जानिए भारत में होने वाली कोर्ट मैरिज और सिविल मैरिज में क्या है फर्क

23 जून, 2024 को बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी ने अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड जहीर के साथ शादी के बंधन बंधी। गौरतलब है कि सोनाक्षी हिंदू और जहीर मुस्लिम धर्म में आते है। 

 
Sonakshi Sinha Zaheer Wedding law

हिंदू धर्म से लेकर अन्य धर्मों में विवाह को लेकर कई रीति-रिवाज बनाए गए है। इसके परम्पराओं के अंतर्गत युवक और युवती का विवाह संपन्न होता है। हिंदू धर्म में सात फेरे और मुस्लिम संप्रदाय में निकाह पढ़ा जाता है। इसी प्रकार बाकी रिलीजियस में भी विवाह को लेकर नियम बने हुए है। धर्म के साथ-साथ संविधान में इसको लेकर कई नियम कानून बनाए गए है जिसके तहत शादी शुदा लोगों के बीच की समस्याएं सुनी जाती है।

भारत में एक दूसरे से शादी करने को लेकर भी कई कानून बनाए गए है जैसे कोर्ट मैरिज और सिविल मैरिज। बहुत से लोगों को ये दोनों नियम एक ही लगते हैं। लेकिन आपको बता दें कि यह दोनों अलग कानून है। इस विषय को लेकर मैंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता नीतेश पटेल से बात की।

जानिए कैसे अलग है सिविल और कोर्ट मैरिज में अंतर

What is court marriage

कोर्ट मैरिज और सिविल मैरिज को लेकर अधिवक्ता नीतेश पटेल ने बताया कि मैरिज एक्ट 1954 के अनुसार कोर्ट मैरिज एक या अन्य जाति, धर्म के युवक-युवती के बीच अदालत में होता है। वहीं सिविल मैरिज दो लोगों की आपसी सहमति से बिना कोर्ट की मदद से होती है। इसमें कपल किसी भी सरकारी ऑफिस में जाकर सिविल मैरिज कर शादी को रजिस्टर कर सकता है।

इसे भी पढ़ें- दो शादियों पर देवोलीना के बयान के बाद फिर चर्चा में आया स्पेशल मैरिज एक्ट? जानें इससे जुड़े सभी नियम

कोर्ट मैरिज में क्या होता है

कोर्ट मैरिज बिना किसी परंपरागत समारोह व रीति-रिवाज के अदालत में मैरिज ऑफिसर के सामने कराई जाती है। बता दें कि यह विवाह स्पेशल मैरिज एक्ट के तह संपन्न कराई जाती है। कोर्ट मैरिज किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय के बीच के युवक-युवती के बीच हो सकती है। इसमें एक फॉरेन पर्सन और दूसरा इंडियन भी हो सकता है। इस मैरिज में किसी भी प्रकार की धार्मिक पद्धति नहीं अपनाई जाती है। कोर्ट मैरिज में रजिस्ट्रार के सामने तीन गवाहों की मौजूदगी जरूरी होती है। इस शादी के लिए आवेदन करने वाले कपल की पहले से शादी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ दूल्हे की उम्र 21 वर्ष और दुल्हन की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।

क्या है सिविल मैरिज

Marriage law

सिविल मैरिज के अंतर्गत कपल्स बिना किसी अदालत के शादी कर सकते हैं। इस विवाह के दौरान दो लोगों की सहमति सबसे ज्यादा महत्व रखती है। इसके अंतर्गत आप किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर विवाह कर सकती हैं। इस विवाह में सर्टिफिकेट आवश्यक होता है। सिविल विवाह को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह कपल्स को कानूनी सुरक्षा और लाभ प्रदान करता है। इसमें संपत्ति के अधिकार, विरासत, कर लाभ, और स्वास्थ्य सेवा और अन्य लाभों आदि शामिल है।

इसे भी पढ़ें- Sonakshi-Zaheer Wedding: क्या होती है सिविल मैरेज? जिसके जरिए एक दूसरे के हुए सोनाक्षी जहीर

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

Image Credit- Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP