इन टिप्स की मदद से डालें बच्चों में रिस्पेक्ट करने की आदत

अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चों में बड़ों को आदर-सम्मान देने की आदत का विकास हो तो आप ले सकती हैं इन तरीकों का सहारा। 

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सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे तहज़ीब से पेश आएं। मेहमानों के सामने रेस्पेक्ट से बात करें लेकिन, समय के साथ बच्चे अपनी अलग दुनियां बनाते चले जाते हैं। बहुत हद तक पेरेंट्स का बिज़ी रहना भी बच्चों के ऐसे व्यवहार का कारण है। जब भी पेरेंट्स को बच्चों में इस तरह की आदत नज़र आए तो इसको इग्नोर न करें। घर में इस तरह का माहौल पेरेंट्स के लिए एक संकेत है, जिसको पहचान कर पेरेंट्स का इस पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। अगर आप भी अपने बच्चों में डिस-रेस्पेक्ट बिहेवियर नोटिस कर रही हैं तो आप ये काम करके इसको उनकी आदत बनने से रोक सकती हैं -

बच्चों को रेस्पेक्ट दें

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हम बड़े लोग हमेशा चाहते हैं कि बच्चे हमारी रेस्पेक्ट करें लेकिन बच्चों से अक़्सर चिल्लाकर या रूखेपन से बात करते हैं। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वह भी बच्चों के साथ रेस्पेक्ट से बात करें। हम बच्चों को बहुत सारी बातें करके सिखा सकते हैं। प्रैक्टिकली करके बच्चे किसी भी चीज़ को अच्छे से समझते हैं। हमें ध्यान में रखना चाहिए कि ऑफिस में हमारे बॉस भी हमसे इज़्ज़त से पेश आते हैं।ठीक वैसे ही व्यवहार की उम्मीद बच्चे भी हमसे करते हैं।

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नियम नहीं प्यार करना सिखाएं

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पेरेंट्स छोटे-छोटे बच्चों को भी डिसिप्लिन सिखाते नज़र आते हैं। अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपका आदर करें तो उनको नियमों की सीमाओं में कैद न करें। बच्चों को प्यार की अहमियत समझाएं। प्यार से अपने और अपने बच्चों के रिश्तों को मज़बूत बनाएं। जैसे ही आपके और आपके बच्चे के बीच प्यार पनपेगा आदर सम्मान खुद ब खुद पैदा हो जाएगा।

असली वजह खोजें

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अगर आपका बच्चा अचानक आपके साथ इस तरह का व्यवहार करने लगा है तो इसका कारण जानने की कोशिश करें। आप बच्चे के साथ शांति से बैठकर इसके बारे में बात करें। हो सकता है कि किसी बाहरी कारण से वो आपके साथ ऐसा व्यवहार कर रहा हो। इसलिए बच्चे के साथ कोई भी सख़्त बर्ताव करने के पहले उससे डिस-रेस्पेक्ट की वजह जान लें।फिजिकली एक्टिव बनाने के साथ बच्चों को यह Life Lesson सिखाते हैं स्पोर्ट्स

पार्टनर को रेस्पेक्ट दें

अक़्सर बच्चे अपने पेरेंट्स के व्यवहार को अपने जीवन में उतार लेते हैं। जब बच्चे अपने पेरेंट्स को लड़ते-झगड़ते देखते हैं तो वही एटीट्यूड उनमें भी पनपने लगता है। इसलिए ध्यान रखें कि आप बच्चों के सामने अपने पार्टनर के साथ रेप्सेक्ट से पेश आएं। ऐसा न करने पर आपके बच्चे भी परिवार में एक दूसरे को रेस्पेक्ट नहीं करते हैं।अगर आपका बच्चा जिद्दी है तो उसे समझाने के लिए अपनाएं ये 6 टिप्स

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हर वक़्त डांटना

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कभी-कभी पेरेंट्स अपनी निज़ी समस्यों के चलते बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते या बहुत अधिक इरिटेट हो जाते हैं। काम के प्रेशर में हम हमेशा बच्चों पर गुस्सा करते हैं या उनको उनके इंट्रेस्ट के काम करने से मना करते हैं। इस तरह बच्चों में नेगेटिव एटीट्यूड पैदा होने लगता है। बच्चे अपने पेरेंट्स को नापसन्द करने लगते हैं। जिसका नतीजा होता है डिस-रेस्पेक्ट। अगर आप ऐसा नहीं चाहती तो बच्चों को हर वक़्त डांटना बंद कर दें।

Image Credit:(@uickanddirtytips,assets.wowparenting)

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