Tulsi At Home: तुलसी के पौधे को एक से दूसरे गमले में करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

तुलसी के पौधे को यदि आप एक नए गमले में लगा रही हैं, तो ऐसा करने से पहले एक्‍सपर्ट से जान लें इसकी सही विधि। 

tulsi in pot pic

हिंदू परिवारों में तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने के साथ ही इसे औषधि के रूप में भी महत्‍व दिया जाता है। इसलिए आप हर हिंदू घर में एक तुलसी का पौधा जरूर देखेंगे। तुलसी के पौधे की एक खासियत होती है कि यदि यह किसी स्थान पर अच्छे से लग जाए तो यह इतना फैलता है कि तुलसी का जंगल सा बन जाता है। वहीं किसी-किसी स्थान पर लाख सेवा करने के बाद भी यह ठीक से उग नहीं पाता है।

खासतौर पर जब इस पौधे को किसी दूसरे गमले में रीपॉट किया जाता है, यानी कि दोबारा से लगाया जाता है तो कई बार यह मुरझा जाता है। दरअसल, तुलसी के पौधे को दूसरे गमले में लगाने का एक तरीका होता है यदि आप उसी विधि से पौधे को लगाती हैं, तो आपका पौधा दूसरे गमले में भी खूब फले-फूलेगा।

तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि तुलसी के पौधे को आप कैसे एक गमले से दूसरे गमले में रिपोर्ट कर सकती हैं। इसके लिए हमने बात की है बांदा के कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट एवं हेड डॉक्टर आनंद सिंह से बातचीत की है। वह कहते हैं, 'तुलसी एक ऐसा प्‍लांट है जो विषम से विषम परिस्थितियों में भी हर-भरा बना रहता है, मगर जब आप इसे एक गमले से किसी दूसरे गमले में लगाती हैं तो आपको तो बहुत बार यह फलफूल नहीं पाता है। ऐसे में रिपॉटिंग के समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्‍यान देना चाहिए।'

things to remember while repotting tulsi plant

कब बदलें तुलसी के पौधे का गमला?

  • तुलसी का पौधा यदि बहुत अधिक पुराना हो गया है और सूखने लगा है, तो आप उसे दूसरे गमले में प्‍लांट करके उसमें नई जान फूंक सकती हैं। कई बार पुराने पौधे की जड़ इतनी फैलने लगती हैं कि गमले के बाहर आ जाती हैं, ऐसे में उनकी ठीक से देखभाल नहीं हो पाती है,साथ ही उन्‍हें क्षति भी पहुंचती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप तुलसी के पौधे को दूसरे गमले में प्‍लांट कर दें। ऐसा करने से उसी जड़े दोबारा से सुरक्षित हो जाती हैं।
  • यदि गमले में पानी जम रहा है, तब भी आपको दोबारा से पौधे की रीपॉटिंग करनी चाहिए। दरअसल, कई बार मिट्टी बहुत पुरानी हो जाती है और उसमें काई जमने लगती हैं। ऐसे में आप पौधे में जो पानी डाल रही होती हैं, वह ऊपर की सतह पर ही रह जाता है। इस स्थिति में जड़ों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है और पौधा सूखने लगता है। इस अवस्था में भी आपको पौधे को दूसरे गमले में लगा देना चाहिए।
  • जब गमले की मिट्टी बहुत पुरानी हो जाती है, तब उसे बदलने के लिए और नई खाद आदि डालने के लिए भी पौधे को एक गमले से दूसरे गमले में लगाया जाता है। ऐसा करने से पौधे को नई जान मिलती है और पौधा हमेशा हरा-भरा बना रहता है।

कैसे दूसरे गमले में लगाएं तुलसी का पौधा?

    • सबसे पहले तो आपको एक दूसरे गमले का इंतजाम करना है, जो टूटा हुआ न हो और उसके तले में पानी निकलने के लिए छेद हो। बेस्‍ट होगा कि आप मिट्टी का गमला ही पौधा लगाने के लिए चुने। प्लास्टिक के गमले में तुलसी के पौधे की जड़ें खराब हो सकती हैं।
    • साफ मिट्टी का इस्तेमाल करें। मिट्टी के साथ-साथ थोड़ी सी बालू भी डालें ऐसा करने से पौधे की ग्रोथ में फायदा होता है। इस बात का भी ध्‍यान रखें कि आपको किसी अन्य पौधे गमले की मिट्टी में तुलसी का पौधा नहीं लगाना है, क्योंकि इससे अन्य पौधे के बीज भी उस मिट्टी में पनप सकते हैं। ऐसे में तुलसी के पौधे को बढ़ने में दिक्कत हो सकती है।
    • आप तुलसी के पौधे के लिए जिस मिट्टी का इस्तेमाल कर रही हैं, उसमें पहले ही खाद मिला लें और ऐसा करते वक्त आपको ध्‍यान रखना है कि मिट्टी में पत्थर आदि न हो या फिर कोई और कूड़ा या प्लास्टिक का तिनका न हो।
    • दूसरे गमले में तुलसी का पौधा लगाते वक्त इस बात का भी ध्‍यान रखें कि पौधे की जड़ों को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचे।

तुलसी का पौधा लगाने की विधि

  • तुलसी का पौधा अगर आप एक गमले से दूसरे गमले में लगा रही हैं, तो पहले आप गमले में सूखी मिट्टी डालें। इस मिट्टी में खाद न मिली हो। लगभग गमले में आपको 1/2 इंच तक मिट्टी डालना है और फिर आप उसमें तुलसी का पौधा जड़ से लगाएं।
  • इसके बाद आप खाद वाली मिट्टी गमले में डालें। मिट्टी में नमी बनी रहे इसके लिए आपको उसमें पानी डालना चाहिए। क्योंकि मिट्टी अभी गमले में ठीक प्रकार से बैठी नहीं है इसलिए आपको तेज धार से पानी नहीं डालना है नहीं तो सारी मिट्टी गमले से बाहर गिर जाएगी।
  • इसके बाद गमले को एक ऐसे स्थान पर रखें जहां पर न अधिक धूप आती हो न अधिक छांव हो। तुलसी के गमले की मिट्टी यदि सतह से गीली नजर आ रही हैं तो आपको रोज उसमें पानी देने की आवश्यकता नहीं है। अधिक पानी देने से भी तुलसी के पौधे की जड़ें गलने लगती हैं।

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