आज के दौर में, जब पूरी दुनिया कीइकोनॉमी एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई है, तब किसी एक देश द्वारा लिया गया आर्थिक फैसला दूसरे देशों के हालत भी बदल सकता है। खासकर, जब बात ट्रेड वॉर यानी व्यापार युद्ध की होती है। यह ऐसा मुद्दा है, जिसने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और आर्थिक बहस में खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद चीन द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के बाद, 9 अप्रैल को अमेरिका ने चीन पर 104 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है। ऐसे में ट्रेड वॉर की स्थिति पैदा होने की आशंका है । तो आइए आज हम जानते हैं कि ट्रेड वॉर क्या होता है, इसकी शुरुआत कैसे होती है और इसका वैश्विक स्तर पर क्या असर पड़ता है?
ट्रेड वॉर क्या होता है?(What Is Trade War)
जब दो या अधिक देश एक-दूसरे पर टैरिफ (आयात कर) या अन्य व्यापारिक पाबंदियां लगाते हैं और यह सिलसिला जवाबी कार्रवाइयों के रूप में बढ़ता जाता है, तो इसे ट्रेड वॉर कहा जाता है।
य़ह अक्सर तब शुरू होता है जब किसी देश को लगता है कि विदेशी उत्पाद उसके घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुँचा रहे हैं। ऐसे में वह उन उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर अपने उत्पादों को सुरक्षित करना चाहता है। फिर दूसरा देश भी उसी तरह की प्रतिक्रिया देता है और ये आर्थिक बदले की प्रक्रिया आगे बढ़ती जाती है।
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ट्रेड वॉर कैसे शुरू होता है?(How Does Trade War Start)
- ट्रेड वॉर अक्सर तभी शुरू होता है, जब किसी देश को लगता है कि दूसरा देश उसके साथ अनुचित व्यापारिक नीतियाँ अपना रहा है। यह एक तरह की आर्थिक नाराजगी पैदा करता है।
- ट्रेड वॉर की शुरुआत तब होती है जब कोई देश जानबूझकर बहुत सस्ते दाम पर अपने उत्पाद दूसरे देश में बेचता है, जिससे वहां की लोकल इंडस्ट्री को नुकसान होता है।
- जब सरकार अपने एक्सपोर्टर्स को मदद देती है ताकि वे वैश्विक बाजार में और सस्ते दाम पर चीजें बेच सकें।
- जब कोई देश अपनी करेंसी को जानबूझकर कमजोर करता है ताकि उसके उत्पाद विदेश में सस्ते दिखाई दें और ज्यादा बिकें।
- जब कोई देश मनमाने तरीके से एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट पर पाबंदियां लगाता है।
ट्रेड वॉर का वैश्विक असर क्या होता है?(Global Impact of Trade War)
जब दो देश बिजनेस को लेकर आपसी लड़ाई में उतर आते हैं, तो इसका असर वैश्विक स्तर पर भी पड़ता है।
- जब किसी देश पर टैरिफ लगाया जाता है, तो वह चीजें महंगी हो जाती हैं। यह महंगाई आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालती है। मान लीजिए अगर अमेरिका चीन से आने वाले फोन, टीवी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर टैरिफ लगाता है, तो ये सारे प्रोडक्ट्स US में महंगे हो जाएंगे। महंगाई की मार आम खरीदारों को भी झेलना पड़ेगी।
- आज की दुनिया में एक प्रोडक्ट्स कई देशों के सहयोग से मिलकर बनता है। ऐसे में किसी देश पर टैरिफ लगने से पूरी ग्लोबल सप्लाई चेन बिगड़ जाएगी, जिसेस प्रोडक्शन में देरी और लागत दोनों बढ़ जाएगी।
- अगर एक देश के प्रोडक्ट दूसरे देशों में महंगे हो जाते हैं, तो उनकी सेल कम हो जाएगी। इससे एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा और नौकरियां भी खतरे में पड़ सकती हैं।
- जब दुनिया के बड़े देश आपस में ट्रेड वॉर करते हैं, तो इससे वैश्विक निवेश और व्यापार में भरोसा कम हो जाता है। परिणामस्वरूप, आर्थिक विकास की गति थम जाती है।
- ट्रेड वॉर की न्यूज शेयर बाजार पर बुरा असर डालती है। इन्वेस्टर्स डर जाते हैं कि आगे क्या होगा और इसकी वजह से शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव आ जाता है।
- ट्रेड वॉर से आर्थिक के साथ-साथ राजनीतिक रिश्ते भी प्रभावित होते हैं।
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Image Credit - Meta AI, Freepik
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