अगर लोन लेने वाले की हो जाए मौत, तो बैंक किससे पैसा वसूलता है? जानें नियम

लोन आजकल की जरूरत बन गया है, लेकिन लोन लेने वाले इंसान की अगर अचानक मौत हो जाती है, तो बैंक फिर क्या करता है? 
what happens if a person takes loan from bank and dies

आज की महंगाई के दौर में लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से लोन लेते हैं। हालांकि, बैंक आपको दो तरह के लोन देती है सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन, जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। आमतौर पर, हम पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन बैंक से लेते हैं। आजकल बैंक से लोन लेना भी बहुत आसान काम हो गया है। बैंक जब किसी इंसान को लोन देता है, तो सबसे पहले उसके फाइनेंशियल स्टेट्स को चेक करता है कि सामने वाला लोन चुका पाएगा कि नहीं। इसके अलावा, लोन लेने वाले के सभी डॉक्यूमेंट्स को चेक किया जाता है, फिर उसके बैंक अकाउंट में रकम को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

आमतौर पर बैंक, लोन के साथ ब्याज भी वसूल करता है। लोन लेने वाले इंसान को हर महीने EMI के जरिए अपने लोन को चुकाना होता है। लेकिन, कई बार लोन चुकाने से पहले ही लोन लेने वाले इंसान की मौत हो जाती है। ऐसे में लोन चुकाने की जिम्मेदारी किसकी होती है। बैंक किन लोगों से लोन की राशि वसूलता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको इन्हीं सभी सवालों के जवाब देने वाले हैं।

आपके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि बैंक दो तरह के लोन देता है। पहला सिक्योर्ड लोन जिसमें, कार लोन, होम लोन, गोल्ड लोन और बिजनेस लोन शामिल हैं। दूसरा अनसिक्योर्ड लोन है जिसमें, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड लोन, स्टूडेंट्स लोन शामिल है।

पर्सनल लोन लेने वाले की अगर मृत्यु हो जाए

पर्सनल लोन अक्सर अनसिक्योर्ड होते है, इसलिए लोन लेने वाले शख्स की अगर मौत हो जाती है, तो कोई collateral नहीं होता है, जिसे बैंक जब्त कर सकता है।

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इस सिचुएशन में कुछ सामान्य समाधान भी हैं-

Personal loan death

  • आमतौर पर, अगर पर्सनल लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो लोन चुकाने के लिए प्रॉपर्टी पहली प्राथमिकता होती है।
  • यदि लोन लेने वाले इंसान की पति या पत्नी है और वह मृतक की प्रॉपर्टी रखने का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें बकाया लोन की रकम को चुकाना पड़ेगा।
  • आमतौर पर, बैंक पहले सुनिश्चित करता है कि लोन लेने वाले इंसान की मृत्यु के बाद उसका टैक्स और उसके सभी बिल्स का पेमेंट हो चुका हो, तभी प्रॉपर्टी से लोन की रकम को काटा जाए। आपको बता दें कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम हैं, इसलिए जांच करना जरूरी है।
  • कुछ मामलों में, लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद सीधे नए व्यक्ति को लोन ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • आपने लोन लेने वाले इंसान द्वारा प्राप्त लोन पर हस्ताक्षर किया है, तो आपको को-एप्लीकेंट कहा जाता है। ऐसे में आपको लोन लेने वाले इंसान की मृत्यु के बाद लोन चुकाने के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। भले ही आपने कोई फाइनेंशियल योगदान न दिया हो।
  • यदि आपने लोन लेने वाले इंसान के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोला होता है, तो उसकी मृत्यु के बाद सभी संपत्तियों पर आपका अधिकार हो जाता है। साथ ही, आपको मृतक व्यक्ति द्वारा लिए गए लोन को भी चुकाना पड़ता है।
  • आपको लोन लेते समय हमेशा याद रखना चाहिए कि आपके साथ अगर कोई मिसहैपनिंग हो गई, तो आपके साथी का क्या होगा? अगर आप अपनी पूरी प्रॉपर्टी अपने जीवनसाथी के नाम कर देते हैं, तो आपकी सभी फाइनेंशियल कमिटमेंट्स को संभालने की जिम्मेदारी भी उनकी ही हो जाती है।
  • अगर लोन लेने वाले व्यक्ति का को-एप्लीकेंट भी लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक गारंटर को घेरती है और उससे लोन की रकम चुकाने को कहती है।

होम लोन या कार लोन लेने वाले शख्स की मृत्यु होने पर

अगर किसी इंसान ने होम लोन या कार लोन लिया है और अचानक से उसकी मौत हो जाती है, तो बैंक उसके घर या गाड़ी को सीज कर देता है। बाद में घर और गाड़ी की नीलामी की जाती है। नीलामी में प्रॉपर्टी या गाड़ी बेचकर बैंक लोन की रकम को वसूल कर लेता है।

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सिक्योर्ड और इनसिक्योर्ड लोन में क्या करता है बैंक?

सिक्योर्ड लोन की रकम वसूलने के लिए बैंक लोन लेने वाले की मृत्यु के बाद, उसकी प्रॉपर्टी को जब्त कर लेता है। इसके अलावा, अनसिक्योर्ड लोन पर बैंक नॉमिनी के साइन लेकर बीमा कंपनी से पैसे वसूलता है।

अनसिक्योर्ड लोन पर बैंक क्या करता है?

Loan against property

अगर आपने अनसिक्योर्ड लोन लिया है, तो बैंक के पास लोन की रकम वसूलने के लिए कोई नहीं होता है। हालांकि, बैंक पर्सनल लोन की रकम वसूलने के लिए मृतक व्यक्ति के रिश्तेदारों के पास जाता है। लेकिन, पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है, जिसमें बिना किसी जमानत के रकम दी जाती है। यदि लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक के पास वसूली का प्रावधान नहीं है। अगर पर्सनल लोन में एक से ज्यादा इंसानों के साइन हैं, तो बैंक को-एप्लीकेंट से लोन की रकम वसूल सकता है।

बड़े लोन लेते समय टर्म इंश्योरेंस लेना जरूरी

यदि कोई शख्स बैंक से लोन ले रहा है, तो उसको कम से कम 1 करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए। यह तब काम आता है, जब लोन की रकम चुकाने से पहले उसकी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी से मिलने वाली रकम से लोन चुकाया जा सकता है। ऐसा करने से उसकी प्रॉपर्टी और फैमिली, दोनों बची रहती है।

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Image Credit - freepik

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