आज के समय की व्यस्तता और तनाव भरी जिंदगी में चैन की नींद आना काफी ज्यादा चैलेंजिंग हो गया है। बहुत सी महिलाएं रात में सोने के लिए जूझती रहती हैं। दिनभर काम करके थक जाने के बावजूद कई बार नींद नहीं आ पाती। अगर आप भी इसी मुश्किल से जूझ रही हैं तो अपने बेड रूम के वास्तु पर ध्यान दें, क्योंकि बेड रूम में वास्तु दोष होने पर यह नेगेटिव एनर्जी पैदा करता है, जिससे आपको अच्छी तरह नींद नहीं आ पाती। अगर नींद पूरी ना हो, तो सुबह उठने पर ताजगी महसूस नहीं होती और दिनभर आलस महसूस होता रहता है।
अगर आप चाहती हैं कि आपकी रातें सुकूनभरी और दिन ताजगी से भरपूर हों तो अपने बेड रूम को वास्तु अनुरूप अवश्यक बनाएं। वास्तु एक्सपर्ट नरेश सिंगल से आइए जानते हैं कि आप कैसे अपने बेडरूम को वास्तु सम्मत बनाकर आराम से सो सकती हैं-
बिस्तर की दिशा है महत्वपूर्ण
मास्टर बेडरूम में वास्तु के अनुसार बिस्तर लगाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नींद की गुणवत्ता और परिवार के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, मास्टर बेडरूम में सोने की स्थिति या तो दक्षिण या पश्चिम है। पलंग को दक्षिण या पश्चिम में दीवार से सटाकर रखना चाहिए ताकि लेटते समय आपके पैर उत्तर या पूर्व की ओर हों।
कोने से सटा न हो बिस्तर
कमरे के कोने में बिस्तर लगाने से बचें क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को स्वतंत्र रूप से बहने से रोकता है। वास्तु के अनुसार, बिस्तर की स्थिति दीवार के मध्य भाग के साथ होनी चाहिए ताकि चारों ओर घूमने के लिए पर्याप्त जगह हो।
वास्तु के अनुसार सोने की दिशा
वास्तु के अनुसार सोने की सबसे अच्छी दिशा दक्षिण है क्योंकि यदि आप लंबी, गुणवत्ता वाली नींद लेना चाहते हैं तो इसे आदर्श नींद की स्थिति माना जाता है। साथ ही उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से सौभाग्य और भाग्य की प्राप्ति होती है। वैकल्पिक रूप से, आप पूर्व की ओर पैर करके सोने की स्थिति चुन सकते हैं क्योंकि इससे धन और मान्यता में वृद्धि होती है। उत्तर दिशा की ओर सिर रखने वाले लोगों को शांतिपूर्ण, अच्छी नींद मिलने की संभावना नहीं है।
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दक्षिण में पैर करने से बचें
हममें से कई लोग दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोते हैं। ऐसा करना गलत होता है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचें, क्योंकि यह आपको अच्छी नींद लेने से रोकेगा। दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता के लिए है और इससे बचना चाहिए। इससे मन के रोग भी हो सकते हैं।
ध्यान देने वाली अन्य बातें
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- बेड रूम में प्रेम संबंध प्रगाढ़ करने के लिए प्रेम भाव दर्शाती पेंटिग्स या स्टेचू रख सकते हैं।
- घर के मुखिया का बेड रूम दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए।
- बड़ों के लिए शयन कक्ष दक्षिण अथवा पश्यिम में बनाया जा सकता है।
- किशोरों के लिए शयन कक्ष दक्षिण-पूर्व में बनाना बेहतर रहता है।
- सोते समय पैर ठीक दरवाजे के सामने न हों।
- सोते समय शरीर का कोई भी हिस्सा दर्पण में न दिखाई दे, अन्यथा बुरे सपने व बदन दर्द होने की आशंका बढ़ सकती है।
- बीम या गार्डर के नीचे न सोएं। इस हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ-साथ वंशवृद्धि में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- बेड पर लाल रंग की चादर न बिछाएं, बल्कि आरेंज, गुलाबी, हल्के बादामी रंग की चादर बिछाएं। ये रंग आंखों को ठंडक देते हैं। परदे इत्यादि भी हल्के रंग के लगाएं।
- आलमारी दक्षिण या पश्चिम में रखें।
- टीवी और एयरकंडीशनर की व्यवस्था दक्षिण-पूर्व में करें।
- ड्रेसिंग टेबल पूर्व में रखें।
- बेडरूम में पानी से संबंधित शो पीस, फिश-एक्वेरियम या फव्ववारे इत्यादि न लगाएं।
- पीने का पानी टेलीफोन या टेलीविजन के पास न रखें। उसमें प्रवाहित होने वाली विधुत तरंगों से पानी दूषित हो जाता है।
- वास्तु का जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। अगर बेड रूम को वास्तु के अनुकूल बना लिया जाए तो इससे रात में अच्छी नींद आने के साथ-साथ दिनचर्या भी अच्छी बनी रहती है।
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