How to calculate air pollution: दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों को कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती है। बता दें एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल खतरे के पार पहुंच चुका है। दिल्ली एनसीआर के कई क्षेत्र ऐसे है जहां का एक्यूआई 300 से पार हो चुका है। इसी के साथ ही दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ग्रैप-1 लागू कर दिया है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या और इसे किस प्रकार वायु की शुद्धता मापी जाती हैं। इस लेख में आज हम आपको एक्यूआई के बारे में बताने जा रहे हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है? (What is AQI)
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक प्रकार का नंबर है, जो किसी विशेष समय पर हवा की गुणवत्ता को बताता है। AQI विभिन्न प्रदूषकों (जैसे कि PM2.5, PM10, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) की एकाग्रता को माप कर निकाला जाता है। इससे तय होता है कि हवा सांस लेने के लिए कितनी सुरक्षित है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो, AQI एक ऐसा पैमाना है, जो हमें बताता है कि हवा कितनी प्रदूषित है। प्रत्येक देश के पास अपने वायु गुणवत्ता मानकों के आधार पर अपने वायु गुणवत्ता सूचकांक होते हैं।
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कैसे नापा जाता है AQI? (How to major AQI)
हवा की क्वालिटी को मापने के लिए विभिन्न प्रकार के सेंसर और मॉनिटरिंग स्टेशन का उपयोग किया जाता है। ये स्टेशन हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को लगातार मापते रहते हैं। मिले आंकड़ों का विश्लेषण करके AQI का मान निकाला जाता है। AQI के लेवल को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है, जैसे कि अच्छा, संतोषजनक, मध्यम, खराब, बहुत खराब और गंभीर। हर श्रेणी में हवा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव अलग-अलग होते हैं।
AQI को आठ विभिन्न प्रदूषकों जैसे पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), ओजोन (O3), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), लेड (Pb) और अमोनिया (NH3) उत्सर्जन को माप कर उनके बढ़ने और घटने की रीडिंग को हर घंटे नोट कर एक्यूआई निकाला जाता है।
क्यों बढ़ता है वायु प्रदूषण?
- दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और ये वाहन प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं।
- फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुआं और कचरा निकलने से
- खुले में कचरा जलाने से
- पराली जलाना भी हवा में प्रदूषण बढ़ता है।
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