Mandir Ke Niyam: मंदिर में भगवान के दर्शनों के दौरान नहीं करनी चाहिए ये भूल

रोजाना मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करना भारतीय संकृति और सनातन परंपरा का हिस्सा रहा है। साथ ही, मंदिर जानें से कई ज्योतिषीय लाभ भी मिलते हैं। 

things to avoid while going temple

Bhagwan Ke Darshan Ke Dauran Na Kare Ye Bhool: रोजाना मंदिर जाना भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का हिस्सा रहा है।

मंदिर जानें से न सिर्फ मन शांत होता है बल्कि जीवन में सकारात्मकता का संचार भी होता है। कठिनाइयों से बाहर आने की क्षमता बढ़ती है।

कहा जाता है कि मंदिर में भगवान के सामने खड़े होकर सच्ची श्रद्धा से उन्हें देखने मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है।

ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स का कहना है कि भगवान के दर्शनों के दौरान कुछ बातों का विशेष रूप से ख्याल रखने की जरूरत होती है।

कई बार मंदिर जाते समय या भगवान के दर्शनों के दौरान लोग जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें दर्शन का फल नहीं मिलता है।

आइये जानते हैं कि देव स्थानों पर जाते समय और भगवान के दर्शनों के दौरान व्यक्ति को कौन सी भूल करने से विशेष तौर पर बचना चाहिए।

भगवान के दर्शनों के दौरान परिक्रमा से जुड़ी गलती

मंदिर में भगवान के दर्शन करते हुए या करने के बाद परिक्रमा हमेशा बाएं हाथ से शुरू करनी चाहिए। उल्टी परिक्रमा अशुभ मानी जाती है।

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भगवान के दर्शनों के दौरान खड़े होने की गलती

शास्त्रों में ऐसा वर्णित है भगवान (भगवान को भोग क्यों लगाते हैं) के दर्शन करते समय ठीक उनके सामने नहीं खड़ा होना चाहिए बल्कि थोड़ा सा तिरछा खड़ा होना चाहिए।

mandir jate samay na kare ye galtiyan

भगवान के दर्शनों के दौरान धारण वस्तु से जुड़ी गलती

भगवान के दर्शनों के दौरान चमड़े से बनी कोई भी वस्तु जैसे बेल्ट, पर्स आदि को न तो धारण करना चाहिए और न ही अपने पास रखना चाहिए।

mandir jate samay na kare ye bhool

भगवान के दर्शनों के दौरान व्यवहार से जुड़ी गलती

भगवान के दर्शन करते समय या मंदिर (पीरियड्स के दौरान मंदिर क्यों नहीं जाना चाहिए) में जब तक हैं, तब तक तेज नहीं बोलना चाहिए और न ही तेज हंसना करनी चाहिए। इससे शांति भंग होती है।

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भगवान के दर्शनों के दौरान बाधा बनने की गलती

कोई भगवान के दर्शन करते हुए दंडवत प्रणाम कर रहा हो तो उसके आगे से नहीं निकलना चाहिए। किसी और के दर्शन में बाधा नहीं बनना चाहिए।

अगर आप भी भगवान के दर्शन करने मंदिर जाते हैं तो इन गलतियों को करने से आपको बचना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: shutterstock

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FAQ

  • मंदिर में कितनी परिक्रमा लगानी चाहिए?

    मंदिर में कम से कम 11 और ज्यादा से ज्यादा 21 बार परिक्रमा लगाना शुभ माना जाता है।
  • मंदिर कब नहीं जाना चाहिए?

    मान्यता है दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच कभी भी किसी भी मंदिर नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह समय भगवान के शयन का होता है।