महिलाओं के लिए सबसे अच्छा गिफ्ट ज्वेलरी मानी जाती है। हो भी क्यों ना, आखिर गोल्ड-डायमंड ज्वेलरी कुछ हद तक हमारी लाइफस्टाइल को दिखाती है। पर गोल्ड ज्वेलरी ज्यादा अच्छी है या डायमंड? हो सकता है कि इस सवाल से आप सोच में पड़ गई हों। यकीनन डायमंड महंगा होता है, तो डायमंड ही अच्छा होगा? लेकिन ऐसा नहीं है। आपको मैं बता दूं कि डायमंड की जगह गोल्ड ज्वेलरी लेने के भी कई फायदे हैं।
आप निवेश के हिसाब से देख रही हैं या फिर पर्सनल चॉइस के हिसाब से देख रही हैं इसपर निर्भर करता है कि आपके लिए सही क्या होगा। अगर मैं कॉमन इन्वेस्टमेंट के बारे में बात करूं, तो कई लोग गोल्ड लेना पसंद करते हैं।
हमने इसके बारे में रिलायंस ज्वेल्स के सीईओ सुनील नायक से बात की। तो चलिए जानते हैं कि आपको गोल्ड या डायमंड क्या लेना चाहिए?
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गोल्ड ज्वेलरी के फायदे
गोल्ड ज्वेलरी सदियों से ही लोगों की पसंद रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है सोने का सॉफ्ट मेटल होना। इसके कारण इसे पिघला कर कुछ भी बनाया जा सकता है। कई ऐसी डिजाइन्स बनाई जा सकती हैं जो किसी और तरह की ज्वेलरी में संभव नहीं हैं।
- सोने की रीसेल वैल्यू बहुत ज्यादा होती है। इसे बेचते समय सिर्फ मेकिंग चार्ज ही काटे जाते हैं। बाकी आपको मेटल की पूरी वैल्यू उस दिन के रेट के हिसाब से मिलेगी।
- सोना कई रंगों में भी उपलब्ध हो सकता है। हालांकि, नेचुरल रंग तो पीला ही है, लेकिन इसमें एलॉय मिक्स कर रोज गोल्ड, व्हाइट गोल्ड, येलो गोल्ड जैसे मेटल मिल सकते हैं।
- सोने से कई भारी और कॉम्प्लेक्स डिजाइन भी बनाए जा सकते हैं।
- सोने के खराब होने की गुंजाइश नहीं होती है। कोरोजन का खतरा इसमें नहीं है।
- इसे धार्मिक नजर से भी देखा जाता है। सोने का दान करना बहुत अच्छा माना जाता है।
- गोल्ड ज्वेलरी का एक और फायदा है। ये काफी ड्यूरेबल होती है।
- इसे रोजाना पहना जा सकता है।

डायमंड ज्वेलरी के फायदे
हीरा रेयर है। पर फिर भी इसे लैब में बनाया जा सकता है। इसकी कीमत अब तेजी से कम हो रही है। नेचुरल डायमंड्स के पारखी अभी भी मार्केट में हैं, लेकिन लैब ग्रोन डायमंड का कस्टमर बेस भी काफी है।
- डायमंड ज्वेलरी स्टेटस सिम्बल है।
- ये दुनिया का सबसे सख्त मटेरियल है इसलिए ज्वेलरी में इसे इस्तेमाल करना अच्छा है।
- इसकी ड्यूरेबिलिटी के कारण ही इसे रिंग्स के लिए सबसे अच्छा स्टोन माना जाता है।
- डायमंड की वैल्यू उसका एक बड़ा फैक्टर है। इसकी स्टैंड अलोन वैल्यू काफी ज्यादा होती है।
- इन्हें भी कुछ हद तक अलग-अलग डिजाइन्स में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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गोल्ड या डायमंड कौन सी ज्वेलरी होगी आपके लिए फायदेमंद?
सुनील नायक का कहना है, "देखिए पर्सनल च्वाइस इस मामले में बहुत मैटर करती है। अगर आप निवेश नहीं, बल्कि रेगुलर यूज के लिए ज्वेलरी देख रही हैं, तो यकीनन आप उसे ही चुनेंगी जो आपको पसंद है। दोनों सोना और हीरा टाइमलेस ज्वेलरी बनाने के लिए इस्तेमाल हो सकता है।"
अब अगर निवेश के हिसाब से हम देख रहे हैं, तो यहां पिक्चर थोड़ी बदल जाएगी।
- डायमंड ज्वेलरी को 22 कैरेट सोने से नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि इसे होल्ड करने के लिए थोड़ा हैवी मेटल चाहिए। तभी डायमंड ज्वेलरी में मौजूद सोना बिल्कुल येलो गोल्ड नहीं होता है। इसमें एलॉय मिक्स होता है। इसे 14 से 18 कैरेट सोना माना जा सकता है। ऐसे में अगर छोटे-छोटे डायमंड वाली ज्वेलरी है, तो उसकी रीसेल वैल्यू कम होगी।
- निवेश के हिसाब से गोल्ड बॉन्ड्स भी बेहतर होते हैं। RBI में भी गोल्ड रिजर्व होता है क्योंकि यह एक रेयर मेटल है जिसे लैब में नहीं बनाया जा सकता है।
- इसकी डिजाइन्स अगर सिंपल हैं, तो मेकिंग चार्ज पर आप काफी बचत कर सकती हैं।
- जवाब आपके सामने है। निवेश के मामले में सोना हीरे की तुलना में बाजी मार सकता है।
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