National Highway Rule: आप अक्सर राज्य की सड़कें या नेशनल हाईवे से होकर गुजरे होंगे, लेकिन क्या आपको ये पता है कि कुछ सड़कों को नेशनल हाईवे क्यों कहा जाता है? ये आम सड़कें कब और कैसे नेशनल हाईवे में बदल दी जाती हैं? आपको बता दें, राज्य की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों में बदलने में एक औपचारिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है। सड़कों को नेशनल हाईवे में बदलने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के बीच सहमति होना जरूरी होता है। इसके अलावा कुछ नियम, सिद्धांत और मानक भी तय किए जाते हैं। जब ये मानदंड राज्य की सड़कों से मेल नहीं खाते हैं तो इन्हें एनएच की मान्यता नहीं दी जाती है। इसी के साथ आइए हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।
भारत में कितनी तरह की होती हैं सड़क?
देश की अर्थव्यवस्था में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी सामानों का आयात-निर्यात करने के लिए के लिए सड़क मार्ग ही काम आता है। सड़क सामानों को कहीं भी पहुंचाने के सबसे आसान जरिया होता है। यही कारण है कि सड़कों को देश के विकास की रीढ़ माना जाता है। जानकारी के लिए बता दें, देश में सड़कें 3 कैटेगरी में बांटे हुए हैं- राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे), राजकीय राजमार्ग (स्टेट हाईवे), जिला और ग्रामीण सड़कें।
स्टेट हाईवे, राज्य की राजधानी को उसके जिला मुख्यालयों, प्रमुख शहरों और अन्य राजमार्गों से जोड़ती हैं। इनके देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार के हाथों में होती है। कुछ मानकों को पूरा करने के बाद स्टेट हाईवे और अन्य सड़कों को भी नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाता है।
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स्टेट हाईवे को कैसे मिलता है नेशनल हाईवे का दर्जा?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई 2023 में बताया था कि किसी सड़क को नए राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में घोषित करने के लिए उन्हें कुछ मानदंडों को पूरा करना जरूरी होता है। मानदंड कुछ इस प्रकार हैं-
- नेशनल हाईवे की श्रेणी में वही आएंगे, जो सड़कें देश की लम्बाई/चौड़ाई से होकर गुजरती हो।
- वैसी सड़क जो नजदीकी देशों, प्रमुख बंदरगाहों, गैर-प्रमुख बंदरगाहों, बड़े औद्योगिक या पर्यटन केंद्रों और राष्ट्रीय राजधानियों को राज्य की राजधानी से जोड़ती हों।
- पहाड़ी और पृथक क्षेत्र में महत्वपूर्ण सामरिक आवश्यकता हो।
- वैसी सड़कें जो यात्रा की दूरी को कम करती हों और पर्याप्त आर्थिक विकास हासिल करने में भी सक्षम हों।
- सड़कें जो पिछड़े क्षेत्र और पहाड़ी क्षेत्र के बड़े भूभाग से मिलती हों।
- वैसी सड़कें जो 100 किमी की राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड की उपलब्धि में योगदान देती हों।
- पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ तालमेल रखने वाली सड़कें।
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Image credit- Herzindagi
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