Akshaya Tritiya Gold Rate and Carat: अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन कुछ लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं, तो कुछ घर-गाड़ी भी खरीदते हैं। यही वजह है कि अक्षय तृतीया के करीब आते ही सोने की डिमांड बढ़ जाती है और कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। साल 2025 में सोने की कीमत तेजी से बढ़ रही है और 1 लाख के करीब पहुंच गई है। सोने की कीमतें बढ़ने के पीछे अमेरिका और चीन के बीच का ट्रेड वॉर माना जा रहा है। लेकिन, आज हम यहां सोने की कीमतों के बारे में नहीं, बल्कि उसकी प्योरिटी पर बात करने जा रहे हैं।
सोने की प्योरिटी की जब भी बात आती है, तो लोग 24 कैरेट पर सबसे ज्यादा भरोसा दिखाते हैं। गोल्ड ज्वेलरी 22 कैरेट में ही तैयार होती है, यह तो आप शायद जानते ही होंगे। लेकिन, सबसे ज्यादा कंफ्यूजन तब आती है जब हम ज्वैलरी लेने जाएं और उसपर 22 कैरेट की जगह 916 कैरेट लिखा होता है। ऐसे में कई लोग समझ नहीं पाते हैं कि गोल्ड प्योर यानी शुद्ध है या नहीं। अगर आपको भी 916 कैरेट का मतलब नहीं पता है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
916 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल सोने की ज्वेलरी बनाने के लिए होता है। यहां 916 का मतलब यह है कि गोल्ड 91.6 परसेंट प्योर यानी शुद्ध है और इसमें बाकी 8.4 परसेंट अन्य धातुओं जैसे तांबा, चांदी या अन्य धातुओं का मिक्सचर हो सकता है। इसी मिलावट से सोने को मजबूती दी जाती है और उसे ज्वेलरी में ढालना आसान हो जाता है। 916 कैरेट गोल्ड को 22 कैरेट गोल्ड के बराबर ही माना जाता है।
24 कैरेट गोल्ड में 99.9 परसेंट शुद्धता होती है, लेकिन यह बहुत ही नरम होता है और गहनों में ढालने योग्य नहीं होता है। ऐसे में अगर आपको कोई 24 कैरेट की ज्वेलरी बताकर बेच रहा है, तो हो सकता है कि वह आपके साथ धोखाधड़ी कर रहा हो।
इसे भी पढ़ें: क्या आपने कभी सोचा है क्यों और कैसे घटते-बढ़ते हैं सोने के दाम? गोल्ड प्राइज के आसमान छूने और जमीन पर गिरने का गणित यहां समझें
गोल्ड की ज्वेलरी पर अक्सर 916 की मुहर देखने को मिलती है। यह मुहर गोल्ड की शुद्धता साबित करने के लिए लगाई जाती है। जिस ज्वेलरी पर अंदर की तरफ या किसी हिस्से पर 916 लिखा होता है, उसे हॉलमार्क ज्वेलरी माना जाता है।
अगर आप 916 गोल्ड और 22 कैरेट को अलग-अलग मानती हैं, तो बता दें कि आप गलत हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि 916 सोना और 22 कैरेट एक ही हैं। दोनों में 91.6 परसेंट सोना और 8.4 परसेंट अन्य धातुों का मिक्सचर होता है।
916 गोल्ड और 22 कैरेट के बीच सिर्फ भाषा का अंतर माना जाता है। 916 गोल्ड का इस्तेमाल ज्यादातर भारत और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में किया जाता है। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलता है।
इसे भी पढ़ें: क्यों दुबई में भारत से सस्ता मिलता है सोना, जानें एक बार में ड्यूटी फ्री कितना ला सकते हैं गोल्ड?
केडीएम गोल्ड को कैडिमियम गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का गोल्ड मिक्स मेटल है जिसमें कैडमियम नाम की जहरीली धातु होती है। यह ज्वेलरी को मजबूत और चमक तो देता है। लेकिन, यह पर्यावरण और ज्वेलरी बनाने वाले कारीगरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां खड़ी कर देता है। यही वजह है कि BIS ने अब इसे बैन कर दिया है। अब कैडमियम की जगह जिंक या अन्य धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।