Shimla Samjhauta kya hai: 1947 में बंटवारे के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार युद्ध भी हो चुका है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक विवाद भी अक्सर ही सुनने को मिलते रहते हैं। लेकिन, इस बार भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया है। जी हां, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। जिसमें भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द करने से लेकर पाकिस्तानी दूतावास के सैन्य अधिकारियों को वापस भेजने का आदेश दिया है। वहीं, भारत की कार्रवाई का पाकिस्तान ने भी जवाब दे दिया है।
पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के एक्शन पर पाकिस्तान का रिफ्लेक्स एक्शन देखने को मिला है। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में शिमला समझौता रद्द कर दिया है। ऐसे में कई लोगों को सवाल है कि आखिर शिमला समझौता क्या है, जिसे पाकिस्तान ने रद्द कर दिया है।
2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता साइन किया गया था। इस समझौते में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान की जुल्पिकार अली भुट्टो सरकार ने हिस्सा लिया था।
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शिमला समझौते की शुरुआत तब हुई थी जब भारत ने साल 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली विद्रोहियों को पाकिस्तानी आर्मी के खिलाफ सपोर्ट किया था, जिसके नतीजे में बंगलादेश बना था। इस युद्ध में भारत का शामिल होना एक डिप्लोमेटिक और महत्वपूर्ण कदम था। इस युद्ध के बाद पाकिस्तान के सैंकड़ों सैनिक और 5 हजार वर्ग मील का क्षेत्र भारत ने अपने कब्जे में कर लिया था।
तब युद्ध और अन्य चीजों पर बातचीत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुट्टो भारत आए थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात शिमला में हुई थी। इस मुलाकात में एक डील साइन हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने सहमति जताई थी। यही वजह है कि इसे शिमला समझौता कहा जाता है।
शिमला समझौते में दोनों देश शांतिपूर्ण तरह से समाधान करने के लिए बाध्य हैं। यह खासकर कश्मीर विवाद के लिए था, जिसपर भारत ने जोर देकर कहा था कि शिमला समझौते के अनुसार इस मुद्दे को द्विपक्षीय तरह से सुलझाना चाहिए।
1971 का जब युद्ध खत्म हुआ तो भारत और पाकिस्तान के बीच की सीजफायर लाइन को लाइन ऑफ कंट्रोल के बीच बदल दिया गया। शिमला समझौते में यह तय किया गया था कि दोनों में से कोई भी देश अलग-अलग विचारधारा होने के बावजूद इस रेखा को बदलने की कोशिश नहीं करेगा।
भारत ने कई हजार किलोमीटर भूमि पाकिस्तान को वापस कर दी थी, जिसपर 1971 के युद्ध में कब्जा किया गया था। हालांकि, भारत ने अपने पास टुरटुक, धोथांग, त्याक्षी और चोबरत घाटी में चालुंका को अपने पास रखा था।
हालांकि, पाकिस्तान ने 1999 में शिमला समझौते का उल्लंघन किया था। पाकिस्तानी सेना भारत में घुस आई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध को कारगिल युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान का रिश्ता एक बार फिर नाजुक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में सिंधु नदी संधि और शिमला समझौते के खत्म होने से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ सकती है। हालांकि, भारत सरकार ने पाकिस्तान के शिमला समझौता खत्म करने पर अभी तक कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है।
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