Sindhu Jal Samjhauta: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा नजर आ रहा है। हर किसी की आंखें नम हैं। लेकिन दिल में गुस्सा भी है। हर कोई इस हमले के बाद डरा हुआ नजर आ रहा है। यही कारण है कि हर कोई सरकार से मांग कर रहा है कि इस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए, ताकि हमारे लोगों का बदला पूरा हो से। कई सारे लोग इस हमले के बाद लगातार सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा दिखाते नजर आ रहे हैं। वहीं इस हमले का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा फैसला लिया गया है, जिसका सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ेगा। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि क्या है सिंधु जल समझौता। इसको रद्द करने के बाद पाकिस्तान पर किस तरह का असर पड़ेगा।
भारत ने रद्द किया सिंधु जल समझौता (India Suspends Indus Waters Treaty)
जम्मू कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अहम कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्रि ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं कर रहा है। ऐसे में हमे यह अहम कदम उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही, कई सारे ऐसे अहम निर्णयों को भी उन्होंने बताया, इसका असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने वाला है।
#PahalgamTerrorAttack
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) April 23, 2025
▪️पाकिस्तान के साथ 1960 का सिंधु जल समझौता निलंबित
▪️अटारी सीमा बंद करने का फैसला
▪️पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा प्रतिबंध
▪️राजनयिक निष्कासन
▪️राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30
- विक्रम मिसरी, विदेश सचिव (@MEAIndia)pic.twitter.com/3H59rkWVNh
क्या है सिंधु जल समझौता (What Is Indus Water Treaty)
भारत और पाकिस्तान के बीच कई सारे ऐसे समझौते हैं, जो काफी लंबे समय से चलते आ रहे हैं। इसमें से सबसे अहम समझौता रहा है सिंधु जल समझौता। यह समझौता 19 सितंबर 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था। इस जल समझौते पर कागजात पर कराची में हस्ताक्षर किए गए। जिसे भारत की तरफ से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान की ओर से अयूब खान ने मंजूरी दी थी। आपको बता दें कि मंजूरी न मिलने की वजह से इस मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 9 साल तक बातचीत का सिलसिला चला था। इसके बाद दोनों देशों के बीच जल का बटवारा किया गया था। इसी दिन से इसे सिंधु जल समझौता का नाम दिया।
कैसे हुआ था सिंधु जल का बंटवारा (Indus Water River Division)
सिंधु जल समझौते में दोनों देशों को देखते हुए पानी का बंटवारा किया गया था। इसमें झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों का ज्यादा प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया था। वहीं रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के पानी को भारत में दिया गया। इससे दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को समान तरीके से बांटा गया, ताकि किसी तरह का कोई विवाद खड़ा न हो सके। साथ ही, जिस तरह के झगड़े चल रहे थे। उन्हें सुलझाया जा सके।
सिंधु जल समझौते में विश्व बैंक की कैसे रही अहम भूमिका (World Bank Important Role on Indus Water Treaty)
भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे को लेकर तो हमेशा विवाद चलता रहता है। लेकिन जल विवाद को लेकर भी कई सारे सवाल और मुद्दे उठे। इसलिए विश्व बैंक ने अहम कदम उठाते हुए इन दोनों देशों के बीच सिंधु जल समझौत की रणनीति को रखा। इसे भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान साल 1965, 1971 और 1999 के दौरान भी कायम रखा गया, ताकि देशों के बीच शांति का मौहोल पैदा किया जा सके।
सिंधु जल समझौते का पाकिस्तान पर पड़ेगा असर (Indus Water Treaty Impact On Pakistan)
भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को रद्द करके पाकिस्तान के अहम हिस्से को अलग कर दिया है। आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान को इस समय 39 अरब क्यूबिक पानी दिया जा रहा था, जिस पर रोक लगाई गई है। इससे पाकिस्तान में जल संकट बढ़ सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान के किसानों पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के लगभग 80 प्रतिशत कृषि भूमि को जो जल मिलता है, वो सिंधु नदी से दिया जाता है। ऐसे में पानी के बंद होने पर वहां के किसान अपनी फसल के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। साथ ही, वहां की जल विद्युत परियोजनाएं भी प्रभावित होने वाली है।
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आपको बता दें कि इसे पहले साल 2023 जनवरी में पहली बार भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते के बदलाव के लिए मांग की थी। इसके बाद दूसरा नोटिस साल 2024 में भेजा गया था। जिसे लेकर पाकिस्तान की तरफ से कोई संज्ञान नहीं लिया गया। साथ ही, उन्होंने समझौते को नए स्तर पर भी शुरू करने की बात नहीं कही।
इसकी वजह से ये समझौता नए तरीके से नहीं किया गया था। लेकिन जिस तरह के आतंकी हमले पाकिस्तान की तरफ से होते आ रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार ने अहम कदम उठाया है। साथ ही, पाकिस्तान को सचेत किया है कि ऐसे और भी फैसले लिए जा सकते हैं, जिसका असर पाकिस्तान की जीवनशैली पर पड़ेगा।
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Image Credit- Twitter
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