अगर आपका पार्टनर किसी कारणवश डिप्रेशन में है तो यह स्थिति ना सिर्फ उसके लिए बल्कि आपके लिए भी उतनी ही चिंताजनक है। हो सकता है कि आप खुद को काफी असहाय भी महसूस करें और आपको यह समझ ही ना आए कि आप उसकी मदद किस तरह करें। यह अवसाद ना सिर्फ आपके पार्टनर के स्वास्थ्य या खुशियों को ही नहीं निगलता, बल्कि इससे आपके आपसी रिश्ते भी प्रभावित होते हैं। दरअसल, अवसादग्रस्त व्यक्ति निराशा के ऐसे अंधकार में डूबा होता है, जहां पर उसे कोई भी चीज खुशी नहीं देती और यही कारण है कि ऐसे व्यक्ति में सकारात्मकता का संचार करना बेहद मुश्किल होता है।
अगर आपका पार्टनर भी इसी तरह के कठिन दौर से गुजर रहा है तो यकीनन उसे आपकी मदद की बेहद जरूरत होगी। भले ही वह आपसे मुंह से ना कह, लेकिन इस मुश्किल वक्त में आप ही उसकी ताकत बनकर उसे डिप्रेशन से बाहर निकालने में मदद कर सकती हैं। हालांकि अब सवाल यह है कि आप ऐसा किस तरह कर सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे छोटे-छोटे टिप्स बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप यकीनन अपने पार्टनर की काफी मदद कर सकती हैं-
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लक्षणों को पहचानें
डिप्रेशन के लक्षण हर किसी व्यक्ति में एक जैसे नजर नहीं आते। इसकी गंभीरता के आधार पर लक्षण दिखाए देते हैं। इसलिए अगर आपको अपने पार्टनर में किसी भी तरह के बदलाव नजर आएं तो गुस्सा या नाराज होने के स्थान पर आप उन लक्षणों को गंभीरता से लें। अगर आप शुरूआती दौर में ही अपने पार्टनर की मनः स्थिति को समझ पाने में सक्षम हो जाती हैं तो इससे उन्हें निराशा के अंधकार से बाहर निकालना काफी आसान हो जाता है।
करें सपोर्ट
डिप्रेशन की निराशा से बाहर निकालने में आपका एक अहम् स्थान है। इसलिए इस मुश्किल दौर में आप उनका सपोर्ट सिस्टम बनकर सामने आएं। आप उन्हें अपने साथ बाहर वॉक के लिए या फिर साथ में कुकिंग के लिए प्रोत्साहित करें। हो सकता है कि वह शुरूआत में आपको मना करें, लेकिन आप अपने प्यार से उन्हें मना सकती हैं। इस तरह की एक्टिविटी देखने में भले ही सामान्य नजर आएं, लेकिन यह मनुष्य के भीतर सकारात्मकता का संचार करती है।
धैर्य का परिचय
अगर आपका पार्टनर डिप्रेशन से डील कर रहा है तो आपको उसे इस अवस्था से बाहर निकालने के लिए आपको बेहद धैर्य का परिचय देना होगा। आप मौका मिलने पर उससे बात करें। कोशिश करें कि आप अपने प्रयासों से उनके दिल को हल्का कर पाएं। जब वह खुलकर कुछ बोलेंगे तो इससे उन्हें अच्छा तो लगेगा ही, साथ ही आपको भी उनकी मनोदशा के बारे में पता चल पाएगा। हो सकता है कि बातचीत के दौरान वह कई नकारात्मक बातें कहें, उस दौरान आपको गुस्सा भी आ सकता है, लेकिन आपको बिल्कुल भी अपने मनोभावों को अपने पार्टनर के सामने प्रदर्शित नहीं करना है।खुद को खोए बिना भी आप बन सकती हैं एक अच्छी पार्टनर, जानिए कैसे
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चिकित्सीय सहायता
डिप्रेशन के मरीजों के साथ एक समस्या यह होती है कि बहुत से लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि वह अवसादग्रस्त हैं। अगर उन्हें यह पता भी होता है तो भी वह जल्दी इलाज के लिए तैयार नहीं होते। इस स्थिति में आपका होना काफी महत्वपूर्ण है। आप अपने प्यार से उन्हें यह समझाएं कि बिना इलाज के उनका दोबारा सामान्य हो पाना काफी कठिन हो जाएगा। कुछ पुरूष लोग क्या कहेंगे, ऐसी सोच के कारण भी डॉक्टर के पास जाने से हिचकते हैं। ऐसे में आप उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि इसके बारे में आप दोनों के अलावा किसी अन्य को पता नहीं चलेगा। साथ ही जब भी डॉक्टर की अपॉयटमेंट हों, आप हर बार उनके साथ जाएं। इससे भी उन्हें आंतरिक रूप से एक मजबूती मिलेगी।
हम आशा करते हैं कि इन टिप्स की मदद से आपको अपने पार्टनर को इस डिप्रेशन के इस कठिन दौर में सकारात्मकता का संचार करने में मदद मिलेगी। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हमारी वेबसाइट हरजिन्दगी से।
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