होली का त्योहार रंगों के साथ-साथ स्वादिष्ट मिठाइयों के बिना अधूरा माना जाता है। गुझिया, पेड़े और बर्फी जैसी मिठाइयां आमतौर पर खोये यानी मावा से तैयार की जाती हैं। लेकिन, तीज-त्योहारों के दौरान नकली खोया के मामले काफी सामने आते हैं। मिलावटखोर बाजार में नकली या सिंथेटिक मावा बेचने लग जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसी वजह से भारत सरकार ने खाद्य मिलावट को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि नकली मावा बेचने पर क्या सजा हो सकती है और भारत में मिलावटी खाद्य पदार्थों को बेचने पर क्या नियम बनाए गए हैं।
नकली खोया या मावा खाने से परेशानी
त्योहारों के दौरान, हर भारतीय घर में मिठाइयां जरूर बनती हैं और उन सभी में मावा का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में नकली मावा मार्केट में काफी बिकने लग जाता है, जिसे बनाने के लिए सिंथेटिक दूध, रिफाइंड आटा और डिटर्जेंट या सिंथेटिक तेल जैसे हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। इस मिलावटी मावा को खाने से फूड पॉइजनिंग, पेट की समस्या और किडनी पर बुरा असर पड़ता है।
नकली खाद्य पदार्थ बेचने पर कानून और सजा
भारत में मिलावटी या नकली खाद्य पदार्थ बेचना गंभीर अपराध माना जाता है। इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं, जो खाद्य पदार्थों की क्वालिटी और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
इसे भी पढ़ें- Buying Tips: मार्केट से ताजा और दानेदार खोया खरीदने के अमेजिंग ट्रिक्स
Food Safety and Standards Act, 2006 (FSSAI)
इस अधिनियम की धारा 59 के तहत, अगर कोई व्यक्ति मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचता है और उसे पकड़ लिया जाता है, तो उसे जुर्माना और जेल हो सकती है। यह कानून खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लागू किया गया है।
भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860
- सेक्शन 272- अगर कोई व्यापारी खाने या पीने के सामान में मिलावट करता है, तो उसे छह महीने की जेल या 1 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
- सेक्शन 273- अगर कोई व्यापारी जहरीला खाद्य पदार्थ बेचता है, तो उसे 6 महीने तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
Prevention of Food Adulteration Act, 1954
FASSI से पहले इस कानून को लागू किया गया था, जिसमें कोई व्यापारी अगर नकली मावा बेचता है, तो उसे तीन साल की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
नकली खाद्य पदार्थ बेचने पर होने वाली सजा
- अगर कोई व्यक्ति मिलावटी या नकली मावा या खोया बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे कड़ी सजा दी सकती है।
- मिलावट की गंभीरता को देखते हुए, दोषी को 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
- अगर मिलावटी खाद्य पदार्थ से सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, तो दोषी पर 1 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- अगर व्यापारी की दुकान से फैक्टरी से बार-बार मिलावटी खाद्य पदार्थ पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
नकली मावा की शिकायत कैसे करें?
- अगर आपको कोई दुकानदार नकली मावा बेच रहा है, तो आप इस तरह से उसकी शिकायत कर सकते हैं।
- आप FSSAI के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर कॉल करके जानकारी दे सकते हैं।
- लोकल म्युनिसिपल अथॉरिटी या फूड इंस्पेक्टर को रिपोर्ट कर सकते हैं।
कैसे पहचानें असली और नकली मावा?
- असली मावा दबाने से हल्का दानेदार महसूस होता है और इसमें चिकनाहट होती है, जबकि नकली मावा रबड़ की तरह खिंचता है।
- एक चुटकी मावे को पानी में घोलें और उसमें 2-3 बूंद आयोडीन सॉल्यूशन डालें। अगर मावा का कलर नीला पड़ जाता है, तो मावा नकली है।
- थोड़े-से मावे में पानी डालकर चेक करें। अगर मावा धीरे-धीरे पानी में घुलकर गाढ़ा हो जाता है, तो असली है। अगर मावा घुलकर पानी जैसा सफेद हो जाता है, तो नकली है।
- अगर मावा गर्म करने पर वह हल्का भूरा हो जाता है, तो असली है। जबकि, नकली मावा गर्म करने पर चिपचिपाने लगता है और उससे अजीबोगरीब महक आने लगती है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों