मानसून के मौसम में छाता हमारा सबसे अच्छा दोस्त होता है। लेकिन अगर आपके छाते में जंग लग गया है, तो यह न केवल भद्दा दिखता है, बल्कि इसका इस्तेमाल करना भी मुश्किल हो जाता है। चिंता न करें, यहां 5 आसान तरीके दिए गए हैं जिनकी मदद से आप अपने छाते से जंग हटा सकते हैं।
छाते पर लगी जंग को हटाने के लिए, आप इन तरीकों को आजमा सकते हैं
1. बेकिंग सोडा और चूना
एक बर्तन में 2 चम्मच बेकिंग सोडा, 1 चम्मच चूना, और पानी की कुछ बूंदें डालकर लेप तैयार करें। इस लेप को जंग वाली जगह पर लगाएं और करीब 5 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर, क्लीनिंग ब्रश या सैंडपेपर से रगड़कर साफ कर लें। चूना जंग के क्रिस्टल को सक्रिय करता है और बेकिंग सोडा उसे नरम करता है, जिससे जंग आसानी से निकल जाती है। बेकिंग सोडे को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। इसे जंग वाली जगह पर लगाएं और कुछ देर छोड़ दें। आखिर में, किसी टूथब्रश से इसे साफ कर लें।
2. आलू और डिशवॉशिंग लिक्विड
एक कच्चे आलू को आधा काटें और उस पर डिशवॉशिंग लिक्विड लगाएं। फिर आलू को जंग लगी जगह पर रगड़ें। आलू में ऑक्सालिक एसिड होता है जो जंग को हटाने में मदद करता है। रगड़ने के बाद पानी से धोकर सुखा लें।
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3. एल्युमिनियम फॉयल और पानी
एक छोटा टुकड़ा एल्यूमीनियम फॉयल लें और उसे पानी में डुबोएं। फिर इसे जंग लगी जगह पर रगड़ें। फॉयल की सतह जंग को हटाने में प्रभावी होती है और इससे छाते की सतह को भी नुकसान नहीं होता।
4. बेकिंग सोडा और नींबू का रस
एक कटोरे में बेकिंग सोडा और नींबू के रस को बराबर मात्रा में मिलाएं। फिर, सिरके की तरह जंग लगे हिस्से को इस मिश्रण में भिगोएं और इसे 30 मिनट तक बैठने दें। इसके बाद, एक ब्रश या स्पंज का इस्तेमाल करके जंग को रगड़कर हटा दें। जंग को रोकने के लिए, आप नमी को धातु तक पहुंचने से रोक सकते हैं या ऐसी सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं जो धीरे-धीरे संक्षारित होती है। लोहे या स्टील को जंग से बचाने के लिए, आप गैल्वनीकरण की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें लोहे या स्टील को जस्ते में लेपित किया जाता है।
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5. गैल्वनीकरण की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
गैल्वेनाइजेशन या गैल्वनाइजिंग, लोहे या स्टील पर सुरक्षात्मक जिंक कोटिंग लगाने की प्रक्रिया है, जिससे जंग लगने से बचा जा सके। इस प्रक्रिया में, धातु की बाहरी सतह पर जिंक की एक पतली परत जमा की जाती है। ज्यादातर बार, पिघले हुए जिंक में धातु को डुबोकर गैल्वेनाइजेशन किया जाता है, जिसे हॉट डिप गैल्वनाइजिंग कहते हैं। इसके अलावा, इलेक्ट्रोप्लेटिंग करके भी गैल्वेनाइजेशन किया जा सकता है।
जिंक ज्यादा प्रतिक्रियाशील होता है, इसलिए यह हवा के साथ मिलकर जिंक ऑक्साइड की एक कठोर परत बनाता है। यह परत हवा को धातु तक पहुंचने से रोकती है और धातु को नमी और हवा के संपर्क में आने से बचाती है। इससे धातु जंग नहीं लगती और इसका क्षरण भी रुक जाता है। गैल्वेनाइजेशन की प्रक्रिया धातुकर्म प्रतिक्रिया के जरिए होती है और यह एक सिद्ध वैज्ञानिक प्रक्रिया है। गैल्वेनाइजेशन के कई फायदे हैं, जैसे कम रखरखाव की जरूरत, लंबा जीवन, कम लागत और पर्यावरण के अनुकूल।
इस्तेमाल के बाद छाते को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें
इन तरीकों का इस्तेमाल करते समय, छाते के कपड़े को नुकसान न पहुंचे, इसका ध्यान रखें। छाते को हर उपयोग के बाद अच्छी तरह से सुखाएं ताकि जंग लगने की संभावना कम हो। छाते को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें, जहां नमी कम हो। छाते के धातु के हिस्सों पर लुब्रिकेंट का उपयोग करें ताकि वह आसानी से खुल सके और जंग न लगे।
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