दवाओं का इस्तेमाल तो लगभग हर कोई करता है। पहले जिन्हें अंग्रेजी दवाएं कहा जाता था अब वो हमारे रोजमर्रा के रूटीन का हिस्सा बन गई हैं। हमारी लाइफस्टाइल जिस तरह से हो गई है उसके कारण हम काफी सारी हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से घिरे हुए हैं। ऐसे में दवाओं के सहारे कई लोग अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी बिता रहे हैं। कड़वी दवाएं और कैप्सूल हम खाते तो बहुत ही आसानी से हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैप्सूल में आखिर मिला क्या होता है?
कैप्सूल वेज है या नॉन-वेज इसे लेकर बहुत डिबेट हो रही है और लोग ये समझ नहीं पा रहे हैं कि सही क्या है और गलत क्या? तो चलिए आज कैप्सूल पर ही बात करते हैं और ये जानने की कोशिश करते हैं कि ये असल में वेज है या नॉन-वेज?
कैसे बनते हैं कैप्सूल? (How are Capsules Made?)
कैप्सूल बनाने में एनिमल पार्ट्स का इस्तेमाल होता है और इसे नकारा नहीं जा सकता है। इनके जो शेल होते हैं उन्हें बनाने के लिए जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है जिसे काफी प्रोसेस करने के बाद इस फॉर्म में लाया जाता है। हार्ड शेल कैप्सूल जो कि ड्राई फॉर्म में होते हैं और एक सख्त खोल के अंदर पाउडर फॉर्म में इंग्रीडिएंट्स दिए जाते हैं वो अधिकतर दो अलग-अलग रंगों के होते हैं जिसमें ऊपरी पार्ट थोड़ा बड़ा और नीचे वाला हिस्सा थोड़ा छोटा होता है।
सॉफ्ट शेल कैप्सूल अधिकतर ऐसे फॉर्म में होते हैं जो आसानी से डिजॉल्व हो जाएं और इनमें एक्टिव इंग्रीडिएंट होते हैं।
अधिकतर कैप्सूल में जिलेटिन होता है और कुछ में प्लांट बेस्ड प्रोटीन सेल्युलोज भी होता है। ऐसे में अगर बोला जाए कि कि ये वेज और नॉन वेज दोनों होता है तो गलत नहीं होगा।
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क्या कैप्सूल पोर्क से बनते हैं? (Is capsule made of pork?)
इसका जवाब हां और नहीं दोनों में दिया जा सकता है। कैप्सूल का मुख्य इंग्रीडिएंट जिलेटिन होता है जो हड्डियों से बनता है और अधिकतर पोर्क की हड्डियों का इस्तेमाल ही होता है। इसलिए एक अंश इसमें पोर्क का हो सकता है, लेकिन अब हलाल सर्टिफिकेट वाले या फिर वेजिटेरियन कैप्सूल भी आने लगे हैं जो काफी ज्यादा फेमस हैं।(क्या प्योर वेजिटेरियन लोगों को कम होती है डायबिटीज)
क्यों किया जाता है जिलेटिन का उपयोग? (Why gelatin is used in capsules?)
जिलेटिन का इस्तेमाल हार्ड और सॉफ्ट शेल वाले कैप्सूल बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि इससे प्रोटेक्शन बढ़ जाती है। दवाओं को ऑक्सीजन, लाइट, दूषित बैक्टीरिया, माइक्रोब्स आदि से बचाना होता है और साथ ही साथ उसका स्वाद और बदबू भी कम करनी होती है और इस कारण ऐसे पदार्थ की जरूरत होती है जो कम दाम में ये सब कर पाए। जिलेटिन इस सबको आसानी से कर सकता है और यही कारण है कि मार्केट में 75% कैप्सूल जिलेटिन होते हैं।
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क्या वेजिटेरियन कैप्सूल सुरक्षित हैं? (Is vegetarian capsule safe?)
जी हां, इसमें कोई शक नहीं है कि वेजिटेरियन कैप्सूल भी सुरक्षित होते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं किया जाता है। दरअसल, कैप्सूल का 75% मार्केट जिलेटिन बेस्ड कैप्सूल ने कैप्चर कर रखा है। प्लांट बेस्ड कैप्सूल बहुत कम आते हैं और अब धीरे-धीरे इनका मार्केट बढ़ रहा है, लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है कि ये कैप्सूल बनाने के प्रोसेस को ज्यादा बढ़ा देते हैं और इसके कारण कैप्सूल बनाने वाली कंपनियां इससे बचती हैं।
कैप्सूल होने की वजह से कई कड़वी दवाएं हम आसानी से खा लेते हैं और ऐसे में इनकी कोटिंग जरूरी हो जाती है। कई बार हमारे लिए दवाओं को खाना बहुत जरूरी हो जाता है और ऐसे में हम ये नहीं कर सकते कि नॉन-वेज या वेज की वजह से कैप्सूल खाने से ही मना कर दें। हां, आप अपने डॉक्टर से वेजिटेरियन कैप्सूल के बारे में जानकारी जरूर ले सकते हैं, लेकिन फिर भी कई बार दवा सेहत के लिए बहुत जरूरी हो जाती है।
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