भारत देश की पहचान संस्कृति, सभ्यता और परम्परा के साथ हिंदी भाषा से भी है। अगर आप भारतवासी हैं, तो आप हिंदी भाषा न जानते हों ऐसा हो ही नहीं सकता। यह भाषा न सिर्फ देश बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन धीरे-धीरे लोग अपनी मातृभाषा की महत्व से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। व्यक्ति हिंदी भाषा की अपेक्षा अंग्रेजी बोलना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि हिंदी हमारी राजभाषा है और इसे उत्तर भारत के कई राज्यों सहित पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में भी प्रमुख रूप से बोली जाती है। हर साल देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है आखिर हिंदी शब्द कहां से आया। इस विषय को लेकर हमने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी प्रोफेसर अनिल कुमार से बात की। चलिए जानते हैं हिंदी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई।
हिंदी शब्द का जन्म ईरान के लोगों की देन है। 500 ई.पूर्व ईरान के सम्राट दारा के अभिलेखों में हिंदु शब्द सबसे पहले आया है। बता दें 'हिंदु' शब्द 'सिंधु' का फारसी रूप है। फारसी भाषा में 'स' का उच्चारण 'ह' होता है। कुछ समय के बाद आगे चलकर हिंदु का 'उ' लुप्त हो गया, जिसके बाद बाकी रह गया 'हिंद' शब्द। शुरुआत के समय में ईरानी लोग सिंधु नदी के तट वाले हिस्से को हिंद कहते थे। लेकिन धीरे-धीरे पूरे भारत के लिए हिंद का इस्तेमाल होने लगा। आगे चलकर 'हिंद' में 'ईक' प्रत्यय लगने से 'हिंदीक' शब्द बना। इसके बाद में 'हिंदीक' में से 'क' गायब हो गया है और हिंदी बना।
भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी के महत्व का सम्मान करने और देश भर में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस 2024 इस परंपरा को आगे बढ़ाता है, न केवल भाषा का बल्कि इसकी गहरी सांस्कृतिक विरासत का भी जश्न मनाता है।
भारत की पहचान में हिंदी का विशेष स्थान है। देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में, हिंदी भाषाई और सांस्कृतिक बाधाओं को पार करते हुए विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लाखों लोगों को जोड़ती है। यद्यपि भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है, जिसके राज्यों में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं, फिर भी हिंदी एक एकीकृत भाषा के रूप में कार्य करती है। साथ ही आधिकारिक संचार में सहायता करती है तथा एकता की भावना को बढ़ावा देती है।
हिंदी दिवस का उद्देश्य केवल भाषा का सम्मान करना ही नहीं है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी, सरकारी कामकाज और शिक्षा में इसके प्रयोग को प्रोत्साहित करना भी है। हिंदी दिवस-2024 का थीम 'हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक' है।
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