जब लोग घर बनवाते हैं तो अपने दरवाजों पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। यह घर को अधिक सुरक्षित बनाने में मददगार होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हीं दरवाजों से चलकर खुशियां भी आपके घर में दस्तक देती हैं। अमूमन लोग दरवाजे तो बनवा लेते हैं, लेकिन उसके बाद उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा दरवाजों का गलत दिशा में लगे होने या फिर दरवाजों का सही रख-रखाव ना होने के कारण भी हो सकता है।
आपको शायद पता ना हो, लेकिन घर की अन्य चीजों की तरह की दरवाजों का भी अपना एक अलग महत्व होता है। इसलिए, अगर दरवाजों को वास्तु के अनुसार घर में लगवाया जाए तो इससे व्यक्ति के घर में खुशहाली और सकारात्मकता का संचार होता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि आपको घर में दरवाजे लगवाते समय किन-किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए-
पूजा स्थान का दरवाजा
अगर आपने अपने घर में अलग से पूजा स्थान बनवाया है और आप वहां पर दरवाजा लगवा रही हैं तो पूजा स्थान का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा के मध्य में होना चाहिए।
मास्टर बेडरूम का दरवाजा
वहीं मास्टर बेड रूम के लिए नॉर्थ -ईस्ट अर्थात् ईशान कोण सबसे अच्छा माना जाता है। बेडरूम के दरवाजे की हाइट को लेकर आपको अधिक सतर्क होना चाहिए। ध्यान दें कि बेडरूम के दरवाजे की ऊंचाई साढ़े सात फीट से कम नहीं होना चाहिए, ताकि घर का कोई भी सदस्य कमरे में झुककर प्रवेश ना करें। हमेशा घर के सबसे ऊंचे सदस्य की हाइट से छह से आठ इंच की ऊचाई पर दरवाजा बनवाएं।
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बच्चों के बेडरूम का दरवाजा
वहीं, बच्चों के बेडरूम में पूर्व की दिशा में दरवाजा बना सकते है। दरवाजे का कलर टीक या लाइट क्रीम या व्हाइट रखा जा सकता है। अगर आप घर में बच्चों के लिए अलग से स्टडी रूम डिजाइन करवा रहे हैं तो उसका दरवाजा पूर्व या पश्चिम की दिशा में बनवाया जा सकता है।
किचन का दरवाजा
आजकल घरों में ओपन किचन बनवाने का चलन काफी बढ़ गया है, लेकिन फिर भी अगर आप किचन में दरवाजा लगवा रहे हैं तो ऐसे में उत्तर या उत्तर पश्चिम की दिशा में दरवाजा बनवाना एक अच्छा विचार हो सकता है।
स्टोर का दरवाजा
ठीक इसी तरह, स्टोर का दरवाजा कभी भी पश्चिम की दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। इसका उत्तर या पूर्व दिशा में होना अधिक बेहतर माना जाता है।
अन्य जरूरी टिप्स
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- कभी भी घर में एक सीध में तीन से ज्यादा दरवाजे ना हो। ताकि वह तीनों आमने-सामने ना खुले। अगर ऐसा है तो आप किसी एक दरवाजे पर परदा या डोर क्लोजर लगा लें।
- जब आप घर में दरवाजे लगवाएं तो यह ध्यान रखें कि दरवाजों की संख्या हमेशा सम 2 4 6 8 हो। कभी भी दरवाजों की संख्या विषम नहीं होनी चाहिए।
- दरवाजे बनवाते समय मुख्य द्वार में दो पल्ले बनवाएं और उसमें कुछ आर्टवर्क भी बनवाना चाहिए। घर के भीतर के दरवाजे एक पल्ले के भी हो तो कोई समस्या नहीं है।
- कमरों के लकड़ी दरवाजे हमेशा कमरे के अंदर खुलना चाहिए ना ही बाहर की ओर। वहीं, लोहे के गेट बाहर की तरफ ही खुलते हैं।
- घर के दरवाजों पर कोई भी धार्मिक चिह्न नहीं होना चाहिए। जबकि मुख्य द्वार पर कोई शुभ चिह्न जैसे ओम् या स्वास्तिक आदि बनाना चाहिए।
- घर के अंदर के दरवाजों पर कभी भी ब्लैक कलर का इस्तेमाल ना करें। आप टीक, व्हाइट या क्रीम आदि कलर को चुन सकती हैं। अगर आप कलरफुल दरवाजे चाहती हैं तो भी एक साथ कई तरह के कलर का इस्तेमाल करने से बचें।
Image Credit- freepik, pixabay
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