न की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में हुई थी। यह सम्मान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित किया गया था। इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। आपको बता दें कि यह पुरस्कार मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) भी दिया जा सकता है। भारत रत्न से सम्मानित लोगों को मेडल और प्रमाण पत्र के अलावा, परिवहन, आवास और सुरक्षा से संबंधित कुछ सुविधाएं भी दी जाती हैं।
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किसे और क्यों दिया जाता है भारत रत्न?
- भारत रत्न संगीत, चित्रकला, नृत्य, सिनेमा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले को दिया जाता है।
- साहित्यिक कृतियों और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायक योगदान देने वालों को यह पुरस्कार दिया जाता है।
- वैज्ञानिक आविष्कारों और अनुसंधान के माध्यम से देश और समाज को लाभ पहुंचाने वालों को भी भारत रत्न दिया जाता है।
- राजनीति, समाजसेवा, और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले महान व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है।
- इसके अलावा, खेल जगत में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल करने और देश का नाम रोशन करने वालों को भी भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा जाता है।
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भारत रत्न पुरस्कार कब दिया जाता है?
भारत रत्न एक प्रतिष्ठित पुरस्कार हो, जो आम तौर पर गणतंत्र दिवस के दिन दिया जाता है। अब तक, 53 लोगों को इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें नेल्सन मंडेला और अब्दुल गफ्फार खां ये दो विदेशी भी शामिल हैं। भारत सरकार के नियमों के अनुसार, किसी एक साल में अधिकतम तीन व्यक्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है।
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