यह सच है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारी दुनिया को नया आकार दे रहा है। मगर ऐसे कई सवाल हैं इसे लेकर, जो अक्सर लोगों के मन में उथल-पुथल मचा देते हैं। क्या एआई सेफ है? क्या इससे नौकरियां चली जाएंगी? क्या एआई सिस्टम्स को कंट्रोल करना आसान होगा? ऐसे ही कई सारे सवाल हैं, जो एआई को लेकर मन में आते हैं।
मगर आज इस लेख से हम इन सारे मुश्किल सवालों के जवाब देंगे। आपको बताएं कि इससे सीखना कितना आसान है। आपके लिए सिंपल टर्म्स को भी ब्रेक डाउन करना आसान होगा। चलिए जानते हैं एआई से जुड़े मुश्किल सवाल और उनके जवाबों के बारे में।
1. क्या हम ऐसा AI सिस्टम बना सकते हैं जो सुरक्षित और कंट्रोलेबल हो?
जैसे-जैसे AI सिस्टम शक्तिशाली होते जा रहे हैं, वैसे ही इसे कंट्रोल करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सवाल है कि हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि एआई को ह्यूमन कंट्रोल कर सकता है। वहीं यह किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं ऐसा कैसे संभव है?
"सुरक्षित" और "कंट्रोलेबल" को परिभाषित करना जितना लगता है, उससे कहीं ज्यादा कठिन है। एक AI अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अप्रत्याशित तरीके खोजता है। इसकी उम्मीद हम लोग नहीं कर सकते।
दरअसल,जैसे-जैसे AI सिस्टम ज्यादा कॉम्प्लेक्स होते जा रहे हैं, उनकी निर्णय लेने का प्रोसेस कम ट्रांसपेरेंट हो सकती हैं। इसे 'ब्लैक बॉक्स' समस्या नाम दिया गया है।
AI सिस्टम को इतना शक्तिशाली बनाना कि वह यूजफुल और सेफ्टी दोनों हों, एक संघर्ष है। हालांकि, शोधकर्ता विभिन्न दृष्टिकोणों की खोज कर रहे हैं:
रिवॉर्डिंग मॉडलिंग: AI को मानवीय प्राथमिकताओं को समझना और आत्मसात करना सिखाना।
इनवर्स रिइनफोर्समेंट लर्निंग: AI को मानव व्यवहार को अब्सॉर्ब करके मानवीय मूल्यों का अनुमान लगाना।
फॉर्मल वेरिफिकेशन: गणितीय रूप से यह साबित करना कि AI सिस्टम कुछ सीमाओं के भीतर व्यवहार करेंगे।
इन प्रयासों के बावजूद, क्षेत्र में प्रमाणित रूप से सुरक्षित AI बनाना एक चुनौती की तरह है।
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2. हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि AI ऐसे निर्णय ले जो मानवता के लिए अच्छे हों?
एआई एथिकल है या नहीं, इस पर भी कई सारी चर्चाएं होती रहती हैं। यह एक ऐसा सवाल है जो तमाम लोग सोचते हैं।
1. AI के लिए एथिक्स को डिफाइन करना जरूरी: इसके लिए एब्स्ट्रैक्ट ह्यूमन वैल्यूज को ठोस नियमों या दिशा-निर्देशों में बदलना आवश्यक है जिन्हें AI सिस्टम में लागू किया जा सकता है। मगर यह कॉम्प्लेक्स है क्योंकि अलग-अलग कल्चर और कॉन्टेक्स्ट में हर किसी के लिए एथिक्स अलग हो सकते हैं।
2. एथिकल दिशा-निर्देशों को लागू करना: एक बार जब हम नैतिकता को परिभाषित कर लेते हैं, तो हमें इन सिद्धांतों को AI एल्गोरिदम में एनकोड करने के तरीके खोजने की आवश्यकता होती है। इसमें ऐसे रिवॉर्ड फंक्शन बनाना शामिल हो सकता है जो नैतिक व्यवहार को प्राथमिकता देते हैं या ऐसी बाधा प्रणाली विकसित करना जो अनैतिक कार्यों को रोकती है।
3. नैतिक दुविधाओं से निपटना: AI सिस्टम ऐसी स्थितियों का सामना कर सकते हैं जहां विभिन्न नैतिक सिद्धांत संघर्ष करते हैं। आप ऑटोमैटिक कार के उदाहरण से इसे समझ सकते हैं, जैसे ऑटोमैटिक कारों में अवॉइडेबल एक्सिडेंट सिचुएशन में कार को पैसेंजर या पैदल चलने वालों की सुरक्षा में से किसे प्राथमिकता देनी चाहिए?
4. जवाबदेही और ट्रांसपेरेंसी: हमें AI निर्णयों का ऑडिट करने और उनके तर्क को समझाने के लिए सिस्टम की आवश्यकता है, विशेष रूप से हाई-स्टेक वाली स्थितियों में।
5. निरंतर निगरानी और एडजस्टमेंट: जैसे-जैसे AI सिस्टम वास्तविक दुनिया के साथ कम्यूनिकेट करते हैं, वहां हमें ऐसे मेकेनिज्म की जरूर है, जो अनपेक्षित नैतिक विफलताओं की पहचान करें और उन्हें ठीक करने में सक्षम हों।
इसके लिए भी शोधकर्ता विभिन्न दृष्टिकोणों की खोज कर रहे हैं:
वैल्यू लर्निंग: डेटा और व्यवहार से मानवीय मूल्यों का अनुमान लगाने के लिए AI की तकनीकें।
नैतिक AI रूपरेखाएं: AI विकास और डिप्लॉयमेंट के लिए दिशा-निर्देश और बेस्ट प्रैक्टिस विकसित करना।
AI एथिक्स बोर्ड: AI परियोजनाओं और उनके नैतिक इंप्लिकेशन्स की देखरेख के लिए विशेषज्ञों के डाइवर्स समूह बनाना।
3. क्या AI हमारे लिए खतरा है? क्या यह इंसानों से ज्यादा होशियार है?
