रतन टाटा की वसीयत में लिखा है कुछ ऐसा...विरोध करने वाले चाहकर भी नहीं जा पाएंगे कोर्ट, जानिए 3800 करोड़ रुपये की संपत्ति में हेल्पर, केयरटेकर, शांतनु नायडू समेत किसको क्या-क्या मिला

9 अक्टूबर 2024 को इंडियन बिजनेस टाइकून रतन टाटा का निधन हो गया था। रतन टाटा ने 23 फरवरी 2022 को अपनी अंतिम वसीयत बना ली थी। उनके विल में कुछ ऐसा क्लॉज शामिल है, जिसकी वजह से वसीयत को कोर्ट में नहीं घसीटा जा सकता है। 
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अक्टूबर 2024 में देश की दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का निधन हो गया था और जिसके बाद उनकी वसीयत सुर्खियों में आ गई थी। रतन टाटा ने अपनी आखिरी वसीयत 23 फरवरी 2022 में बनाई थी। अपनी अंतिम वसीयत में उन्होंने अपनी संपत्ति कई करीबी लोगों और ट्रस्टों को देने की इच्छा जताई, जिनमें उनके भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डियाना जीजेभॉय, मित्र मोहिनी दत्ता, रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) शामिल हैं।

नो-कॉन्टेस्ट क्लॉज क्या है?

रतन टाटा की वसीयत की खास बात यह है कि इसमें ‘नो-कॉन्टेस्ट क्लॉज’ शामिल है, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति वसीयत को कोर्ट में चुनौती देता है, तो वह अपने हिस्से की संपत्ति और अधिकार खो देगा। इतना ही नहीं, रतन टाटा ने अपनी करीबी दोस्त मोहिन दत्ता को भी वसीयत में संपत्ति का बड़ा हिस्सा दिया है। हालांकि, दत्ता के हिस्से को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई है, जिसकी वजह से उन्होंने कानूनी तौर पर कोर्ट में स्पष्टता की मांग की है।

रतन टाटा ने अपनी वसीयत में किसके लिए क्या-क्या छोड़ा?

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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिजनेस टाइकून की कुल संपत्ति लगभग 3800 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें भारत और विदेशों की चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं। लेकिन, कई विशेषज्ञों का कहना है कि रतन टाटा की सबसे संपत्ति टाटा संस के 3,368 शेयर हैं, जिनकी बुक वैल्यू 1,684 करोड़ रुपये है। वहीं वसीयत के अनुसार, टाटा ने टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड के उनके शेयर और प्रेफरेंस शेयर ट्रस्ट में रखे जाएंगे। इन शेयरों का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के बजाय सार्वजनिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

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रतन टाटा की उदारता

रतन टाटा को उनकी दरियादिली और परोपकारी स्वभाव के लिए जाना जाता था। उन्होंने न केवल अपने परिवार और ट्रस्ट के लिए संपत्ति नहीं छोड़ी, बल्कि अपने कर्मचारियों, सहायकों और यहां तक पड़ोसियों के लिए भी संपत्ति छोड़ी है।

हाउसहेल्पर्स और ऑफिस स्टाफ के लिए

  • रतन टाटा ने अपने घरेलू सहायकों और ऑफिस स्टाफ के लिए लगभग 3.5 करोड़ रुपये छोड़े।
  • उनके घर में काम करने वाले चपरासी, कार क्लीनर और अन्य स्टाफ को उनकी सेवा के वर्षों के अनुसार 15 लाख रुपये तक की धनराशि दी गई।
  • पार्ट-टाइम हेल्पर्स और कार साफ करने वालों को 1 लाख रुपये देने का निर्देश दिया।

कर्मचारियों के लिए कर्ज माफी

  • कुक राजन शॉ को 1 करोड़ रुपये से अधिक मिले, जिसमें 51 लाख रुपये की लोन माफी शामिल है।
  • बटलर सुब्बैया कोनार को 66 लाख रुपये मिले, जिसमें 36 लाख रुपये की लोन माफी भी शामिल है।
  • ड्राइवर राजू लियोन को 1.5 लाख रुपये नकद और 18 लाख रुपये की लोन माफी दी गई।
  • पड़ोसी को दिए गए कर्ज भी पूरी तरह माफ कर दिए गए।
  • हेल्पर सरफराज देशमुख का 2 लाख रुपये का लोन माफ कर दिया गया है।

शांतनु नायडू का लोन माफ

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शांतनु नायडू, जो उनके एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट और करीबी सहयोगी रहे, को कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में MBA की पढ़ाई के लिए दिया गया 1 करोड़ रुपये का लोन माफ कर दिया गया।

पालतू कुत्ते टीटो के लिए फंड

जर्मन शेफर्ड टीटो के लिए 12 लाख रुपये का फंड निर्धारित किया गया है, जिसमें टीटो के रखरखाव के लिए 30,000 रुपये की तिमाही किस्तें शामिल हैं।टीटो की देखभाल रतन टाटा के कुक राजन शॉ द्वारा की जा रही है।

कर्मचारियों और सहायकों को आर्थिक सहयोग

  • होशी डी मालेसर (टाटा ट्रस्ट्स के कंसलटेंट)– 5 लाख रुपये
  • देवेंद्र कटामोल्लु (अलीबाग बंगले के केयरटेकर)– 2 लाख रुपये
  • दीप्ति दिवाकरन (पर्सनल असिस्टेंट)– 1.5 लाख रुपये
  • गोपाल सिंह और पांडुरंग गुरव (चपरासी)– 50,000 रुपये प्रत्येक को

जुहू और अलीबाग स्थित संपत्ति

रतन टाटा के सौतेले भाई जिम्मी नवल टाटा को जुहू की संपत्ति का आधा हिस्सा मिलेगा। जिसकी अनुमानित कीमत 16 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, संपत्ति का बाकी का हिस्सा सिमोन टाटा और नोएल टाटा को मिलेगा।

रतन टाटा के करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को अलीबाग की संपत्ति, तीन बंदूकों का कलेक्शन दिया जाएगा। इसके अलावा, रतन टाटा की 800 करोड़ की संपत्ति को तीन भागों में विभाजित करके शिरीन जीजीभॉय (सौतेली बहन), डीनना जीजीभॉय (सौतेली बहन) और मोहिनी एम. दत्ता (टाटा ग्रुप की पूर्व कर्मचारी और रतन टाटा की करीबी मित्र) को बांटा जाएगा।

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Image Credit - jagran, herzidagi
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