अमेरिका के बैंकों से शुरू हुआ बैंकिंग संकट यूरोप तक पहुंच गया। बती दिनों से ही अमेरिका और यूरोप के बैंकिंग सेक्टर में सुनामी आई हुई है। इसके अलावा भी आए दिन जानकारी मिलती रहती है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि कब और कैसे डूबता है बैंक चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
बैंक का डूबना क्या है
जब निवेशकों को देने के लिए नकदी नहीं है तो उस स्थिति में बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया जाता है। किसी भी बैंक को बंद करने का फैसला करना पड़ रहा है तो उस स्थिति को हम उसे फेल्योर भी कह सकते है। अगर कोई बैंक अपने जमाकर्ताओं और अन्य लोगों के प्रति अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर पाता है तो उसे बंद करने का फैसला ले लिया जाता है।
बैंक बंद होने पर जमा राशि का क्या होता है
अगर कोई बैंक बंद हो जाता है तो उसके ग्राहकों की न्यूनतम जमा राशि बीमित रहती है। बता दे कि केंद्र सरकार ने इसके लिए विशेष प्रावधान किया हुआ है। दिवालिया हुए बैंक के खाताधारकों को जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम यानी DICGC के तहत 5 लाख रुपये तक की सुरक्षित राशि वापस कर दी जाती है। वही अगर आपके बैंक में इससे ज्यादा पैसा है तो आपको बाकी के पैसे बैंक की स्थिति ठीक होने पर दी जाती हैं। ( बैंक अकाउंट खुलवाने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान )
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अमेरिका के नियम
वहीं अमेरिकी में जब 563 बैंक फेल हो गए थे तो अमेरिकी सरकार ने फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को लागू कर दिया था। सिक्योरिटीज इन्वेस्टर प्रोटेक्शन कॉरपोरेशन के तहत अमेरिका में बैंक खाताधारकों को 2.5 लाख डॉलर तक निकालने की छूट मिली थी।
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