अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन को योग के महत्व और लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित किया गया है। योग दिवस का खास मकसद विश्व स्तर पर योग के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। योग दिवस लोगों को इन लाभों के बारे में शिक्षित करने और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है।
योग दिवस के अवसर पर, दुनिया भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं
योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। योग दिवस इस विरासत को बढ़ावा देने और लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। योग शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला एक अभ्यास है। योग दिवस विश्व स्तर पर शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। योग दिवस के अवसर पर, दुनिया भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें योग प्रदर्शन, कार्यशालाएं, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। भारत सरकार ने योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें राष्ट्रीय योग नीति, 2014 और कॉमन योगा प्रोटोकॉल शामिल हैं। योग सभी उम्र के लोगों के लिए एक फायदेमंद अभ्यास है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, तनाव कम करने और एकाग्रता और ध्यान में सुधार करने में मदद करता है।
योग दिवस की शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2015 में हुई थी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। 193 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो एक रिकॉर्ड है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा देने वाला एक अवसर है।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम "महिला सशक्तिकरण के लिए योग" है। यह थीम महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करने के लिए योग की शक्ति पर प्रकाश डालती है। इस थीम के तहत, विश्व भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो महिलाओं को योग से होने वाले लाभों के बारे में शिक्षित करेंगे और उन्हें इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए, योग को एक समग्र साधन के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो महिलाओं की शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
योग के कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग तरीकों और उद्देश्यों पर आधारित होते हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रकार के योगों का विवरण दिया गया है
1. हठयोग (Hatha Yoga)
यह सबसे पसंदीदा और सामान्य योग का रूप है। इसमें शारीरिक आसनों (योग पोस्चर) और प्राणायाम (सांस की तकनीक) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। हठयोग शरीर को शुद्ध करने और मन को स्थिर करने में मदद करता है।
2. अष्टांग योग (Ashtanga Yoga)
इसे पावर योग के रूप में भी जाना जाता है। इसमें शरीर के अलग-अलग आसनों का एक निश्चित क्रम होता है, जिसे तेज गति से किया जाता है। यह शरीर की शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है।
3. विन्यास योग (Vinyasa Yoga)
इसमें शारीरिक आसनों को सांसों के साथ तालमेल बिठाते हुए किया जाता है। यह एक गतिशील और प्रवाहमय योग शैली है, जिसमें एक आसन से दूसरे आसन में सरलता से संक्रमण किया जाता है।
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4. बिक्रम योग (Bikram Yoga)
इसे हॉट योग भी कहा जाता है। इसमें 26 विशेष आसनों का एक सेट होता है, जिसे गर्म कमरे में किया जाता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है।
5. कुंडलिनी योग (Kundalini Yoga)
इसमें शारीरिक आसनों के साथ-साथ मंत्र, ध्यान और प्राणायाम का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मकसद कुंडलिनी शक्ति को जाग्रत करना है, जो रीढ़ की हड्डी के आधार पर स्थित होती है।
6. अयंगर योग (Iyengar Yoga)
इसमें आसनों को सही ढंग से करने और शारीरिक संरेखण पर ध्यान दिया जाता है। अयंगर योग में प्रॉप्स (जैसे ब्लॉक, बेल्ट) का उपयोग किया जाता है ताकि सभी लोग सही ढंग से आसन कर सकें।
7. भावना योग (Bhakti Yoga)
यह योग का भक्ति मार्ग है, जिसमें भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण के माध्यम से आत्मा को शुद्ध किया जाता है। इसमें मंत्र जप, कीर्तन और पूजा शामिल होते हैं।
8. ज्ञान योग (Jnana Yoga)
यह ज्ञान और विवेक का मार्ग है, जिसमें आत्मा और ब्रह्मांड की प्रकृति को समझने की कोशिश की जाती है। इसमें ध्यान और अध्ययन शामिल हैं।
9. कर्म योग (Karma Yoga)
यह निष्काम कर्म का मार्ग है, जिसमें कर्म करने के बाद फल की इच्छा नहीं की जाती। इसमें सेवा और परोपकार प्रमुख होते हैं।
10. ध्यान योग (Dhyana Yoga)
इसमें ध्यान के माध्यम से मन की एकाग्रता और शांति प्राप्त की जाती है।
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