herzindagi
warriors of ramayan and mahabharat

Hindu Mythology: इन योद्धाओं के बिना अधूरे थे रामायण और महाभारत दोनों युद्ध

रामायण का युद्ध त्रेता युग में लड़ा गया था और महाभारत का युद्ध द्वापर युग में लेकिन कुछ ऐसे योद्धा थे जिन्होंने दोनों युद्धों में भाग लिया था। 
Editorial
Updated:- 2023-05-13, 13:00 IST

Mahabharat Aur Ramayan Ke Yoddha: रामायण का युद्ध त्रेता युग में लड़ा गया था और महाभारत का युद्ध द्वापर युग में। रामायण हो चाहे महाभारत दोनों ही युद्ध में एक से बढ़कर एक योद्धा थे।

इन्हीं में से कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने दोनों युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं उन योद्धाओं के बारे में।

महर्षि दुर्वासा (Rishi Durvasa In Mahabharat And Ramayan)

  • महर्षि दुर्वासा एक महान तपस्वी थे। उनका जन्म महदेव के क्रोध से हुआ था।
  • ऋषि दुर्वासा रामायण और महाभारत दोनों युद्ध के साक्षी बने थे।
  • ऋषि दुर्वासा ने रामायण युद्ध के बाद लक्ष्मण को श्राप दिया था।
  • वहीं, महाभारत युद्ध में इन्होंने पांडवों को कई दिव्य शक्तियां दी थीं।

यह भी पढ़ें:Ramayan Facts: जानें श्री राम के भाई भरत और शत्रुघ्न किसके अवतार थे

जामवंत (Jambavan In Mahabharat And Ramayan)

ramayan ke yoddha

  • जामवंत ने रामायण युद्ध में श्री राम का साथ दिया था।
  • युद्ध के बाद उन्होंने श्री राम से मलयुद्ध की इच्छा जताई थी।
  • श्री राम ने उन्हें द्वापर युग में इच्छापूर्ति का वरदान दिया था।
  • महाभारत युद्ध से पहले श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के जिंदा सबूत) और जामवंत का युद्ध हुआ था।

मयासुर (Mayasur In Mahabharat And Ramayan)

  • मायासुर रावण के ससुर थे। इन्हों रामायण युद्ध में रावण का साथ दिया था।
  • इन्होनें रावण के लिए कई दिव्य अस्त्रों और चक्रव्यूहों का निर्माण किया था।
  • मायासुर ने ही महाभारत युद्ध के बाद पांडवों को विजय महल बनाकर दिया था।
  • मायासुर ने ही महाभारत युद्ध से पहले खंडवप्रस्थ को इंद्रप्रस्थ बनाया था।

भगवान हनुमान (Hanuman Ji In Mahabharat And Ramayan)

mahabharat ke yoddha

  • हनुमानजी (हनुमान जी की पत्नी का नाम) को कलयुग में जीवित देवता माना जाता है।
  • हनुमानजी ने रामायण युद्ध में वानर सेना का नेतृत्व किया था।
  • वहीं, महाभारत में वह अर्जुन कि सहायता के लिए उसके रथ पर बैठे थे।
  • इसके अलावा, हनुमान जी ने भीम का घमंड भी तोड़ा था।

यह भी पढ़ें:Mahabharat Katha: 18 दिन तक ही क्यों चला था महाभारत का युद्ध?

परशुराम (Parshuram In Mahabharat And Ramayan)

  • परशुराम भगवान शिव के अवतार थे।
  • ब्राह्राण कुल में जन्में परशुराम क्षत्रीय भी थे।
  • रामायण काल में उन्होंने शिव धनुष टूटने पर क्रोध जताया था।
  • महाभारत से पहले उन्होंने भीष्म को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा भी दी थी।

तो ये थे वो योद्धा जिन्होंने रामायण और महाभारत दोनों युद्धों में निभाई थी खास भूमिका। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: pinterest, wikipedia

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।