भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत भारत में नए हिट-एंड-रन कानून यानी दुर्घटनास्थल से भागने वाले ड्राइवरों के लिए सख्त दंड लगाता है। कानून कहता है कि हिट-एंड-रन दुर्घटना के बाद मौके से भागने वाले ड्राइवर को 10 साल तक की जेल साथ ही मोटर मालिक और ड्राइवर को 7 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
अब तक ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत कार्रवाई और केवल 2 साल की सजा होती थी और पुलिस स्टेशन से ही जमानत मिल जाती थी। लेकिन अब इस नियम के तहत सजा और जुर्माना दोनों ही बढ़ गया है। इसी कानून के विरोध में देश के कई राज्यों और शहरों में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है हिट-एंड-रन और क्या कहते हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील आजाद खान, क्यों लागू किया जा रहा हिट-एंड-रन कानून..
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क्या है हिट एंड रन?
यह कानून भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों की जगह लेता है। यह उन ड्राइवरों पर लागू होता है, जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं।
इस कानून में यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाने से हुई मौत की घटना के तुरंत बाद पीड़ित को किसी अस्पताल, पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट करता है, तो उन पर धारा 106(2) CrPC के बजाय धारा 106(1) CrPC के तहत आरोप लगाया जा सकता है। अगर गाड़ी से टकराने वाला व्यक्ति गलत तरीके से वाहन के सामने आता है या फिर अवैध रूप से सड़क को पार करते हुए दुर्घटना का शिकार होता है, तो ड्राइवर को इस स्थिति में राहत मिलेगी।
नए कानून ने ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों के विरोध को भड़का दिया है। प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों का मानना है कि नया कानून कठोर और बड़े वाहनों के प्रति पक्षपाती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील आजाद खान बताते हैं कि हिट एंड रन का मतलब है कि किसी को टक्कर मारने के बाद मौके से भाग जाना। भारत में हिट एंड रन के मामले एक गंभीर समस्या हैं। रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के मुताबिक, साल 2022 में हिट एंड रन मामलों में लगभग 59,000 लोगों की मौत हुई है। हिट एंड रन मामले से सड़क दुर्घटना में गंभीर प्रभाव पड़ता है।
नए कानून के विरोध के कई कारण हैं:
- मीडिया से बात चीत में विरोध कर रहें कुछ लोगों का कहना है कि यह कानून बहुत कठोर है और इसमें बदलाव किए जाने चाहिए। क्योंकि इतनी बड़ी राशि कोई ड्राइवर कैसे भर सकते हैं।
- साथ ही कुछ लोगों का ये कहना है कि यह कानून केवल निजी वाहन चालकों पर लागू होगा, जबकि सार्वजनिक परिवहन के वाहन चालकों पर इसे लागू नहीं किया जाएगा।
- वहीं, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि कानून केवल दुर्घटना के तुरंत बाद मौके से भागने वाले ड्राइवरों पर लागू होगा, जबकि पुलिस को सूचना देने वाले ड्राइवरों पर इसे लागू नहीं किया जाएगा।
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नए कानून के समर्थन में कुछ तर्क दिए जाते हैं:
- यह कानून हिट एंड रन के मामलों को कम करने में मदद कर सकता है।
- हिट एंड रन कानून सड़कों पर खतरनाक ड्राइविंग को कम करने में मदद कर सकता है।
- यह कानून पीड़ितों को न्याय भी दिलाने में मदद कर सकता है।
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