अगर आपने अभी-अभी वॉशिंग मशीन खरीदी है, तो आपने देखा होगा कि कुछ नए मॉडल काफी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ आ रहे हैं। उनमें कई सारे विकल्प होते हैं। टेक्नोलॉजी से लेस नई मशीन में आप अलग-अलग फैब्रिक को अच्छी तरह से धो सकते हैं। इसके साथ ही मशीन में 'स्टीम वॉश' सुविधा प्रदान की जा रही है।
ऐसा माना जाता है कि यह सुविधा आपके कपड़ों को ज्यादा अच्छी तरह से साफ और स्वच्छ बनाने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं, इस फीचर से कपड़े में आने वाले रिंकल्स भी कम हो सकते हैं।
चलिए इस लेख में जानें कि स्टीम वॉश का फीचर किस तरह से काम करता है और आपको मशीन से जुड़े हैक्स भी पता होने चाहिए।
स्टीम फंक्शन का उपयोग करते समय पानी भाप में गर्म होता है और फिर प्रीवॉश, वॉश और पोस्ट-वॉश साइकिल के दौरान टब में मिस्ट के रूप में इंजेक्ट किया जाता है। जब आप मशीन के सामान्य वॉश साइकिल का उपयोग करके कपड़े धो रहे होते हैं, तो इस स्टीम विकल्प को चुना जा सकता है, लेकिन कुछ टूल्स अन्य साइकिल जैसे 'सैनिटाइज' या 'टब-क्लीन' साइकिल के लिए स्टीम फीचर का उपयोग करते हैं।
प्रीवॉश करते समय भाप पानी के साथ मिलकर कपड़ों को अधिक अच्छी तरह से भिगोती है। धुलाई के दौरान, भाप डिटर्जेंट को अधिक तेजी से घुलने और एक्टिव करने में मदद कर सकती है। धुलाई के बाद हाई टेंपरेचर कपड़ों को स्टरलाइज करने और हार्श सिलवटों को हटाने के लिए उन्हें नरम करने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं, यह गंदगी और दाग हटाने, एलर्जी को दूर करने, कपड़ों को स्टरलाइज करने और पोलेन्स को हटाने के लिए फायदेमंद है।
कपड़े धोते हुए सभी का एक लक्ष्य होता है कि बिना फटे और खराब हुए कपड़े सहीं ढंग से धुल सकें। नियमित तरीके से वॉशिंग मशीन में कपड़े धोना आसान है। मगर स्टीम वॉशिंग में कपड़ो को पहले स्टीम दी जाती है। इसके बाद पोस्ट-वॉश स्टीम कपड़ों को साफ करती है, बदबू को दूर करती है और रिंकल्स को कम करती है। भाप पानी की तुलना में कपड़े के रेशों में अधिक गहराई तक प्रवेश करती है, जिससे सफाई अच्छे से होती है।
अगर आप सैनिटाइज्ड कपड़े चाहते हैं, खास तौर पर एलर्जी से ग्रस्त परिवार के सदस्यों के लिए तो आपके लिए स्टीम वॉशिंग का ऑप्शन अच्छा है। अगर आपके कपड़े ज्यादा गंदे नहीं होते हैं, तो रेगुलर वॉशिंग सही है। इसमें बिजली की खपत भी कम होती है।
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हमेशा अपनी मशीन के प्रकार (फ्रंट-लोड या टॉप-लोड) के लिए डिजाइन किए गए डिटर्जेंट का ही इस्तेमाल करें। अगर आप अच्छे रिजल्ट्स चाहते हैं, तो फिर कम झाग वाले डिटर्जेंट चुनें। इससे मशीन में किसी तरह के अवशेष का निर्माण नहीं होता। कपड़े अच्छी तरह साफ भी होते हैं और मशीन भी साफ रहती है।
सभी चाहते हैं कि कपड़े एक बार में ही धुल जाएं, तो काम जल्दी निपट जाता है। मगर इस चक्कर में एक बार में अपने सभी कपड़ों को भरना गलत तरीका है। ओवरलोड करने से मशीन ढंग से कपड़े साफ नहीं कर पाती। इतना ही नहीं, मशीन भी गंदी रह जाती है। ड्रम में कपड़े अच्छे से घूमें, इसलिए कुछ जगह छोड़ दें।
कपड़ों की धुलाई के बाद मशीन साफ करना भी आवश्यक है। हर महीने गर्म पानी और सिरके या वॉशिंग मशीन क्लीनर का इस्तेमाल करके मेंटेनेंस वॉश चलाएं। यह डिटर्जेंट बिल्डअप, लाइमस्केल और गंध को हटाता है, जिससे आपकी मशीन अच्छी स्थिति में रहती है। अगर आप चाहते हैं कि वॉशिंग मशीन खराब न हो, तो यह मेंटेनेंस ट्रिक ध्यान रखें।
रंग, कपड़े के प्रकार और गंदगी के हिसाब से अपने कपड़ों को अलग-अलग करके धोएं। यदि आप सारे कपड़े एक साथ डालेंगे, तो कपड़े खराब हो सकते हैं। इससे एक कपड़े पर दूसरे कपड़े पर रंग नहीं चढ़ेगा। साथ ही ध्यान रखें कि इनर वियर या बच्चे के कपड़ों जैसी डेलिकेट्स के लिए जालीदार लॉन्ड्री बैग का इस्तेमाल करें।
आपके पास नई टेक्नोलॉजी से लेस मशीन हो या फिर पुरानी मशीन, कपड़े धोने के बाद उन्हें खुला रखना जरूरी है। इससे गंदी बदबू दूर होती है। किसी भी तरह के मोल्ड और गंध को रोकने के लिए, उपयोग के बाद वॉशिंग मशीन का दरवाजा थोड़ा खुला छोड़ दें। इससे हवा का संचार होता है और ड्रम और सील सूख जाएंगे।
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अपनी मशीन के साइकिल और उनके उद्देश्यों को समझें। नई मशीन में आप बटन घुमाकर उनका सही उपयोग कर सकते हैं। जैसे सिल्क और लेस जैसे कपड़े डेलिकेट्स में आते हैं, तो उन्हें हमेशा इसी सेटिंग में धोएं। कॉटन के लिए अलग फीचर का उपयोग करें। बेडशीट, तौलिया या शॉल आदि जैसे कपड़े हैवी-ड्यूटी सेटिंग में धोने चाहिए।
पानी के फ्लो को बनाए रखने और रुकावटों को रोकने के लिए लिंट और नाली फिल्टर को भी नियमित रूप से साफ करें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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