घर में जब भी कोई शुभ अवसर होता है तो उसमें बन्दनवार अवश्य लगाई जाती है। यह बन्दनवार ना केवल आपके घर की शोभा बढ़ाती है, बल्कि इससे घर में शुभता का संचार भी होता है। बस जरूरी है कि आप सही तरह से बन्दनवार का इस्तेमाल करें। आजकल मार्केट में कई तरह के बन्दनवार मिलते हैं। इतना ही नहीं, आम के पत्तों से लेकर पीपल व अशोक के पत्तों की मदद से भी बन्दनवार बनाई जाती है और इसे घर में लगाना काफी अच्छा माना जाता है।
वैसे अगर बन्दनवार और वास्तु के आपसी संबंध की बात की जाए तो यहां आपको यह समझना चाहिए कि बन्दनवार को घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है और इस तरह घर में सकारात्मकता या नकारात्मकता मुख्य द्वार से ही आपके घर में प्रवेश करती है। इस तरह, अगर बन्दनवार लगाते समय वास्तु के नियमों का ख्याल रखा जाए तो इससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है और नकारात्मक उर्जा घर में प्रवेश ही नहीं कर पाती। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि घर में बन्दनवार लगाते समय वास्तु के किन टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए-
इन चीजों से बनाएं बन्दनवार
जब आप घर में बन्दनवार का इस्तेमाल कर रही हैं तो आपको यह जरूर देखना चाहिए कि आपकी बन्दनवार किस चीज से बनी हुई है। अगर आप अपने घर में शुभता का संचार करना चाहती हैं तो आप कोशिश करें कि आप आम के पत्तों, अशोक के पत्तों, दूबघास, फूल, नारियल के रेशे व धान से बनी बन्दनवार का इस्तेमाल करें। यह नेगेटिव एनर्जी को दूर करते हैं। इसके अलावा, आप बन्दनवार में कुछ शुभ प्रतीकों जैसे ओम्, स्वास्तिक या गणेश व लक्ष्मी जी की बन्दनवार का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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एनर्जी फिल्टर के रूप में करें इस्तेमाल
वास्तु शास्त्र में बन्दनवार को एनर्जी फिल्टर या एनर्जी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मसलन, अगर आप नारियल के रेशे या कौड़ियों की बनी बन्दनवार एनर्जी फिल्टर के रूप में काम करती हैं। मसलन, वह नेगेटिव एनर्जी को बाहर ही रोक देती हैं और उसे घर में नहीं आने देती। वहीं, आम के पत्तों से लेकर फूलों से बनी बन्दनवार एनर्जी बूस्टर के रूप में काम करती है। इस तरह वह नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के साथ-साथ सकारात्मकता को बढ़ाती है।
सही हो दिशा
अगर आप आम या अशोक के पत्तों के साथ फूलों की बन्दनवार का इस्तेमाल कर रही हैं, तो ऐसे में आप दिशाओं का ख्याल रखें। अगर आप गेंदा के फूल की बन्दनवार लगा रही हैं तो ऐसे में आप उसे ईस्ट की दिशा में लगाएं। वहीं, अगर आप येलो, रेड व ऑरेंज कलर के फूलों का इस्तेमाल कर रही हैं तो उसे दक्षिण की दिशा में लगाएं। वहीं पश्चिम की दिशा में व्हाइट फूलों का इस्तेमाल करें या फिर मेटल के कलर की बन्दनवार भी इस दिशा में लगाई जा सकती हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आप तांबे के रंग की बन्दनवार यहां ना लगाएं।
प्लास्टिक की ना हो बन्दनवार
जब आप बन्दनवार को अपने घर में लगा रही हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि आप प्लास्टिक का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें। प्लास्टिक एक टॉक्सिक एलीमेंट माना जाता है, जो आपके घर की एनर्जी को डिस्टर्ब कर सकता है। कई बार लोग प्लास्टिक के धागे में बनी बन्दनवार को घर में लगाते हैं। लेकिन आप ध्यान रखें कि बन्दनवार का धागा भी प्लास्टिक का ना बना हो।आप इसकी जगह कॉटन या ऊन का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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जरूर निकाल दें बन्दनवार
अगर आपने किसी त्योहार या बर्थडे या फिर शुभ अवसर पर बन्दनवार को अपने घर में लगाया है तो आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अवसर खत्म हो जाने के बाद 21 दिन के अंदर उसे अवश्य हटा दें। दरअसल, एक वक्त के बाद बन्दनवार कोई एनर्जी नहीं देती। वहीं, अगर आपके पत्तों या फूलों की बन्दनवार लगाई है तो वह सूख जाती है और फिर इससे नेगेटिविटी बढ़ती है।
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