गोल्ड में इन्वेस्ट करना भारत में सदियों से चलता चला आ रहा है। सोना केवल भारतीयों के लिए ज्वैलरी नहीं है, बल्कि धन और समृद्धि का प्रतीक भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, लोग धनतेरस और अक्षय तृतीया जैसे शुभ मौकों पर सोने की खरीदारी करते हैं। इस साल 30 अप्रैल यानी आज अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है। आज लोग ट्रेडिशनल तौर पर सोने की ज्वेलरी, सिक्के या बार खरीदेंगे, लेकिन बदले समय के साथ गोल्ड इन्वेस्टमेंट के तरीकों में भी बदलाव हुआ है।
टेक्नोलॉजी और नए जमाने के फिनटेक प्लेटफॉर्म्स सोने में इन्वेस्ट करने के लिए निवेशकों को कई तरह के विकल्प प्रदान कर रहे हैं। अब आप फिजिकल गोल्ड के अलावा, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड बॉन्ड और भी कई तरीकों से इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
फिजिकल गोल्ड(Physical Gold)
अक्सर भारतीय सोने की ज्वेलरी में इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि, फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना महंगा पड़ सकता है और इसमें मेकिंग चार्ज भी शामिल होता है, जिसकी वजह से ज्वेलरी का प्राइस बढ़ जाता है। अगर आप फिजिक गोल्ड में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं, तो आपको बिस्कुट, बार या सिक्के खरीदने चाहिए। इस तरह के इन्वेस्टमेंट में मेकिंग चार्ज बहुत कम होता है और बेचने पर अच्छा रिटर्न भी मिलता है।
गोल्ड स्कीम्स(Gold Schemes)
अगर आप गोल्ड खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और आपके पास ज्यादा पैसा नहीं है, तो आप गोल्ड स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। आजकल मार्केट में कई तरह की स्कीम्स चल रही हैं, जिसे ज्वैलर्स द्वारा चलाया जा रहा है। यह स्कीम्स SIP की तरह होती हैं और इनका टाइम पीरियड 11 महीने से लेकर 5 साल तक हो सकता है। जब स्कीम मैच्योर हो जाती है, तो आप जमा की गई राशि से ज्वेलरी या सोना खरीद सकते हैं। कुछ स्कीम्स आपको बोनस या डिस्काउंट भी देती हैं।
डिजिटल गोल्ड(Digital Gold)
आज के डिजिटल युग में सोने में निवेश करना चुटकियों का काम हो चुका है। कई फिनटेक प्लेटफॉर्म्स डिजिटल गोल्ड खरीदने का आसान विकल्प देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर आप अपने बजट के अनुसार डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड खरीदते समय आप मार्केट वैल्यू पर इसे खरीदते हैं और जब चाहें आप इसे बेच भी सकते हैं। यह पूरी तरह ऑनलाइन होता है। जब आप डिजिटल गोल्ड बेचते हैं, तो आपको रिटर्न के रूप में पैसे मिल जाते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bonds)
भारत सरकार ने साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond - SGB) स्कीम की शुरुआत की थी। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाता है और पूरा कंट्रोल उसी के हाथ में होता है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को गोल्ड खरीदने की जगह इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना है। ये बॉन्ड आमतौर पर 8 साल के टाइम पीरियड के लिए होता है, लेकिन आप 5 साल बाद बिना पेनाल्टी के इसे निकाल सकते हैं। हर साल इस बॉन्ड पर सरकार निवेशकों को 2.5 फीसदी का निश्चित ब्याज भी देती है। मैच्योरिटी के बाद, आप बॉन्ड को कैश में रिडीम भी करवा सकते हैं और इस पर आपको किसी तरह का टैक्स भी नहीं देना पड़ता है।
गोल्ड ETF(Gold)
आज के समय में गोल्ड ईटीएफ यानी Gold Exchange Traded Fund भी अच्छा ऑप्शन बन चुका है। यह एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने में निवेश करता है और इसका ट्रांजैक्शन शेयर मार्केट के जरिए होता है। गोल्ड ETF में इन्वेस्ट करने के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है।
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गोल्ड FOF(Gold FOF)
गोल्ड FOF का मतलब है कि गोल्ड फंड ऑफ फंड्स, एक ऐसा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन, जो सोने में नहीं बल्कि गोल्ड ETF में इन्वेस्ट करता है। गोल्ड FOF खुद किसी एक गोल्ड ETF में इन्वेस्ट करता है। ये फंड उन लोगों के लिए है, जिनके पास डिमैट अकाउंट नहीं होता है और वह सोने में निवेश करने की चाह रखते हैं। आपको इसमें FOF और ETF दोनों का चार्ज देना पड़ सकता है।
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