क्या आपके मन में भी यही सवाल है? आज का AI कमजोर है। हां यह आपके कई काम बेहतर तरीके से कर सकता है, लेकिन हमारे जैसी बुद्धि लगाना अभी इसके बस में नहीं है।
मानव-स्तर का इंटेलिजेंस सीकने के लिए इसके लिए ट्रांसफर लर्निंग जरूरी है। इसमें एक डोमेन से दूसरे डोमेन में नॉलेज को लागू करना शामिल है।
इसके अलावा, कॉन्टेक्स्ट और इंप्लिसिट नॉलेज को समझना और अपरिचित समस्याओं के लिए नए समाधान उत्पन्न करना शामिल है।
हमारी इंटेलिजेंस बहुआयामी होती है। हम अलग-अलग इमोशन्स को फील कर सकते हैं। एआई के लिए ओवरऑल इंटेलिजेंस को परिभाषित करना और मेजर करना मुश्किल है।
4. हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि AI भेदभाव न करे?
अब यह एक अन्य सवाल है जो लोगों के मन में होगा। इसे रोकने के लिए पक्षपात के लिए डेटा की जांच जरूरी है। यदि ऐतिहासिक डेटा पक्षपात दिखाता है, तो AI ये सीख सकता है और इसे बदतर बना सकता है।
वहीं, अनुचित एल्गोरिदम से सावधान रहना जरूरी है। AI एल्गोरिदम गलती से कुछ परिणामों को प्राथमिकता दे सकते हैं।
एआई डेवलवमेंट में डायवर्सिटी की कमी: विविधता के बिना टीमें बायस को नजरअंदाज कर सकती हैं।
फीडबैक लूप रोकें: पक्षपात AI सिस्टम भेदभाव सेल्फ-रिइंफोर्सिंग साइकिल बना सकता है।
AI बायस को संबोधित करने के लिए पक्षपात के लिए डेटा को ध्यान से देखें। AI मॉडल में बायस को खोजने और ठीक करने के तरीके विकसित करें। सुनिश्चित करें कि AI पर विविध टीमें काम करें। यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाएं कि AI निष्पक्ष है। यह देखने के लिए AI का परीक्षण करते रहें कि क्या यह वास्तविक स्थितियों में पक्षपातपूर्ण है। AI सिस्टम को यह समझाएं कि वे कैसे निर्णय लेते हैं।
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5. क्या AI हमारी सभी नौकरियां छीन लेगा?
1. नौकरी विस्थापन: AI और स्वचालन संभवतः कई मौजूदा नौकरियों को खत्म कर देंगे, खासकर वे जो नियमित कॉग्निटिव या मैनुअल कार्यों से जुड़ी हैं।
2. नौकरियां क्रिएट होंगी: AI से नए प्रकार की नौकरियों के क्रिएट होने की उम्मीद है, जिनमें से कई की हम अभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। ऐतिहासिक तकनीकी क्रांतियों ने अक्सर जितनी नौकरियां नष्ट की हैं, उससे कहीं ज्यादा नौकरियां क्रिएट की हैं।
3. नौकरी परिवर्तन हो सकता है: AI द्वारा कई मौजूदा भूमिकाओं को पूरी तरह से बदलने के बजाय बढ़ाया जाएगा। इसके लिए लोगों को नए कौशल अपनाने और हासिल करने की आवश्यकता होगी।
4. सेक्टरल शिफ्ट्स: कुछ उद्योग कम हो सकते हैं जबकि अन्य विस्तार कर सकते हैं, जिससे वर्कफोर्स रिडिस्ट्रिब्यूट हो सकती है।
5. प्रोडक्टिविटी बेनिफिट्स: AI प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकता है, जिससे आर्थिक विकास और नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
6. स्किल्स प्रीमियम: डिमांड बढ़ेगी उन स्किल्स की जो एआई से मेल खाती हों। क्रिएटिविटी, इमोशनल इंटेलिजेंस और कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसे स्किल्स की मांग बढ़ेगी।
7. आर्थिक असमानता: एआई-संचालित नौकरी परिवर्तनों के लाभ और चुनौतियां समान रूप से वितरित नहीं हो सकती हैं, जिससे आर्थिक असमानताएं बढ़ सकती हैं।
उम्मीद है आपके कुछ सवालों के जवाब इस लेख से मिले होंगे। ऐसा नहीं है कि हमें सारे जवाब पता हैं, लेकिन एआई के माध्यम से हम मिल-जुलकर कई सारे टर्म्स को सिम्प्लिफाई कर सकते हैं। इसी के साथ डिजिटल वर्ल्ड से जुड़कर अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।
SAWiT.AI नए जमाने की महिलाओं को डिजिटल वर्ल्ड में सफल बनने का एक मौका दे रहा है। भले ही वो टेक्निकल बैकग्राउंड से ना हों, वो इस मुहिम से जुड़ सकती हैं।
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Image Credit: Freepik
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