ई-नीलामी (इलेक्ट्रॉनिक नीलामी) खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह एक ऑनलाइन बिक्री प्रक्रिया होती है, जिसमें खरीदार खुले तौर पर या बारीकी से वस्तुओं या सेवाओं पर प्रतिस्पर्धी बोली लगाते हैं। इस प्रक्रिया में, उच्चतम बोली लगाने वाले को ही वस्तु या सेवा बेची जाती है। खरीदारों और विक्रेताओं का मानना है कि इस तरह से संपत्ति खरीदने या बेचने पर अच्छा सौदा मिलता है। इसके साथ ही आइए जानते हैं, कंपनियों और ग्राहकों को ई-नीलामी का कैसे फायदा होता है।
क्या होता है e-Auction?
ई-नीलामी या ई-ऑक्शन, ऑनलाइन ऑक्शन का एक और तरीका है। इसमें, विक्रेता अपनी चीजें किसी खास ई-ऑक्शन वेबसाइट या प्लैटफॉर्म पर लिस्ट तैयार करते हैं और खरीदार उन पर बोली लगाते हैं। बोली प्रक्रिया में आम तौर पर समय-सीमित होती है। इसमें, सबसे ज्यादा बोली लगाने वाला व्यक्ति ही सामान या कॉन्ट्रैक्ट जीतता है। ई-ऑक्शन, बिजनेस से बिजनेस, बिजनेस से कंज्यूमर, कंज्यूमर से कंज्यूमर हो सकती है। इससे कॉम्पटिशन भी बढ़ती है और सामान और सेवाएं उनके मौजूदा मार्किट रेट पर मिलती हैं। टेक्नावियो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन ऑक्शन बाजार 2027 तक 2.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 11.35 फीसदी सीएजीआर (Compound Annual Growth Rate) पर पहुंच सकता है।
ई-ऑक्शन इंडिया, सरकारी विभागों के लिए ऑनलाइन ऑक्शन आयोजित करने का एक मंच है। ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए, नोटिस में दी गई संपत्ति के लिए ईएमडी यानी अर्नेस्ट मनी जमा करनी होती है। इसके अलावा, संबंधित ब्रांच में केवाईसी दस्तावेज दिखाना होता है और डिजिटल सिग्नेचर जरूरी है। ईएमडी जमा करने के बाद, बैंक की तरफ से ई-मेल आईडी पर लॉगिन करने के लिए आईडी और पासवर्ड भेजे जाते हैं। इसके बाद, ई-ऑक्शन में हिस्सा लेकर प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है।
ई-ऑक्शन में भाग लेने के लिए, आपको ये कदम उठाने होंगे
- संपत्तियों की ऑक्शन से जुड़ी जानकारी वाले विज्ञापन में दी गई जानकारी पढ़ें।
- ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए, नोटिस में दी गई संपत्ति के लिए ईएमडी यानी अर्नेस्ट मनी जमा करें।
- संबंधित ब्रांच में केवाईसी दस्तावेज दिखाएं।
- नीलामी में हिस्सा लेने के लिए डिजिटल सिग्नेचर जरूरी है।
- संबंधित बैंक ब्रांच में ईएमडी जमा करने के बाद, आपको ऑक्शन में हिस्सा लेने के लिए मंजूरी मिल जाती है।
- बैंक की तरफ से आपको अपनी ईमेल आईडी पर लॉगिन करने के लिए आईडी और पासवर्ड भेज दिए जाते हैं।
- इसके बाद, ई-ऑक्शन में हिस्सा लेकर अपनी पसंदीदा संपत्ति खरीदें।
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ई-ऑक्शन के कुछ फायदे
- ई-नीलामी से लागत बचती है।
- खरीदने की प्रोसेस को स्ट्रीमलाइन करता है।
- कंपनी से लेकर कस्टमर तक का समय बचाता है।
- सप्लायर को सीधे एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करता है।
- खरीदारों को अपने प्रोडक्ट के लिए अच्छी कीमत मिलती हैं।
- ई-ऑक्शन में खरीदार और विक्रेता इंटरनेट कनेक्शन के जरिए दुनिया में कहीं से भी जुड़ सकते हैं।
ऑनलाइन ऑक्शन के कई फायदे हैं
- पारंपरिक नीलामी की भौगोलिक सीमाएं नहीं होतीं, जिससे दर्शकों तक पहुंच बढ़ जाती है।
- ऑनलाइन ऑक्शन में ऑटोमैटिक बोलियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ऑनलाइन ऑक्शन में वस्तुओं और सेवाओं की विविधता बढ़ जाती है।
- बोली लगाने वाला अपने दफ्तर से बैठकर बोली लगा सकते हैं।
- बोली लगाने के मौके पर ही आप सीनियर से सलाह ले सकते हैं।
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