हमारे समाज में मम्मी को बच्चे सुपरहीरो मानते हैं। वह बाहर से देखने में भले ही नाजुक लगे, लेकिन भावनात्मक तौर वह यकीनन काफी मजबूत होती है। एक स्त्री घर-परिवार के साथ बाहर की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाती है। इतना ही नहीं, वह घर में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी की खुशी का ख्याल रखती है। लेकिन वास्तव में है तो वह भी एक इंसान ही। भले ही वह कितनी भी मजबूत हो, लेकिन पारिवारिक, कामकाज और फाइनेंशियल परेशानियां उसे मन ही मन काफी परेशान करती हैं। ऐसे में खुद को हर वक्त संभालते हुए दूसरों को खुश रखना इतना भी आसान नहीं होता। देखने में भले ही यह कितना भी आसान लगे।
जरा सोचिए, अगर आप आपके सिर के उपर कई किलो वजन हो और आपको सीधा चलने के लिए कहा जाए तो आप भले ही कितना भी सीधा चलने की कोशिश करें, लेकिन कुछ वक्त के लिए आपके कदम डगमगाएंगे ही। ऐसा ही महिलाओं के साथ भी होता है। एक साथ कई जिम्मेदारियां उन्हें मन ही मन परेशान करती हैं। ऐसे में वह भी कभी-कभी अपना धैर्य खो देती है। इस स्थिति में या तो महिला बिना वजह ही रोने लग जाती है या फिर बिना किसी कारण चिल्लाने लग जाती है। ऐसे में बच्चों को लगता है कि अचानक उनकी मम्मी को क्या हो गया। जहां एक ओर यह स्थिति बच्चे के लिए हैरान कर देने वाली होती है, वहीं बाद में इससे महिला को काफी guilty लगता है। हालांकि आपको खुद को दोष देने की जरूरत नहीं है। आप इस स्थिति को आसानी से हैंडल कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
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करें स्वीकार
जब आप मेल्टडाउन की स्थिति से थोड़ा ठीक हो जाती हैं तो यह जरूरी है कि आप उनसे बिना किसी कारण नाराज़ होने के लिए माफ़ी माँगें। उन्हें प्यार से गले लगाएं और उन्हें उनकी ही भाषा में अपनी स्थिति बताएं। उन्हें कहें कि जब मैम उन्हें ढेर सारा काम दे देती हैं, तो वह किस तरह परेशान हो जाते हैं। ठीक उसी तरह, आप भी परेशान थी और इसलिए आप थोड़ा चिड़चिड़ी हो गई थी। अमूमन बच्चे अपनी मम्मी को सुपरहीरो समझते हैं। लेकिन आप उन्हें समझाएं कि आप कोई सुपरहीरो नहीं है, बल्कि एक इंसान है। आप हमेशा ही शांत और समझदार नहीं रह सकतीं। चोट लगने पर आपको भी दर्द होता है। काम की अधिकता आपको भी परेशान करती है। इस तरह जब वह आपके perspective को समझेंगे तो यकीनन आपकी ताकत बनेंगे।
बच्चों को भेजें बाहर
अगर आप बच्चों के सामने कमजोर नहीं पड़ना चाहतीं या उन पर बिना वजह गुस्सा नहीं करना चाहतीं तो इस स्थिति से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप कुछ देर के लिए बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेज दें। जब आप कमजोर पड़ रही हैं तो कुछ देर के लिए बच्चों से दूर होना ही सबसे अच्छा उपाय है। चाहे तो आप भी कमरे से बाहर निकल जाएं और जब नार्मल हों, तभी वापिस लौटें।
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खुद को करती रहें डिटॉक्स
एक स्त्री के लिए यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब उसके मन में एक साथ कई नकारात्मक विचार इकट्ठे हो जाते हैं और फिर वह एकदम से burst होते हैं। आप कोशिश करें कि ऐसी स्थिति पैदा ही ना हो। इसके लिए आप कुछ एक्टिविटीज कर सकती हैं। जैसे- हर रोज डायरी लिखने की आदत डालें। इससे आपके मन के भाव शब्दों के जरिए बाहर निकल जाएंगे और आप खुद को काफी हल्का महसूस करेंगी। इसी तरह, आप अपने किसी करीबी से बात कर सकती हैं या फिर ऐसी कोई एक्टिविटी कर सकती हैं, जो आपको भीतर से खुशी दे।
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